इराक में जारी प्रदर्शन बगदाद तक पहुंच चुका है प्रदर्शनकारी शनिवार को एक बार फिर बगदाद में बनी संसद परिषद के अंदर घुस गया और वहां जमकर हंगामा किया। हालांकि संसद में उस वक्त कोई विधायक-सांसद उस वक्त मौजूद नहीं था। इस दौरान एक व्यक्ति को इराकी संसद के अध्यक्ष की मेज पर लेटा हुआ देखा गया।
इराक में श्रीलंका जैसे हालात, संसद में घुसे प्रदर्शनकारी
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इमारत के अंदर केवल सुरक्षाकर्मी थे जिन्होंने प्रदर्शनकारियों को आसानी से अंदर जाने की अनुमति दे दी। इराक के हालात अब श्रीलंका जैसे हो गए है जहां प्रदर्शनकारियों ने राष्ट्रपति और प्रधानमंत्री के सरकारी आवास पर धावा बोल दिया था। इराक के लोग ईरान समर्थित राजनीतिक पार्टियों की ओर सें नामिक प्रधानमंत्री चुने जाने के बाद प्रदर्शन पर उतर आए हैं। रिपोर्ट के मुताबिक इन प्रदर्शनकारियों में ज्यादातर लोग एक खास धार्मिक गुड के अनुयाई है। सामने आई तस्वीरों में देखा जा सकता है कि सैकड़ों लोग इराक की संसद में घुसकर इराकी झंडा लहरा रहे हैं। कुछ तो टेबल, कुर्सियों पर चढ़ गए थे। इस दौरान कोई सांसद वहां मौजूद नहीं था वहां सिर्फ सुरक्षाकर्मी मौजूद थे लेकिन उन्होंने भी प्रदर्शनकारियों को रोकने की कोई कोशिश नहीं की।
इराक में जारी प्रदर्शन अब बगदाद तक पहुंच चुका है
इससे पहले यह प्रदर्शनकारी बगदाद के ग्रीन जोन के अभेद्य सुरक्षा घेरे को पार कर गए और ईरान समर्थित पार्टियों की ओर से चुने गए नामिक प्रधानमंत्री के खिलाफ प्रदर्शन करते हुए देश की संसद में घुसने में भी कामयाब हो गए। प्रदर्शनकारियों में ज्यादातर शिया नेता मुक्तादा अल-सदर के समर्थक थे इससे पहले बुधवार को सैकड़ों प्रदर्शनकारियों ने बगदाद से संसद पर धावा बोल दिया था। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक प्रदर्शनकारी बड़ी संख्या में संसद परिसर में घुस गए और वहां तोड़फोड़ भी की थी। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक यह भी कहा गया है कि बुधवार की तरह ही शनिवार को भी प्रदर्शनकारियों ने संसद में हीरा की झंडे और अल सदर के फोटो लहराते हुए जमकर नारेबाजी की दूसरी ओर सुरक्षाबलों ने प्रदर्शनकारियों को रोकने और तितर-बितर करने के लिए आंसू गैस, वॉटर कैनल आदि का इंतजाम किया था।
प्रदर्शनकारियों ने गवर्नर शिया अल-सुदानी की उम्मीदवारी का क्यों कर रहे हैं विरोध
यह प्रदर्शनकारी पूर्व मंत्री और पूर्व प्रांतीय गवर्नर मोहम्मद अल-सुदानी की उम्मीदवारी का विरोध कर रहे हैं जो ईरान समर्थित है। आपको बता दें कि अक्टूबर 2021 में इराक पर चुनाव हुए थे इसके बाद यह बड़ा प्रदर्शन है बुधवार को विरोध प्रदर्शन तब शुरू हुआ जब प्रतिस्पर्धा राजनीतिक गुट नई सरकार के गठन पर सहमत नहीं हो पाया जिसके बाद अब यह दुबारा से एक बार सदन में घुस गए। इराक के कार्यकारी प्रधानमंत्री मुस्तफा अल कासिमी ने शांति बनाए रखने और ग्रीन रोल में हो रहे प्रदर्शन को तत्काल खत्म करने की अपील की है। बताया जा रहा है कि प्रदर्शनकारियों में शामिल ज्यादातर लोग शियाओं के धर्मगुरु मुस्तफा अल सदर कें समर्थक हैं। यहां यह बताना भी जरूरी है कि अक्टूबर में सबसे ज्यादा सीटें जीतने के बावजूद मुक्तादा अल-सदर ने राजनीतिक प्रक्रिया से बाहर होने का ऐलान किया था इससे पहले साल 2016 में भी अल-सदर के समर्थकों ने ग्रीन जोन और सदर पर धावा बोल दिया था।