देश क़े सबसे बड़े बैंक भारतीय स्टेट बैंक (SBI) नें एक फिर से एक बार फिर से अपने ग्राहकों को बड़ा झटका दिया है। उसनें MCLR यानी (मार्जिनल कॉस्ट ऑफ फंड्स बेस्ड लेंडिंग रेट) में बढ़ोतरी कर दी है। एसबीआई की ओर से यह बढ़ोतरी महीने में दूसरी बार की गई है. MCLR में हुई इस बढ़ोतरी से बैंक के ग्राहकों की ओर से लिए जाने वाले लोन की मासिक EMI में भी बढ़ोतरी देखने को मिल सकती है। इतना ही नहीं बैंक के नए ग्राहकों की ओर से लिया जाने वाला लोन भी महंगा हो सकता है। एसबीआई की ओर से यह फैसला आरबीआई द्वारा रेपो रेट में की गई बढ़ोतरी के बाद सामने आया है. गौरतलब है कि आरबीआई ने 40 बेसिस प्वाइंट्स की बढ़ोतरी की थी। बताया जा रहा है कि आरबीआई आगे भी ब्याज दरों में इसी तरह की बढ़ोतरी कर सकता है। जिससे बैंक लोन लेना और भी ज्यादा महंगा हो जाएगा, बता दें कि एसबीआई द्वारा बांटे गए लोन्स सबसे अधिक हिस्सा MCLR संबंधी लोन का ही है. हाल ही में बैंक ने दो करोड़ रुपए की FD पर ब्याज दर में 40 से 90 बेसिस प्वाइंट्स बढ़ा दिए थे।
MCLR बढ़ा जाने कैसे होगा नुकसान ?
भारतीय स्टेट बैंक ने इसमें 10 बेसिक पॉइंट्स यानी 0.10 प्रतिशत की बढ़ोतरी की है. जो हर समय अवधि के लिए होगी। इसके साथ ही एसबीआई का ओवर नाइट 1 महीने और 3 महीने का MCLR बढ़कर 6.75 प्रतिशत बढ़कर 6.85 प्रतिशत तक हो गया है। इसी तरह 6 महीने का एमसीएलआर 7.15 प्रतिशत 1 साल के 7.20 प्रतिशत 2 साल क़े लिए 7.40 प्रतिशत और 3 साल क़े लिए यह बढ़कर 7.50 प्रतिशत तक हो गया है। इस तरह की बढ़ोतरी को लेकर एसबीआई के अध्यक्ष दिनेश कुमार खारा की ओर से एक बयान आया है. जिसमें उन्होंने कहा कि इस बढ़ोतरी से बैंक पर मार्जन पॉजिटिव इफेक्ट पड़ेगा। जिसमें अधिकतर लोन लगातार बदलने वाली दरों पर ही वेस्ट है इसका सीधा का अर्थ यह हुआ कि रेपो रेट में बदलाव होते ही इसमें में भी बदलाव कर दिए जाएंगे। हालांकि बैंक ग्राहकों को हाल-फिलहाल इस बढ़ी हुई दरों का बोझ झेलना ही पड़ेगा।