UP MLC Election- उत्तर प्रदेश का हर चुनाव बेहद दिलचस्प होता है, यहां होने वाला हर चुनाव अपने रिजल्ट से चौका देता है। उत्तर प्रदेश में हुए 1 महीने पहले विधान सभा चुनाव पर पूरे देश की नजर थी, इस चुनाव को भले ही बीजेपी ने जीत लिया हों लेकिन कुछ जिलों में मुख्य विपक्षी पार्टी समाजवादी पार्टी ने भारतीय जनता पार्टी का सफाया कर दिया था।
आज इसी उत्तर प्रदेश में ठीक है, एक महीने बाद हुए MLC चुनाव में बड़ा चौंकाने वाला परिणाम देखने को मिला जिस आजमगढ़ को समाजवादी पार्टी का गढ़ कहा जाता है। खुद समाजवादी पार्टी सुप्रीमो अखिलेश यादव मोदी लहर में भी लोक सभा चुनाव में बड़ी जीत हासिल कर चुके हैं, लेकिन MLC चुनाव के परिणाम नें समाजवादी पार्टी के होश उड़ गए हैं। आजमगढ़ में विधान सभा चुनाव में सभी 10 सीटों पर जीत हासिल करने वाली समाजवादी पार्टी MLC चुनाव में यहां तीसरे नंबर पर आई यहां निर्दलीय प्रत्याशी नें सपा और बीजेपी दोनों को हराते हुए जीत हासिल की जबकि दोनों ही पार्टियों को यहां जीत की उम्मीद थी। यह भी पढ़े – Covid-19 Update in India: भारत में कोरोना क़े 796 नए केस ?
UP MLC election अपने गढ़ में भी सपा का सूपड़ा साफ?
आजमगढ़ में MLC की सीट पूर्व बीजेपी नेता यशवंत सिंह के बेटे और निर्दलीय प्रत्याशी विक्रांत सिंह रेंशु ने जीती आजमगढ़ में एमएलसी का चुनाव भी बेहद दिलचस्प था। जिसकी वजह थे यहां क़े प्रत्याशी बीजेपी ने सपा विधायक रमाकांत यादव के बेटे अरुण कांत यादव पर दांव लगाया था, अरुण कांत यादव के पिता रमाकांत यादव ने हाल ही में हुए विधान सभा चुनाव में बीजेपी प्रत्याशी को हराया था। इसके अलावा समाजवादी पार्टी ने राकेश उर्फ गुड्डू को उतारा था, वहीं पूर्व बीजेपी नेता यशवंत सिंह के बेटे विक्रांत सिंह रेंशु निर्दलीय प्रत्याशी के तौर पर ताल ठोक रहे थे। यशवंत पर आरोप था, कि वो बीजेपी प्रत्याशी अरुण कांत यादव के खिलाफ बेटे को उतार कर पार्टी विरोधी कार्य कर रहे है। जिसकी सजा बीजेपी ने यशवंत सिंह को 6 साल के लिए निलंबित करके दी, लेकिन यशवंत सिंह के बेटे नें दोनों बड़ी पार्टियों के प्रत्याशियों को धूल चढ़ाते हुए MLC की सीट पर कब्जा कर लिया। विक्रांत सिंह रेंशु को 4 हजार 75 वोट मिले बीजेपी प्रत्याशी और सपा विधायक क़े बेटे अरुण कांत यादव को 1 हजार 262 वोट मिले वहीं सपा उम्मीदवार राकेश उर्फ गुड्डू को मात्र 356 वोट मिले। राकेश को यह हार तब मिली जब 1 महीने पहले ही सपा ने आजमगढ़ में विधान सभा की सभी 10 सीटों पर विजय पाई थी।