चिंताजनक : कोरोना की R-value ने सरकार की बढ़ाई चिंता, 87 दिन बाद देश में फिर वही हालात हुए।

कुछ एक्सपोर्ट यह बता रहे हैं कि कोरोना की तीसरी लहर धीमी पाव चलकर दस्तक दे चुकी है। इंस्टीट्यूट आफ मैथमेटिकल साइंस चेन्नई के प्रोफेसर सिताभ्र सिन्हा के मुताबिक कोरोना की रिप्रोडक्शन वैल्यू पॉइंट 0.99 से बढ़कर 1 हो गई है। आपको बता दें के रिप्रोडक्शन वैल्यू स्कोर R-value से कोरोना वायरस के प्रजनन दर को कैलकुलेट किया जाता है।

R-value

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7 मई जैसे है आकड़े

प्रोफेसर सिन्हा ने बताया 7 मई को जब देश में कोरोना के चार लाख से ज्यादा मामले सामने आ रहे थे तब कोरोना की रिप्रोडक्शन वैल्यू 1 थी। आज एक बार फिर कोरोना रिप्रोडक्शन वैल्यू 1 पर पहुंच चुकी है। इसका सीधा मतलब यह हुआ कि कोरोना के संक्रमण के मामले बढ़ने लगे हैं और देश में तीसरी लहर की चपेट में बहुत जल्द आने वाला है। उन्होंने कहा कि हम बहुत भाग्यशाली होंगे अगर यह R-value 1 से नीचे हो जाता है।

क्या है R-value ?

डाटा साइंटिस्ट के मुताबिक R-value जिसको हम रिप्रोडक्शन रेट कहते हैं। r-value बताता है कि संक्रमित व्यक्ति से कितने लोग संक्रमित हो रहे हैं या हो सकते हैं। अगर reproduction-value एक से ज्यादा होता है तो इसका सीधा मतलब है कि कोरोना के मामले तेजी से बढ़ रहे हैं। लेकिन अगर R-value एक से कम होने लगे तो कोरोना के केसेस घटने का संकेत होता है।एक उदाहरण के तौर पर समझें तो अगर 100 व्यक्ति संक्रमित हैं तो वे 100 लोगों को संक्रमित करते हैं तो इसका मतलब r-value 1 होगी। अगर वह लोग सिर्फ 80 लोगों को संक्रमित कर रहे हैं तो r-value 0.8 होगी।

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एम्स के निदेशक डॉ रणदीप गुलेरिया ने भी इस बात की पुष्टि की कि देश में वायरस की प्रजनन दर यानी R-value बढ़ने लगा है जो विशेष चिंता का विषय बना हुआ है। डॉक्टर गुलेरिया ने बताया कि reproduction-value 0.99 थी लेकिन अब बढ़कर 1 हो गई है। R-value के बढ़ने की वजह से अब सतर्क ज्यादा हो रहने की जरूरत है।

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इन राज्यों के आकड़े बढ़ा रहे है चिंता

देश में केरल उत्तराखंड और हिमाचल के साथ कुछ पूर्वोत्तर राज्यों में करुणा के मामले तेजी से बढ़ रहे हैं। प्रोफ़ेसर सिन्हा ने बताया कि पूर्वोत्तर में मणिपुर अरुणाचल प्रदेश और त्रिपुरा को छोड़ दिया जाए तो अन्य सभी राज्यों में R-value एक से अधिक है। असम मिजोरम मेघालय नागालैंड में यह reproduction-value सबसे ज्यादा है लेकिन केरल कर्नाटक उत्तराखंड हिमाचल प्रदेश में सक्रिय मामले तेजी से बढ़ रहे हैं।

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