देश में इस साल गेहूं का उत्पादन लगभग 3 प्रतिशत घटकर 106 मिलियन टन हो जाएगा। कृषि मंत्रालय ने कृषि मंत्रालय ने यह जानकारी दी है भारत के गेहूं उत्पादन में 2014 से 2015 के बाद यह पहली बड़ी गिरावट होंगी। बता दें कि इससे पहले 2020 से 2021 के बीच गेहूं का उत्पादन रिकॉर्ड 109 मिलियन टन रहा था। भारत के गेहूं उत्पादन में गिरावट के लिए सरकार ने असामान्य गर्म मौसम को जिम्मेदार ठहराया है। हीटवेव की वजह से हरियाणा और पंजाब में अच्छी फसल नहीं हुई जबकि फरवरी में सरकार ने 111 मिलियन टन से ज्यादा के रिकॉर्ड गेहूं उत्पादन की संभावना जताई थी। वही गुरुवार के आंकड़ों के मुताबिक अनुमान से उत्पादन अभी भी लगभग 5 प्रतिशत कम रहेगा पिछली बार जब के उत्पादन में गिरावट दर्ज की गई थी तो उसके पीछे सूखे के लिए जिम्मेदार फहराया गया था। बता दें कि कृषि मंत्रालय फसल कटाई के अलग-अलग चरणों में तीन अनुमान जारी करता है, इसके बाद आखिर में फसल उत्पादन का अंतिम डेटा जारी किया जाता है।
भारत में गेहूं निर्यात पर लगाया बैन इन देशों को संकट
गौरतलब है कि भारत ने हाल ही में भारत ने हाल ही में गेहूं निर्यात पर बैन लगा दिया है। भारत में गेहूं का निर्यात बंद करते हुए कारण बताया कि वो पहले देश में अनाज के दाम को नियंत्रित रखने को प्राथमिकता देना चाहता है। ऐसे में उसने कुछ समय के लिए गेहूं के निर्यात पर रोक लगाई है। जिसके बाद दुनिया के कई देशों में खासतौर पर G7 समूह से जुड़े देशों ने भारत से अपील की कि भारत अपना यह फैसला वापस ले ले। हालांकि इन सबके बीच यह भी माना जा रहा है कि भारत सरकार के गेहूं निर्यात बैन से इसके भंडारण में संभावित कमी को जल्द पूरा कर लिया जाएगा, साथ ही इससे देश में खाद्य मूल्यों को भी नियंत्रित रखने में मदद मिलेगी।