पूर्व वित्त सचिव राजीव कुमार नें रविवार को 25 वें निर्वाचन आयुक्त के रूप में कार्य-भार संभाल लिया है। वों 1 सितंबर 2020 से निर्वाचन आयुक्त के तौर पर चुनाव आयोग से जुड़े हुए थे और गुरुवार को उन्हे CEC नियुक्त किया गया। उन्होंने सुशील चंद्र की जगह पर स्थान लिया है. जो शनिवार शाम को ही रिटायर हुए हैं। नए मुख्य निर्वाचन आयुक्त के सामने सबसे पहली जिम्मेदारी है. राष्ट्रपति और उपराष्ट्रपति चुनाव कराने की जो जल्द ही होने वाले हैं। उन्हीं के कार्यकाल में 2024 का लोकसभा चुनाव और कई विधानसभा चुनाव भी होंगे। राजीव कुमार को जब निर्वाचन आयुक्त नियुक्त किया गया था तब वों लोक उद्यम चयन बोर्ड के अध्यक्ष थे। उन्होंने तत्कालीन निर्वाचन आयुक्त अशोक लवासा के इस्तीफे के बाद 1 सितंबर 2020 को निर्वाचन आयुक्त का पदभार संभाला था।
राजीव कुमार के कार्यकाल में होगा अगला चुनाव
IAS क़े 1984 बैच के बिहार-झारखंड कैडेट के अधिकारी राजीव कुमार फरवरी 2020 में आईएस के रूप में रिटायर हुए। चुनाव आयोग के मुताबिक बीएससी, LLB, और MA पब्लिक पालिसी की डिग्री हासिल करने वाले राजीव कुमार के पास भारत सरकार की 36 सालों से ज्यादा की सेवा का अनुभव है। उन्होंने इस दौरान सामाजिक क्षेत्र पर्यावरण, वन, मानक संसाधन, वित्त और बैंकिंग क्षेत्र में केंद्र और राज्य विभिन्न मंत्रालयों में काम किया है। भारत सरकार की वित्तीय सेवा विभाग के वित्त सह सचिव के रूप में अपने कार्यकाल के दौरान सितंबर 2017 से फरवरी 2020 के बीच उन्हें बैंकिंग बीमा और पेंशन सुधारों को भी देखने का जिम्मा मिला था।आयोग के मुताबिक राजीव कुमार ने वित्तीय सेवा क्षेत्र का परीक्षण किया और कई बातों के साथ-साथ प्रमुख पहलूवों और सुधारों को शुरू करने में अहम भूमिका निभाई है। राजीव कुमार नें फर्जी इक्विटी बनाने के लिए इस्तेमाल किए जाने वाली करीब 3 लाख 38 हजार सेल कंपनियों के बैंक खाते भी फ्रीज किए थे।