साल था 1950 भारी मतों से विजई होकर राजीव गांधी (Rajiv Gandhi) देश के सातवें प्रधानमंत्री बने थे। राजीव गांधी (Rajiv Gandhi) एक सशक्त और कुशल राज नेता थे आज ही के दिन 21 मई 1991 को एक आत्मघाती हमले में इनकी मृत्यु हो गई थी। इन को भारत सरकार द्वारा सन 1996 में मरणोपरांत भारत रत्न से सम्मानित किया गया था। राजीव गांधी (Rajiv Gandhi) के जीवन के कई दिलचस्प तथ्य हैं जिनसे आप अनजान होंगे। आज उनकी पुण्यतिथि पर हम आपको ऐसे ही अनसुनी बातों के बारे में बताते हैं सबसे कम उम्र में भारत के प्रधानमंत्री पद का गौरव प्राप्त करने वाले राजीव गांधी का जन्म 20 अगस्त सन 1944 को मुंबई में हुआ था। इन के पिता का नाम फिरोज गांधी और माता का नाम इंदिरा गांधी था। राजीव गांधी पेशे से पायलट थे और राजनीति में इनकी कोई रुचि नहीं थी।
अमेठी से चुनाव जीतकर बने सांसद ।
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1980 में भाई संजय गांधी की मृत्यु के बाद राजीव गांधी (Rajiv Gandhi) सन 1982 में राजनीति में उतर आए। लंदन में पढ़ाई करने के बाद कैंब्रिज के ट्रिनिटी कॉलेज गए। वहां 3 साल पढ़ने के बाद भी उन्हें डिग्री नहीं मिली उन्होंने लंदन के ही इंपीरियल कॉलेज में मैकेनिकल इंजीनियरिंग में दाखिला लिया था। लेकिन इसमें भी उनका मन नहीं लगा। इसके बाद उन्होंने दिल्ली के फ्लाइंग क्लब ने पायलट की ट्रेनिंग शुरू की और 1970 में इंडियन एयरलाइंस की घरेलू उड़ानों के पायलट बन गए। लेकिन 1980 में एक एयर क्रैश विमान में जहां उनके भाई संजय गांधी का निधन हुआ था जिससे दुखी होकर इंदिरा गांधी के मदद स्वरूप उन्होंने राजनीति में एंट्री ली। संजय गांधी की सीट अमेठी से चुनाव जीतकर वे सांसद बने। ख्वाबों की अवस्था में राजनीति में कदम रखने के कुछ ही दिन बीते थे कि गत 31 अक्टूबर को इंदिरा गांधी की हत्या हो गई कांग्रेस पार्टी के दबाव में उन्हें देश के नेतृत्व की जिम्मेदारी लेनी पड़ी।
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Rajiv Gandhi थे डिजिटल इंडिया के शिल्पकार।
अब बात करते हैं राजीव गांधी (Rajiv Gandhi) और सोनिया गांधी की मुलाकात की। एवं सोनिया की पहली मुलाकात कॉलेज के दिनों में इंग्लैंड के ग्रीक रेस्टोरेंट में हुई थी संयोग से दोनों इसी रेस्टोरेंट में खाना खाने जाते थे। सोनिया राजीव की खूबसूरत व्यक्तित्व शांत एवं शालीन स्वभाव पर पहले ही नजर में मुग्ध हो गई थी। इन दोनों का कॉमन फ्रेंड था क्रिस्टियन वॉनस्टलीन। लंदन में दोनों के बीच दोस्ती का रिश्ता फला फूला और शादी तक बात पहुंच गई। कहते हैं कि शुरू शुरू में सोनिया के माता पिता ने राजीव गांधी को रिजेक्ट कर दिया था अंततः 1968 में दोनों परिवार की रजामंदी के बाद दिल्ली में विवाह सूत्र में बंधे। राजीव गांधी (Rajiv Gandhi) की उपलब्धियों की बात करें तो उन्होंने पंचायती राज की नींव रखी। डिजिटल इंडिया का शिल्पकार माना जाता है सूचना तकनीक व दूरसंचार का जनक भी माना जाता है। शिक्षा की दिशा में अमूल परिवर्तन के लिए गांव के बच्चों के लिए उन्होंने देशभर में नवोदय विद्यालय खोले।
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एक आम आदमी के नेता की छवि रखती थे ।
राजीव गांधी (Rajiv Gandhi) ने शुरू से मतदाताओं की उम्र सीमा कम करने की बात कही थी।अपने प्रधानमंत्रित्व काल में उन्होंने मतदाता की आयु 21 वर्ष से घटाकर 18 वर्ष करवाई थी। मां के हृदय विदारक मृत्यु के बाद राजीव गांधी ने उनके तानाशाही छवि से अलग एक आम आदमी के नेता की छवि मे करने की कोशिश की। इस प्रयास में वह प्रत्यक्ष रूप से लोगों से मिलते थे। इसके लिए उन्होंने सुरक्षा के प्रोटोकॉल का कई बार उल्लंघन भी किया।जिसका नतीजा 21 मई 1991 की रात पेरंबदूर में 10:21 पर अपनी जान देकर भुगतना पड़ा। जब एक लिट्टे आतंकी संगठन के आत्मघाती बम ने उनके शरीर को उड़ा दिया। लेकिन राजीव गांधी ने अल्प समय में देश के विकास के लिए जो किया उसकी प्रशंसा आज भी होती है। फिलहाल के लिए खबर मे इतना ही।
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