मिजोरम और असम के बीच जमीन और सीमा को लेकर संघर्ष चल रहा था वो अब वह धीरे-धीरे थमता नजर आ रहा है। कुछ दिन पहले असम सरकार ने एक एडवाइजरी जारी करते हुए कहा कि कोई मिजोरम ना जाए। इस एडवाइजरी को आज वापस ले लिया गया है।
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50 से ज्यादा लोग हुए थे घायल
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असम सरकार ने असम मिजोरम के बीच हुए खूनी संघर्ष के बाद एडवाइजरी को जारी किया था। आज एडवाइजरी को जब वापस लिया गया तो इस फैसले का स्वागत मिजोरम के सीएम जोरमथंगा ने किया। आपको बता दें बीते 26 जुलाई को दोनों राज्यों के पूर्वोत्तर में सीमा को लेकर झड़प हुई थी, जिसमें असम के 6 पुलिसकर्मी शहीद हो गए थे। इस खूनी संघर्ष में कछार के पुलिस अधीक्षक समेत 50 से अधिक लोगों के घायल होने की सूचना थी।
सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए जारी की गयी थी एडवाइजरी
इस खूनी संघर्ष के बाद असम सरकार ने सुरक्षा दृष्टिगत को ध्यान में रखते हुए अपने लोगों को मिजोरम नहीं जाने की एडवाइजरी जारी की थी। दोनों राज्यों के प्रतिनिधियों ने गुरुवार को एक मीटिंग की और अंतर राज्य सीमा विवाद को सौहार्दपूर्ण तरीके से समाधान निकालने के लिए सहमत हुए। इस मीटिंग के बाद से ही असम सरकार ने अपने एडवाइजरी वापस ली।
दोनों राज्यों ने दिया है संयुक्त बयान
दोनों राज्यों द्वारा एक संयुक्त बयान दिया गया जिसमें कहा गया कि दोनों राज्य सरकारें अंतर राज्य सीमा क्षेत्र में शांति बनाए रखने के लिए सहमत हो गई है। इस सिलसिले में भारत सरकार द्वारा नियुक्त बल की तैनाती का भी स्वागत किया गया है। आपको बता दें कि सीमा विवाद के लेकर हुए संघर्ष के बाद बयान बाजी दोनों राज्यों के सीएम के बीच शुरू हो गई थी। दोनों राज्यों के मुख्यमंत्रियों ने केंद्र सरकार को इस मामले में हस्तक्षेप करने का सिफारिश किया था। धीरे-धीरे क्षमता हुआ और स्थिति सामान्य होती हुई दिख रही है। आपको बता दें इस खूनी संघर्ष के बीच मिजोरम में असम के सीएम हेमंत बिस्वा शर्मा के ऊपर मुकदमा भी दर्ज किया गया है।
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