दिन रात अगर कोई मेहनत कर रहा है महामारी के दौर में तो वो है हमारे डॉक्टर और नर्स। और ऐसे खबर आए की ये लोग अपनी मांग को लेकर प्रदर्शन कर रहे है। तो खबर सुनते है हर किसी के माथे पर चिंता की लकीर खींचनी स्वाभाविक है।
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सफदरगंज अस्पताल में नर्सो का आंदोलन क्यों ?
दिल्ली के सफदरगंज अस्पताल से खबर आ रही है। वहां पर कुछ नर्सों ने आज आंदोलन करना शुरू कर दिया है ।देश को महामारी से बचाने वाली कोरोनावरियर्स अपनी कुछ मांग को लेकर के आंदोलन कर रही हैं। लेकिन इस आंदोलन की वजह से किसी मरीज को कोई तकलीफ नहीं हो रही है। कोरोना संकट के बीच में दिल्ली के सफदरगंज अस्पताल की नर्स काली पट्टी बांधकर आज काम कर रही है ।
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नर्सों की यूनियन से बातचीत पर पता चला कि सफदरगंज अस्पताल के चिकित्सा अधीक्षक को पत्र लिखकर आउटसोर्सिंग से नर्सों की भर्ती रोकने की मांग की है ।आपको बताते चलें कि दिल्ली नर्सेज यूनियन के अध्यक्ष प्रेम रोज और महासचिव जीके खुराना ने सफदरगंज अस्पताल के चिकित्सा अधीक्षक को वर्तमान में चल रही नर्सों की भर्ती प्रक्रिया के खिलाफ एक पत्र लिखा था।
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पत्र में उन्होंने लिखा था की अस्पताल प्रशासन हमारी बातों को व्यक्तिगत रूप से सुनने का समय दें। क्योंकि आउटसोर्सिंग से नर्सों की भर्ती प्रक्रिया को करना यह एक गंभीर मामला है। नर्सों की यूनियन ने कहा था कि हम मरीजों की देखभाल को बिना बाधित किए ही अपना विरोध प्रदर्शन करेंगे, और इसलिए हमने काली पट्टी बांधकर के अपना विरोध जताया है |आगे इस विरोध को 2 घंटे की स्ट्राइक में बदला जाएगा।
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यूनियन ने कहा कि इस कोविड महामारी के समय में भारी मन से हम ऐसा कर रहे हैं क्योंकि हमें ऐसा करने के लिए मजबूर किया जा रहा है। देश अभी कोरोना की दूसरी लहर से त्रस्त चल रहा है। कुछ दिन पहले हर तरफ दवाइयों की कमी और अस्पताल में बेड की कमी देखने को मिल रही थी। लेकिन इस मारामारी के बीच सुखद समाचार यही है कि दिन प्रतिदिन देश में कोरोना के आंकड़े कम होते जा रहे हैं ।