उत्तर प्रदेश में कोरोना के मामले लगातार बढ़ते जा रहे है। ऐसे में सरकार की लापरवाही को जिम्मेदार ढहराया जा रहा है। लोग और विपक्ष दोनों इस समय सरकार पर हमलावर है। अब इलाहाबाद हाई कोर्ट ने भी योगी सकरकर के कार्यशैली पर सवाल उठाये है। हाई कोर्ट ने प्रदेश सरकार की स्वास्थ्य व्यवस्था को बेहद कमजोर बताया। कोर्ट ने कहा की कुछ महीनो से हमने महसूस किया है की प्रदेश की मौजूदा स्वास्थ्य व्यवस्थाएं इस मुश्किल घड़ी में लोगो की जरूरते पूरी नहीं कर पा रही है और स्वास्थ्य व्यवस्था पूरी तरह से फेल हो चूका है। इस व्यवस्था में बेहद और जल्द सुधार करने की आवश्यकता है।
कोर्ट ने कहा की प्रदेश में चार महीनों के भीतर कानपूर , मेरठ , गोरखपुर , आगरा ,प्रयागराज इन सभी जगहों के मेडिकल कॉलेजो पर संजय गाँधी स्नाकोत्तर संस्थान की सुविधाएं उपलध होनी चाहिए। आपातकालीन कानून लागु कर भूमि अधिग्रहण गया जा सकता है और तत्काल निधि प्रदान की जाए और साथ में स्वायत्तता भी दिया जाए। सरकार अगले महीने की तारीख तक इसकी रिपोर्ट के साथ आये और इस मामले को लंबित नहीं करे।
कोर्ट ने प्रदेश सरकार को कहा की छोटे शहरी क्षेत्रो में और गावों में भी स्वास्थ्य सेवा मुहैया कार्यया जाए। इस सभी जगहों पर पैथोलॉजी की सुविधा सुनिश्चित करने का काम सरकार जल्द से जल्द करे। लेवल 2 के बराबर अस्पतालों की तरह प्रदेश के सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्रो पर उपचार मुहैया हो। ग्रामीण क्षेत्रो में भी एम्बुलेंस की सुविधा होना जरूरी है ताकि अतिगंभीर मरीज को समय से उपचार के लिए बेहतर अस्पताल ले जाया जा सके। इसके लिए कोर्ट ने योगी सरकार को सुझाव देते हुए कहा की राज्य के हर एक बी और सी ग्रेड शहरों को कम से कम 20 एम्बुलेंस दिया जाए और प्रदेश के हर एक गांव में कम से कम 2 एसी एम्बुलेंस होनी चाहिए। एक महीने के भीतर एम्बुलेंस की उपलब्धता सुनिश्चित करे और इन एम्बुलेंस में बेहतरीन चिकित्सा उपलब्ध होना जरूरी है।
कोर्ट ने आदेश देते हुए कहा की नर्सिंग होम के लिए जरूरी मानक बनाने की जरूरत है। आइये जानते है क्या वो मानक जिनका सुझाव कोर्ट ने दिया है –
1. प्रदेश के सभी नर्सिंग होम की हर एक बीएड पर ऑक्सीजन की सुविधा होनी जरूरी है।
2. 20 से अधिक बेड वाले हर एक नर्सिंग होम और अस्पतालों में गहन देखभाल इकाइयों के रूप के 40 % बेड कम से कम, होना चाहिए,और इन 3. 40 % में से वेंटिलेटर की सुविधा हो,25 % पर उच्च प्रवाह नाक प्रवेशनी होनी चाहिए तथा बाकि 50 % में बीपैप मशीन होनी जरूरी है। 4. जिस भी नर्सिंग होम या अस्पताल में 30 से ज्यादा बेड है उनमे ऑक्सीजन उत्पादन संयंत्र अनिवार्य रूप से होना चाहिए।