देश में लगातार गर्मी बढ़ती जा रही है. बढती गर्मी जहां एक तरफ लोगों का बुरा हाल कर रही है तो वही दुसरी तरफ बिजली कटौती (Electricity Crisis in India) से भी लोग परेशान है. देश के करीब 13 राज्य बिजली कटौती की समस्या झेल रहे है. इन राज्यों में उत्तर प्रदेश, तमिलनाडु, राजस्थान, दिल्ली, महाराष्ट्र, आन्ध्र प्रदेश, गुजरात, पंजाब, झारखंड, हरियाणा आदि शामिल है.
कोयले की कमी के चलते देश में बिजली कटौती (Electricity Crisis in India) की समस्या दिन प्रतिदिन बढती जा रही है. केन्द्र सरकार ने यूपी में बिजली आपूर्ति बाधित न हो इसके लिए 657 पैसेंजर ट्रेनों के संचालन को रद्द करने का फैसला लिया है. सरकार ने पैसेंजर ट्रेनों के रद्द करने के पीछे की वजह बताते हुए बताया कि हम चाहते है की थर्मल पावर स्टेशनों तक कोयले की सप्लाई कर रहे माल गाड़ियों को रास्ता आसानी से मिल सके और कोयला समय से पहुंच सके.
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रूस – यूक्रेन युद्ध के कारण गैस की आपूर्ति बाधित युद्ध
केन्द्रिय कोयला मंत्री प्रहृाद जोशी ने देश में चल रही बिजली कटौती (Electricity Crisis in India) पर बयान देते हुए कहा कि रूस और यूक्रेन के बीच चल रहे युद्ध की वजह से रूस से गैस की आपूर्ती बाधित हो रही है. जोशी ने कहा की हमारे थर्मल पावर प्लांट के पास अभी 21 मिलियन टन कोयले का स्टॉक है, जिससे 10 दिनों का काम चल सकता है. उन्होने कहा कि कोल इंडिया के कुल स्टॉक को मिला कर देश में लगभग 30 लाख टन का स्टॉक बचा है. इतने स्टॉक से लगभग 70 से 80 दिनों तक बिजली की आपूर्ती की जा सकती है. जोशी के मुताबिक देश में मौजुदा हालात समान्य है.
Electricity Crisis in India के मुख्य कारण क्या है?
देश तेजी से बढ़ती गर्मी के कारण बिजली की मांग अचानक से बढ़ गई है. बिजली बढ़ती मांग (Electricity Crisis in India) के चलते कोयले की खपत बढ़ गई. केन्द्रिय ऊर्जा मंत्री आरके सिंह ने माना की देश में कोयले की कमी है. कोयले की कमी का कारण ऊर्जा मंत्री ने रूस – यूक्रेन युद्ध को बताया. वही झारखंड में कोल कंपनियों का बकाया पेंमेंट न देना भी देश में कोयला संकट का प्रमुख कारण माना जा रहा है.
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