Shani Dev: अगर आप भी प्राप्त करना चाहते हैं शनि देव की कृपा, तू नीलम को छोड़ जरूर पहने यह सस्ता रत्न

Shani Dev: नवरत्नों के बारे में तो आपको पता ही होगा लेकिन आपको बता दें कि नवरत्‍नों में शुमार नीलम बहुत ही ज्यादा ताकतवर और महंगा रत्‍न होता है। लेकिन आपको बता दें कि इस रत्‍न का भी एक सब्सिट्यूट या उपरत्‍न होता है जो कि बहुत प्रभावी होता है और बहुत अच्छे नतीजे देता है।

लीलिया उपरत्न

आपको बता दें कि ज्योतिष शास्‍त्र की प्रभावी शाखा रत्‍न शास्‍त्र में हर रत्‍न के उपरत्नों के बारे में भी बताया गया है। आपको पता ही होगा कि नीलम, हीरा, पन्‍ना, पुखराज आदि रत्‍न बहुत महंगे होते हैं, इसीलिए इनके उपरत्नों को पहनकर भी ग्रहों से शुभ फल पाए जा सकते हैं। इसी तरह एक नीलम का उपरत्‍न है लीलिया। लीलिया को नीलिया और नीली उपरत्‍न के भी नाम से जाना जाता है। आपको बता दें कि लीलिया पहनने से भी शनि शुभ फल देने लगते हैं और जीवन में तेजी से सुख-समृद्धि बढ़ने लग जाती है। हर काम में सफलता भी मिलने लग जाती है।साथ ही साथ किस्‍मत का पूरा साथ मिलने लगता है। लीलिया की बात करें तो ये दिखने में हल्‍के नीले रंग और चमकदार होता है।

कौन सी राशि के लिए होता है लीलिया ?

रत्‍न शास्‍त्र के अनुसार लीलिया रत्‍न वृष राशि, मिथुन राशि, कन्या राशि, तुला राशि, मकर राशि और कुंभ राशि वालों के लिए बहुत शुभ होता है। लेकिन ध्यान रहे कि इन जातकों को भी विशेषज्ञों की सलाह से ही लीलिया या नीलम रत्‍न को धारण करना चाहिए। वहीं अन्‍य राशि वालों की बात करें तो कुंडली में शनि की स्थिति के आधार पर कुछ मामलों में नीलम या लीलिया पहनने से फल मिलता है। इसीलिए बेहतर होता है कि रत्‍न धारण करने से पहले कुछ दिन तक उसे नीले कपड़े में लपेटकर अपने हाथ या कंधे में बांध लेना चाहिए, और चाहे तो रात में तकिया के नीचे रखकर भी सो सकते हैं। यदि आपको नींद अच्‍छी आए और अच्‍छा महसूस हो तो लीलिया या नीलम धारण कर लेना चाहिए।

कैसे लीलिया को करें धारण ?

आपको बता दें कि लीलिया को शनिवार की दोपहर धारण करना सबसे ज्यादा शुभ होता है। लीलिया को हमेशा मध्‍यमा अंगुली में पहनना चाहिए और अंगूठी का डिजाइन ऐसा होने चाहिए ताकि रत्‍न स्किन पर टच हो। हमेशा ध्‍यान रखें कि लीलिया शनि का रत्‍न है, इसीलिए यह रत्‍न धारण करने के बाद नॉनवेज-शराब का सेवन बिलकुल भी नहीं करना चाहिए, और ना ही किसी असहाय-गरीब को सताना चाहिए इससे शनि नाराज हो जाते हैं।

यह भी पढ़ें –Samudra Manthan: इन 5 चीजों का समुद्र मंथन से है खास नाता, घर में रखने पर कभी नहीं होती है तिजोरी खाली

Leave a Comment

नरेंद्र मोदी की माँ का निधन कब हुआ? | Heera Ben Ka Nidhan Kab Hua कर्नाटक के मुख्यमंत्री कौन है?, Karnataka Ke Mukhya Mantri kon Hai, CM Of Karnataka कर्नाटक के बिजली मंत्री कौन है? , Karnataka Ke Bijli Mantri Kon Hai, Electricity Minister Of Karnataka पश्चिम बंगाल में Bikaner Express के 12 डिब्बे पटरी से उतरे विधानसभा चुनाव उत्तर प्रदेश (Assembly elections Uttar Pradesh)