Atp ki khoj kisne ki (Apt की खोज किसने की थी?): हमारा शरीर कोशिकाओं से मिलकर बना हुआ है कार्य करने के लिए हमारे शरीर को ऊर्जा की जरुरत होती है। हमारे भी दिमाग में सवाल उत्त्पन हुआ होगा की हमारे शरीर की सारी गतिविधिया कैसे होती है।
सामन्य तरीके से हमको पता है, की खाना खाने से शरीर को ऊर्जा मिलती है और हम काम करते है। आज के आर्टिकल में हम आपको Atp ki khoj kisne ki (Atp की खोज किसने की थी?) के बारे में डिटेल में जानकारी देने का प्रयास करेंगे।
Atpक्या है?
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Atp हमारे शरीर में पाचन के बाद सग्रहित ऊर्जा होती है। जिसके जरिए हम एक बार खाना खाने के बाद लम्बे समय तक उस संग्रहित ऊर्जा का प्रयोग करके काम कर सकते है। एक अणु ATP का जब जल अपघटन होता है। तो ADP और अकार्बनिक फास्फेट का निर्माण हो जाता है। साथ ही साथ इस प्रक्रिया में 7 किलो कैलोरी प्रति मोल ऊर्जा की उत्पति भी होती है।
Atp ki khoj kisne ki | ATP की खोज किसने की थी?

Atp ki khoj kisne ki: शरीर में मौजूद रहने वाली ATP जिसे हम संग्रहित ऊर्जा कहते है। इसकी खोज जर्मन रसायनशास्त्री कार्ल लोहमन ने 1929 में एटीपी की खोज की थी। इन्होने ATP की खोज करते समय 2 लिंक रियेक्शन करवाया था जिसमे उन्होंने पाया की ATP 36 अणुओं की होती है।
Atp के प्रकार कितने होते है?
Atp ki khoj kisne ki: एटीपी में एक आधार होता है, इस मामले में एडेनिन (लाल), एक रिबोस (मैजेंटा) और एक फॉस्फेट श्रृंखला (नीला) । इसलिए, इसे “कोशिका की ऊर्जा मुद्रा” कहा जाता है। कार्बन के रासायनिक यौगिकों को कार्बनिक यौगिक कहते हैं। प्रकृति में इनकी संख्या 10 लाख से भी अधिक है। जैसा कि इसके नाम से संकेत मिलता है, यह एक एडेनोसाइन समूह से बना है, जो बदले में एडेनिन और राइबोस और एक ट्राइफॉस्फेट समूह से बना है।
Atp का पूरा नाम क्या है?
Atp का पूरा नाम एडीनोसिन ट्राइफॉस्फेट होता है। यह एक कार्बनिक योगिक है। इस ATP में 36 अणु मौजूद होता है जो हमारे शरीर में ऊर्जा कैलोरी में उत्पन करता है। जो हमारे शरीर में साड़ी जैविक क्रियाओ को सम्पन करने में मदद करता है।
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Atp में कितनी कैलोरी होती है?
हमारे शरीर की कोशिका में पाई जाने वाली ऊर्जा जिसको ATP के नाम से पहचानते है। ATP का जब जल विघटन यानि की जल अपघटन करवाया जाता है। तो उसमे से ADP और अकार्बनिक फास्फेट का निर्माण हो जाता है। साथ ही साथ इस प्रक्रिया में 7 किलो कैलोरी प्रति मोल ऊर्जा की उत्पति भी होती है अतः हम ऐसे कह सकते है की ATP के एक अणु में 7 किलो कैलोरी प्रति मोल होती है।
Atp का कार्य-
यह कोशिकाओं के अंदर ऊर्जा का संवहन एवं संचयन करता है।
विभिन्न रसायनों का संश्लेषण इन्हीं की सहायता से होता है।
यह कोशिका का प्रमुख अवयव है।
निष्कर्ष
आज के आर्टिकल में हमने आपको Atp ki khoj kisne ki (ATP की खोज किसने की थी?) के बारे में जानकारी दी है। हमें उम्मीद है, की हमारे द्वारा दी गयी जानकारी आपके लिए उपयोगी रही होगी।