देश में एक बार कोरोना के मामले (Covid Cases In India) तेजी से बढ़ने लगे है। कोरोना के तेजी से बढ़ते मामलो के बीच लोगों को अब लॉकडाउन का डर एक बार फिर सताने लगा है। बीते 24 घंटे में कोरोना के चलते 56 लोगों ने जान गवाई है, वही 2380 लोग संक्रमित भी हुए है। देश के नौ राज्यों के 36 जिलों में हालात बेहद खराब है। इन सभी राज्यों में संक्रमण दर करीब 5 फिसदी से भी अधिक हो गया है।
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तेजी से बढ़ते संक्रमण दर के बीच अब सवाल उठने लगा है कि क्या पाबंदियों का दौर एक बार फिर वापस आने वाला है? क्या चौथी लहर आ गई है? मामले अगर बढ़े तो क्या सरकार एक बार फिर लॉकडाउन लगाने पर विचार कर सकती है?
Covid Cases In India
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स्वास्थ्य मंत्रालय के जारी आंकड़ों के मुताबिक देश में कुल 13,433 सक्रिय मामले (Covid Cases In India) हैं। लेकिन सकारात्मक खबर यह है कि रिकवरी रेट देश में फिलहाल 98.7 फ़ीसदी है। आम तौर पर समझा जाए तो 100 मरीजों में से 98.76 लोग स्वस्थ हो रहे हैं। देश में अगर मामले (Covid Cases In India) तेजी से बढ़ते रहे तो लॉकडाउन लगाने पर भी विचार हो सकता है।
लॉकडाउन लगाने के नियम क्या कहता है?
दिल्ली की बात करें तो DDMA ग्रेडेड रिस्पांस एक्शन को Covid मैनेजमेंट के लिए तैयार किया था। ग्रेडेड रिस्पांस एक्शन यानी जीआरपी के मुताबिक अगर राज्य में लगातार दो दिनों तक संक्रमण दर 5% से ज्यादा बना रहता है तो लॉकडाउन पर विचार हो सकता है। लेकिन यह नियम किसी भी तरह से केंद्रीय स्तर का नियम नहीं है और नहीं इसको लेकर केंद्र की तरफ से कोई स्पष्ट गाइडलाइन जारी हुई है।
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इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च के वरिष्ठ वैज्ञानिक डॉ रजनी कांत के मुताबिक लॉकडाउन को अंतिम विकल्प के तौर पर देखा जाता है। लॉकडाउन उस परिस्थितियों में लगाने की नौबत आती है जब लगने लगता है कि बिना इसके संक्रमण (Covid Cases In India) को रोकना मुश्किल हो रहा है। रजनीकांत के मुताबिक केंद्र सरकार की ओर से अभी लॉकडाउन लगाने पर विचार नहीं हो रहा।
सरकार ने पहली बार क्यों लगाया था लॉकडाउन ?
शुरुआती समय में लॉकडाउन केंद्र सरकार ने इसलिए लगाया क्योंकि हमारे पास टेस्टिंग, हॉस्पिटल बेड, वैक्सीन और कोरोना से लड़ने के कई महत्वपूर्ण संसाधनों की कमी थी। देश में अब ज्यादा आबादी को वैक्सीन भी चुकी है और बच्चों को भी टीकाकरण लगाने की प्रक्रिया में वृद्धि हो रही है।
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अमर उजाला में छपी एक रिपोर्ट के मुताबिक रजनीकांत ने एक सवाल का जवाब देते हुए बताया कि राज्य सरकारें और जिला के अफसरों को यह तय करना होता है कि उनके राज्य या जिले में कोरोना का संक्रमण दर (Covid Cases In India) बढ़ रहा है तो उसको रोका कैसे जाए। अफसरों के पास इसके कई विकल्प मौजूद होते हैं।
अगर किसी जिले में संक्रमण दर बढ़ रहा है तो वहां के अफसर उन क्षेत्रों की पहचान कर कंटेनमेंट जोन बना सकते हैं। इसके अलावा नाइट कर्फ्यू जैसे अन्य प्रतिबंध भी लगाने की स्वतंत्रता उन अफसरों के पास होती है। इन प्रतिबंधों के बावजूद भी अगर उस जिले में मामले नहीं रुक रहे तो जिला स्तर पर लॉकडाउन लगाने का भी फैसला किया जा सकता है।
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