Pegasus Software news:सुप्रीम कोर्ट ने आज पेगासस मामले को लेकर बड़ा आदेश जारी किया है। सुप्रीम कोर्ट के 3 जजों की बेंच ने पूरे मामले की सुनवाई की। यह सुनवाई चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया की अध्यक्षता में हुई। इस मामले की सुनवाई करते हुए तीनों जजों की बेंच ने कहा कि अगर किसी भी प्रकार के नियमों के विरुद्ध जासूसी हुई है तो कोर्ट मुखदर्शक नहीं बनेगा।
Pegasus Software देश में प्रसिद्ध लोगो के ऊपर कर रहा जासूसी
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आपको बता दें पेगासस एक प्रकार का जासूसी सॉफ्टवेयर है जिसको इजरायली कंपनी एनएसओ ने विकसित किया है। खोजी पत्रकारों के एक ग्रुप ने इस बात का दावा किया है कि इस जासूसी सॉफ्टवेयर पेगासस से 10 देशों में करीब 50 हजार लोगों की जासूसी कराई गई है। अगर भारत में इस सॉफ्टवेयर से जासूसी करने के आंकड़ों की बात करें तो दावा किया जा रहा है कि करीब 300 नाम शामिल हो सकते हैं जिनकी निगरानी इस Pegasus Software के जरिए की जा रही थी। इन नामों में सरकार में शामिल कुछ मंत्री, कुछ विपक्ष के नेता, कुछ पत्रकार, वकील, जज, कारोबारी, अफसर, वैज्ञानिक और एक्टिविस्ट के शामिल होने की बात कही जा रही है।

SC ने पेगासस की जांच को लेकर 3 लोगो की एक्सपर्ट कमेटी बनाने का दिया आदेश
इस पूरे मामले को लेकर आज अदालत में सुनवाई करते हुए तीन लोगों की एक्सपर्ट कमेटी बनाने का फैसला किया है। इन तीन लोगों की एक्सपर्ट कमेटी जो सुप्रीम कोर्ट के रिटायर्ड जस्टिस आर वी रवींद्रन की अध्यक्षता में काम करेगा। जांच कमेटी में पूर्व आईपीएस ऑफिसर आलोक जोशी और इंटरनेशनल ऑर्गेनाइजेशन आफ स्टैंडर्डाइजेशन सब कमेटी के चेयरमैन डॉ संदीप ओबेराय को भी शामिल किया गया है। सुप्रीम कोर्ट ने इन तीन एक्सपर्ट लोगों की कमेटी के साथ साथ तीन सदस्य टेक्निकल कमेटी भी बनाई जिसमें साइबर सिक्योरिटी और डिजिटल फॉरेंसिक के प्रोफेसर डॉ नवीन कुमार चौधरी इंजीनियरिंग के प्रोफेसर डॉ प्रभाकरण और कंप्यूटर साइंस एंड इंजीनियरिंग के एसोसिएट प्रोफेसर डॉ अश्विन अनिल गुमस्ते को शामिल किया गया है।
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पेगासस आपके फोन पर कैसे हमला कर सकता है?
सबसे पहले आपको यह जानना होगा कि इजरायली कंपनी एनएसओ के द्वारा बनाया गया। यह पेगासस सॉफ्टवेयर किसी भी मोबाइल पर अटैक कर सकता है। यह सॉफ्टवेयर बिना किसी लिंक पर क्लिक किए भी मोबाइल में इंस्टॉल किया जा सकता है। यह एक एसएमएस, व्हाट्सएप मैसेज तथा अन्य तरीकों से भी मोबाइल में इंस्टॉल किया जा सकता है।

मोबाइल में इंस्टॉल हो जाने के बाद आपकी कई सारी जानकारियों को चुराता है और अटैक करने वाले व्यक्ति के पास पहुंचा देता है। पेगासस आपकी s.m.s., ईमेल, व्हाट्सएप चैट, कैलेंडर, फोटो, वीडियोस, जीपीएस, डाटा, कॉल रिकॉर्डिंग माइक्रोफोन और कैमरा को भी एक्टिवेट करता है और इन जगहों से आप के डाटा को चोरी कर सकता है।
Pegasus Software को लेकर राहुल गाँधी ने मोदी सरकार पर साधा निशाना
इस पूरे मामले को लेकर कांग्रेस के नेता राहुल गांधी ने बयान देते हुए कहा कि सुप्रीम कोर्ट ने इस जासूसी मामले की जांच के लिए कमेटी का गठन किया है इससे यह साफ होता है कि हमारे द्वारा उठाए गए सवालों पर सुप्रीम कोर्ट ने मुहर लगा दी है। राहुल गांधी ने इस बात का दावा किया कि पिछले संसद सत्र के दौरान हमने इस पेगासस मामले को उठाया था और संसद को ठप करवा दिया था। राहुल गांधी ने कहा कि इस पर पेगासस (Pegasus Software) जासूसी के जरिए लोगों की लोकतांत्रिक अधिकार पर सीधा हमला किया जा रहा है जिसकी जांच होनी जरूरी है।
#Pegasus मामले में सुप्रीम कोर्ट के ऑर्डर का हम स्वागत करते हैं।
बात राजनीति की नहीं है- ये देश के लोकतांत्रिक ढाँचे पर, जनता पर व आज़ादी पर हमला है।
ये हमला करने का निर्देश सिर्फ़ दो ही लोग दे सकते हैं और जब सच सामने आएगा उनके पास कोई जवाब नहीं होगा।— Rahul Gandhi (@RahulGandhi) October 27, 2021
राहुल गांधी ने मोदी सरकार पर निशाना साधते हुए कई सवाल दागे राहुल गांधी ने इस मामले को लेकर कई सवाल खड़े किए हैं। राहुल गांधी ने सवाल पूछते हुए कहा कि प्रधानमंत्री को इस पेगासस के जरिए जासूसी कर डाटा मुहैया करवाया जा रहा था। इसे कोई क्यों करवा रहा था और किसके लिए करवा रहा था यह जांच का विषय है। राहुल गांधी ने पूछा क्या कर्नाटक की सरकार इस पर पेगासस का इस्तेमाल करके गिराई गई थी? इसको भारत में कौन लाया? पेगासस को किसने खरीदा? क्या भारत के आलावा डाटा किसी और देश को भी भेजा गया है?