एक बार फिर उत्तर प्रदेश की सियासत में वार पलटवार का दौर शुरू होने वाला है, और एक बार फिर से समाजवादी पार्टी (SP) और भारतीय जनता पार्टी (BJP) मे टकराव होने वाला है। उत्तर प्रदेश में विधानसभा चुनाव के बाद अब विधान परिषद के चुनाव को लेकर एक दूसरे को शह और मात देने का सिलसिला जारी है, MLC के चुनाव में भारतीय जनता पार्टी (BJP) ने 9 सीटें पहले ही निर्विरोध जीत ली है। जबकि बाकी की 27 सीटों के लिए दोनों पार्टियों में जोर आजमाइश चल रही है, एक तरफ जहां समाजवादी पार्टी (SP) इन सीटों को जीतने का प्रयास कर विधान परिषद में अपने आंकड़े दुरुस्त करना चाहती है। तों वही भारतीय जनता पार्टी (BJP) ने समाजवादी पार्टी (SP) के हथियार से समाजवादी पार्टी (SP) को हराने का प्लान तैयार कर लिया है, भारतीय जनता पार्टी (BJP) नें चुनाव से पहले पार्टी में शामिल हुए सपा के छह बागी नेताओं को एमएलसी का टिकट पकड़ाया है।
MLC चुनाव में BJP नें SP क़े बागी नेताओं को चुनावी मैदान में उतारा है?
समाजवादी पार्टी (SP) अध्यक्ष अखिलेश यादव लखनऊ में चुनाव जीतने की रणनीति बना रहे है। आपको बता दें 36 एमएलसी सीटों क़े चुनाव से पहले भारतीय जनता पार्टी (BJP) 9 सीटों पर जीत हासिल कर चुकी है। और उसके प्रत्याशी निर्विरोध चुने जा चुके हैं, ऐसे में समाजवादी पार्टी की उम्मीद बाकी 27 सीटों पर टिकी हुई है। 100 सीटों वाली विधान परिषद में फिलहाल समाजवादी पार्टी (SP) क़े पास 17 सीटें हैं, और 12 एमएलसी का कार्यकाल 6 जुलाई को खत्म हो जाएगा। इसलिए इन 27 सीटों में से सपा ज्यादा से ज्यादा सीटों पर चुनाव जीतने की रणनीति बना रही है, समाजवादी पार्टी (SP) नें एमएलसी चुनाव जीतने की जिम्मेदारी स्थानीय और प्रभावशाली नेताओं को सौंपी गई है। भारतीय जनता पार्टी ने अपने प्लानिंग के तहत इस बार एमएलसी चुनाव में समाजवादी पार्टी छोड़ चुके विधान परिषद सदस्यों को मैदान में उतारा है, भारतीय जनता पार्टी ने उन नेताओं को ज्यादा टिकट दिए हैं। जो विधान परिषद में समाजवादी पार्टी के सदस्य थे, उत्तर प्रदेश में विधानसभा चुनाव बीजेपी में शामिल हो गए थे। भारतीय जनता पार्टी ने छह सपा के बागियों को फिर से एमएलसी का टिकट दिया है, बीजेपी को उम्मीद है कि सपा की इन बागी नेताओं के सहारे इस बार वह कई सीटों पर अपना परचम लहराने में कामयाब होगी।