India VS Bharat पर बवाल क्यों ?
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इस वक्त देश में जिस खबर की सहसे ज्यादा चर्चा है वो है India और भारत (India VS Bharat ) के नाम को लेकर. इस खबर पर चर्चा तब शुरू हो गई जब देश की महामहिम यानी राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू के पत्र पर India की जगह भारत लिखा गया. खबर को आसान भाषा से समझे तो इसके पहले जितने भी पत्र या आदेश सरकार या राष्ट्रपति के द्वारा जारी होते थे उनमें प्रसिडेंट ऑफ इंडिया लिखा होता था. लेकिन G-20 समिट के लिए 9 सितंबर को होने वाले डिनर कार्यक्रम के लिए देश के नेताओं को भेजे गए निमंत्रण पत्र पर प्रेसिडेंट ऑफ इंडिया की जगह प्रेसिडेंट ऑफ भारत लिखा गया है. इस नाम के बदलाव (India VS Bharat ) को लेकर विपक्ष सरकार पर हमलावर है और पूरा विवाद इस नाम को लेकर है. अब खबर ये भी है कि मोदी सरकार द्वारा बुलाए गए विशेष सत्र में नाम बदलने को लेकर भी चर्चा हो सकती है.
India VS Bharat: कांग्रेस भी ला चुकी है विधेयक
लेकिन क्या आपको पता है मोदी सरकार से पहले भी इंडिया को भारत नाम से बदलने की कोशिश हो चुकी है. 9 अगस्त 2012 को कांग्रेस ने भारत नाम रखने का एक विधेयक लेकर आई थी. इस विधेयक को राज्यसभा सांसद शांताराम नाइक ने एक निजी विधेयक के रूप में राज्यसभा में पेश किया था. इस विधेयक में नाइक ने तीन बदलावों को प्रस्ताव रखा था.
1. संविधान की प्रस्तावना में इंडिया शब्द के स्थान पर भारत रखा जाए.
2. इंडिया, दैट इज भारत वाक्यांश के स्थान पर एकल भारत शब्द रखा जाए.
3.संविधान में जहां भी इंडिया शब्द आता है वहां भारत शब्द लिखा जाए.
इस विधेयक में इस बात का जिक्र था की इंडिया एक क्षेत्रीय अवधारणा को दर्शाता है, जबकि भारत क्षेत्रों से ज्यादा का प्रतिक है.
योगी आदित्यनाथ ने 2014 में पेश किया था एक निजी विधेयक-India VS Bharat
यूपी के मौजूदा मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने 2014 में एक निजी विधेयक लोकसभा में पेश किया था. य़ोगी ने इंडिया शब्द को हिंदुस्तान से बदलने के लिए लोकसभा में ये विधेयक पेश किया था. उन्होने ने कहा कि संविधान में जहां कहीं भी इंडिया शब्द आता है उसकी जगह पर हिंदुस्तान शब्द का प्रयोग करने का प्रस्ताव दिया था. योगी ने अपने इस विधेयक से अनुच्छेद 1 में संशोधन करने का प्रस्ताव दिया था.