UP Assembly election 2022 : करनैलगंज विधानसभा में किस पार्टी का सबसे ज्यादा लहराया परचम जानिए पूरा इतिहास।

UP Assembly election 2022 : राजनीती में उठा पटक को लेकर भी यह विधानसभा क्षेत्र काफी चर्चित है। इस बार चुनाव आयोग के अनुसार 3 लाख 29 हजार 119 मतदाता हैं जिनमें एक लाख 75 हजार 905 पुरुष 1 लाख 53 हजार 193 महिला मतदाता है। यहां सबसे ज्यादा ठाकुर मतदाता है दूसरे नंबर पर ब्राह्मण वोटरों की संख्या है, दलित और मुस्लिम वोटरों की संख्या लगभग बराबर है।

करनैलगंज विधानसभा क्षेत्र आजादी के बाद से नाम को लेकर दो विधाओं के बीच पनपा है मौजूदा समय का करनैलगंज 1951 में कैसरगंज और तरबगंज विधानसभा क्षेत्र के अंतर्गत बनाया गया था। 1951 विधानसभा चुनाव के अनुसार यह क्षेत्र गोंडा ईस्ट में आया और इस सीट से कांग्रेस के सज्जन देवी को जीत हासिल हुई। 1957 में इस सीट को पहाड़ापुर के नाम से जाना गया इस सीट से निर्दलीय उम्मीदवार लक्ष्मी नारायण को जीत हासिल हुई जिन्होंने कांग्रेस के शांति चंद्र को 3 हजार 293 वोटों से शिकस्त दी। 1962 के चुनाव में यहा कांग्रेसी प्रत्याशी शांति चंद्र को जीत मिली पिछली हार का बदला लेते हुए पहाड़ापुर विधानसभा सीट से कांग्रेस प्रत्याशी शांति चंद ने स्वतंत्र पार्टी के केदारनाथ को 914 वोटों से पराजित किया। मौजूदा विधानसभा करनैलगंज का उदय 1967 में हुआ।

 

UP Assembly election 2022 : करनैलगंज विधानसभा में किस पार्टी का सबसे ज्यादा लहराया परचम जानिए पूरा इतिहास।

 UP Assembly election 2022 : अब तक करनैलगंज में कौन सी पार्टी का रहा बोल बाला ?

विधानसभा चुनाव 1967 (UP Assembly election 1967)

1967 विधानसभा चुनाव में निर्दलीय उम्मीदवार एमएम सिंह ने कांग्रेस पार्टी के उम्मीदवार शांति चंद को 920 वोटों से हराया। निर्दलीय उम्मीदवार एमएम सिंह नें 9 हजार 699 वोट हासिल किए और कांग्रेस प्रत्याशी शांति चंद्र को जनता ने 8 हजार 789 वोट दिए।

विधानसभा चुनाव 1969 (UP Assembly election 1969)

1969 के विधानसभा चुनाव में करनैलगंज सीट में बघेलु सिंह ने जीत हासिल की जो संयुक्त सोशलिस्ट पार्टी के प्रत्याशी थे इन्होंने कांग्रेस के कमला देवी को 1585 वोट से हराया था।

विधानसभा चुनाव 1974 (UP Assembly election 1974)

1974 विधानसभा चुनाव में कांग्रेस पार्टी को यहां से सफलता हाथ लगी कांग्रेस पार्टी के उम्मीदवार रघुराज सिंह ने जनसंख्या के प्रत्याशी त्रिवेणी को 3 हजार 30 वोटों से शिकस्त दी। कांग्रेस पार्टी ने इस चुनाव में 15 हजार 144 वोट हासिल किए वही जनसंघ को 12 हजार 114 मतों से संतोष करना पड़ा।

विधानसभा चुनाव1977 (UP Assembly election 1977)

1977 करनैलगंज विधानसभा चुनाव में जनता पार्टी ने यहा जीत दर्ज की जनता पार्टी की तरफ से चुनाव लड़ते हुए त्रिवेणी सिंह ने 22 हजार 227 मत हासिल किए और कांग्रेस पार्टी के उम्मीदवार उमेश्वर प्रताप सिंह को 5 हजार 83 मतों से हराया यहां की जनता ने कांग्रेस पार्टी को 16 हजार 344 वोट दिए।

विधानसभा चुनाव 1980 (UP Assembly election 1980)

1980 विधानसभा चुनाव में यहां कांग्रेस पार्टी के प्रत्याशी उमेश्वर प्रताप सिंह ने जीत हासिल की उमेश्वर प्रताप सिंह को 21 हजार 910 वोट मिले इन्होंने जनता पार्टी के मदन मोहन सिंह को दस हजार 37 वोटों से हराया था।

