बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार इन विनोद दिल्ली दौरे पर है दिल्ली में वह तमाम विपक्षी पार्टियों के नेताओं से मुलाकात कर रहे हैं। बीजेपी को चुनौती देने के लिए विपक्षी एकता को मजबूत किया जा रहा है। इसी कड़ी में नीतीश कुमार बुधवार को राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी यानी एनसीपी के अध्यक्ष शरद पवार से उनके आवास पर दिल्ली में मुलाकात की दोनों नेताओं के बीच यह बैठक करीब 40 मिनट तक चली। मुलाकात के बाद नीतीश कुमार ने कहा कि एक साथ मिलकर चुनाव लड़ेंगे तो देश के विकास के लिए अच्छा रहेगा यह बीजेपी के लोग कोई काम नहीं कर रहे एकजुट होना जरूरी है। मैं बस इतना चाहता हूं कि ज्यादातर विपक्ष एकजुट हो अगर विपक्ष एकजुट होता है तो यह देश हित में होगा। उन्होंने कहा कि सभी पार्टियों से बात की तो बहुत अच्छा रिस्पांस मिला देश को कब्जा करने की कोशिश हो रही है यह लोग प्रचार में लगे हुए हैं।
बिहार के सीएम नीतीश कुमार दिल्ली दौरे पर विपक्षी पार्टी के नेताओं से कर रहे हैं मुलाकात |
शरद पवार के अलावा नीतीश कुमार ने भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी के महासचिव दीपांकर भट्टाचार्य से भी मुलाकात की वहीं कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी इन दिनों दिल्ली में नहीं है तो उनसे मुलाकात को लेकर नीतीश कुमार ने कहा कि जब मैडम विदे श से आ जाएंगी तो उनसे मुलाकात करने के लिए स्पेशल तौर पर दिल्ली आएंगे। इससे पहले नीतीश कुमार ने सोमवार को कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी और मंगलवार को आम आदमी पार्टी के संयोजक और दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल से मुलाकात की। केजरीवाल के अलावा मंगलवार को नीतीश कुमार ने सभा संयोजक मुलायम सिंह यादव से गुरुग्राम के मेदांता अस्पताल में जाकर मुलाकात की थी। इस दौरान वहां पर सपा प्रमुख और यूपी के पूर्व सीएम अखिलेश यादव भी मौजूद थे। मुलायम सिंह यादव से मिलने से पहले उन्होंने हरियाणा के पूर्व सीएम ओमप्रकाश चौटाला से भी मुलाकात की थी। इससे पहले नीतीश कुमार ने सीपीआईएम के नेता सीताराम येचुरी और भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी के महासचिव डी राजा से भी उनके पार्टी कार्यालयों में मुलाकात की थी।
BJP पर किस बात को लेकर साधा निशाना
नीतीश कुमार ने पिछले ही महीने बिहार में बीजेपी से गठबंधन तोड़ लिया था पर आरजेडी से मिलकर सरकार बना ली थी। इसके बाद से ही लगातार विपक्ष की एकजुटता पर जोर दे रहे है नीतीश कुमार ने मंगलवार को कहा था कि वह ना तो प्रधानमंत्री पद के दावेदार हैं। और ना ही इसके लिए इच्छुक है बल्कि उनका मकसद भारतीय जनता पार्टी के खिलाफ विपक्षी दलों को एकजुट करना है। अब नीतीश कुमार इसमें कितना सफल होते हैं और इसका असर 2024 में देखने को मिलता है या नहीं यह तो वक्त ही बताएगा।