राज्यसभा सीट के लिए उपचुनाव 30 मई को होगा।
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जनता दल यूनियन (J D U)नें खाली हुई सीट के लिए अनिल हेगड़े(Anil hagde)को अपना उम्मीदवार बनाया है यह सीट सांसद महेंद्र प्रताप के निधन की वजह से खाली हो गई थी। जनता दल यूनियन(J D U)की ओर से अनिल हेगडे(Anil hagde) की उम्मीदवारी का ऐलान जेडीयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष राजीव रंजन सिंह की ओर से किया गया है। आपको बता दें कि बिहार के इस एक राज्यसभा सीट के लिए उपचुनाव 30 मई को होगा। अब ऐसे में जिस अनिल हेगडे(Anil hagde) को अपना उम्मीदवार बनाया है वह अपनी उम्मीदवारी के बाद खूब चर्चाओं में छाए हुए हैं।
नीतीश कुमार के खास है Anil hagde
वैसे अनिल हेगडे(Anil hagde) राजनीति के पुराने संघर्षियो के लिए कोई नया नाम नहीं है लेकिन नई पीढ़ी के अधिकतर लोग इस कर्मठ जुझारू और बात-बात पर आंदोलित रहने वाले इस नेता के बारे में जानने के लिए उत्सुक जरूर होंगे। दरअसल अनिल हेगडे(Anil hagde) मूल रूप से कर्नाटक राज्य के बेंगलुरु के रहने वाले हैं। अनिल हेगडे(Anil hagde) को जेडीयू सुप्रीमो और बिहार (Bihar) के चीफ मिनिस्टर नीतीश कुमार का खासम खास और करीबी माना जाता है। इन्हें लेकर कहा जाता है कि ये स्वभाव में बेहद विनम्र लेकिन अलग-अलग मुद्दों को लेकर संघर्ष करने वाले और जुझारू व्यक्ति हैं। जो पार्टी के लिए दशकों से काम कर रहे हैं हाल फिलहाल उनका ठिकाना पटना ही है और यहीं रहकर वे पार्टी को मजबूत करने की दिशा में काम कर रहे हैं। वर्तमान में यह जेडीयू के चुनाव अधिकारी हैं , ये वह आंदोलित रहने वाली शख्सियत है जिन्हें लेकर कहा जाता है कि वे हजारों बार पकड़े गए हैं और कई बार जेल भेजे गए हैं। इनकी जिद ऐसी रही है कि लगातार 14 सालों तक विदेशी कंपनियों की खिलाफत करते रहे और उसके विरोध में आवाज उठाते रहे। उन 14 वर्षों के दौरान उन्हें कईयों बार दिल्ली के पार्लियामेंट थाने पर प्रदर्शन करने की वजह से पकड़ा गया।
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पिछले 38 सालों से राजनीति में सक्रिय है ।
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक अब तक करीब ये 5000 बार जेल जा चुके हैं ये डंकन प्रस्ताव, कंडाला पोर्ट पर हड़ताल जैसे मुद्दों पर भी आंदोलन में सबसे आगे रहे। पिछले 38 सालों से राजनीति में सक्रिय रहे अनिल हेगड़े पहले जनता पार्टी फिर जनता दल उसके बाद समता पार्टी होते हुए जेडीयू तक पहुंचे ये जॉर्ज फर्नांडिस और चंद्रशेखर के भी करीबी रहे हैं। इनके गिनती जेडीयू के उन वफादार चेहरों में होती है जो आड़े वक्त में भी पार्टी के साथ पूरी मजबूती के साथ खड़े रहे।बताया जाता है कि जब जेडीयू के पूर्व अध्यक्ष शरद यादव और नीतीश कुमार के बीच संगठन से जुड़े मामलों को लेकर मनमुटाव हुआ था तो उस वक्त पर भी यह नीतीश कुमार के साथ टिके रहे। ये पिछले करीब चार दशक से पार्टी के लिए काम कर रहे है इन्हें लेकर कहा जाता है कि यह कभी काम से विराम नहीं लेते और लगातार पार्टी के लिए काम में जुटे रहते हैं।
आपको बता दें कि चुनाव आयोग की ओर से राज्यसभा उपचुनाव के लिए यह अधिसूचना 12 मई को जारी की गई थी। जिसमें नामांकन की आखिरी तारीख 19 मई है जबकि मतदान 30 मई को सुबह 9:00 बजे से शाम 4:00 बजे के बीच होगा जिसकी मतगणना भी उसी वक्त की जाएगी। इस खबर में फिलहाल इतना ही।
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