UP Assembly election

विधानसभा चुनाव 1985(UP Assembly election 1985)

उत्तर प्रदेश में 1985 विधानसभा चुनाव में कांग्रेस पार्टी के उमेश्वर प्रताप सिंह नें एक बार फिर जीत हासिल की इन्होंने भारतीय जनता पार्टी के सूर्यकांत सिंह को शिकस्त दी।

विधानसभा चुनाव 1989 (UP Assembly election 1989)

1989 की विधानसभा चुनाव में कांग्रेस पार्टी के उम्मीदवारों में उमेश्वर प्रताप सिंह नें जीत की हैट्रिक लगाई करनैलगंज विधानसभा की जनता ने विधायक उमेश्वर प्रताप को 27 हजार 624 वोट विधानसभा भेजा जबकि लोक दल के प्रत्याशी तालुकदार को हार का सामना करना पड़ा।

विधानसभा चुनाव 1991 (UP Assembly election 1991)

1991 का विधानसभा चुनावी क्षेत्र के लिए टर्निंग प्वाइंट बना और बरगदी कोट राजघराने के कुंवर अजय प्रताप सिंह उर्फ लल्ला भैया ने कांग्रेस पार्टी की नेता और जीत की हैट्रिक लगा चुके उमेश्वर प्रताप सिंह को हराया। अजय प्रताप सिंह ने भारतीय जनता पार्टी के टिकट पर चुनाव लड़ते हुए कांग्रेस के उम्मीदवार को 38 हजार 865 वोटों से शिकस्त दी अजय प्रताप सिंह को यहा कि जनता नें 55 हजार 921 मत दिए।

विधानसभा चुनाव 1993 (UP Assembly election 1993)

1993 में राम मंदिर का मुद्दा प्रदेश में हाई था, जिसका फायदा भारतीय जनता पार्टी के उम्मीदवार अजय प्रताप सिंह लल्ला भैया को मिला लल्ला भैया ने समाजवादी पार्टी के प्रत्याशी वासुदेव को 34,648 वोटो से करारी शिकस्त दी।कांग्रेस पार्टी के उम्मीदवार योगेश प्रताप सिंह को 19,780 वोट मिले और योगेश प्रताप सिंह तीसरे स्थान पर रहे। 

UP Assembly election 2022 : करनैलगंज विधानसभा में किस पार्टी का सबसे ज्यादा लहराया परचम जानिए पूरा इतिहास।

विधानसभा चुनाव 1996 ( UP Assembly election 1996)

1996 में हुए विधानसभा चुनाव अजय प्रताप सिंह उर्फ लल्ला भैया ने जीत की हैट्रिक लगाते हुए निर्दलीय प्रत्याशी योगेश प्रताप सिंह हराया। निर्दलीय प्रत्याशी योगेश प्रताप सिंह को 28,914 मिले जिसके करण 14,676 वोटो से बीजेपी उम्मीदवार नें जीत हासिल की।

विधानसभा चुनाव 2002(UP Assembly election 2002)

2002 में योगेश प्रताप सिंह पाला बदलकर बहुजन समाजवादी पार्टी में शामिल हो गए इन्होंने बीजेपी उम्मीदवार अजय प्रताप सिंह उर्फ लल्ला भैया को 4,167 वोटों से हराया।

विधानसभा चुनाव 2007  (UP Assembly election 2007)

2007 विधानसभा चुनाव में कुंवर अजय प्रताप सिंह नें कांग्रेस पार्टी के टिकट पर चुनाव लड़ा और योगेश प्रताप सिंह जो बहुजन समाजवादी पार्टी को छोड़कर समाजवादी पार्टी में शामिल हुए थे उन्हें 22 हजार 795 वोटों से हराया।

विधानसभा चुनाव 2012 (UP Assembly election 2012)

2012 में जब पूरे प्रदेश में सपा की लहर थी तब योगेश प्रताप सिंह ने समाजवादी पार्टी के टिकट पर बसपा में शामिल होकर अजय प्रताप सिंह को 11 हजार 721 वोटों से हराया।

विधानसभा चुनाव 2017 (UP Assembly election 2017)

2017 के विधानसभा चुनाव में कुंवर अजय प्रताप सिंह नें भारतीय जनता पार्टी का हाथ थामा और बीजेपी लहर में उनकी नैया भी 28 हजार 405 वोटों से पार लग गई समाजवादी पार्टी के नेता को सिर्फ 54 हजार 462 वोट मिले। जाति और धर्म के इर्द-गिर्द उलझी यहा की राजनीति में अब आगे क्या होगा यह 10 मार्च को पता चल जाएगा लेकिन फिलहाल यह तो तय है कि इस बार टक्कर भाजपा और सपा के बीच ही है।

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