उत्तर प्रदेश में विधान सभा चुनाव के गुरुवार को आने वाले नतीजों से पहले इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन यानी कि EVM के मूवमेंट को लेकर विवाद जारी है। मंगलवार को वाराणसी में समाजवादी पार्टी के कार्यकर्ताओं ने जमकर हंगामा किया इसके साथ ही प्रशासनिक अधिकारियों पर EVM चोरी का भी आरोप लगाया गया था। जिस पर चुनाव आयोग ने शक्ति दिखाते हुए वाराणसी के डीएम एनके सिंह को निलंबित कर दिया है। इसी कड़ी में बरेली में मतगणना स्थल पर कूड़े की गाड़ी में पोस्टल बैलट मिलने पर समाजवादी पार्टी के कार्यकर्ताओं के हंगामे के बाद जिला प्रशासन ने आर ओ एसडीएम बरेली परु तराल को हटा दिया है। एक अन्य मामले में सोनभद्र में एसडीएम को हटाया गया है, प्रशासन ने माना कि ईवीएम मशीन को लेकर नियमों का पालन नहीं किया गया है। दरअसल समाजवादी पार्टी के प्रमुख अखिलेश यादव ने मंगलवार को आरोप लगाया था कि मतगणना से 48 घंटे पहले वाराणसी में ईवीएम मशीनों को अवैध रूप से ले जाया गया।
EVM मशीन को लेकर बवाल जानिए क्या है सच्चाई?
अब समाजवादी पार्टी की तरफ से इसका एक वीडियो भी जारी किया गया है, जिसमें अधिकारी ने स्वीकार किया कि खामियां थी। वाराणसी के कमिश्नर दीपक अग्रवाल ने मंगलवार शाम पत्रकारों से बात हुई करते हुए स्वीकार किया कि ईवीएम की आवा-जाही के प्रोटो-कॉल में चूक हुई थी। हालांकि उन्होंने कहा कि यें मशीनें सिर्फ ट्रेनिंग के उद्देश से लाई गई थी, आपको बतादें मंगलवार को एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में अखिलेश यादव ने कहा था कि 2017 में करीब 50 सीटें ऐसी थी जहां जीत अंतर 5 हजार वोटों से कम था। इस बार भी अधिकारी चुनाव में हेर-फेर कर रहे हैं, अखिलेश यादव नें कहा कि इस वजह से समाजवादी पार्टी हाई-कोर्ट जाएगी। इसके अलावा उन्होंने समाजवादी पार्टी कार्यकर्ताओं से स्ट्रांग रूम की रख-वाली करने की भी अपील की थी।
केशव प्रसाद मौर्य अखिलेश यादव के आरोपों को गलत बताया?
वही बीजेपी नेता उत्तर प्रदेश के उप-मुख्य-मंत्री केशव प्रसाद मौर्य समाजवादी पार्टी प्रमुख के आरोपों को खारिज करते हुए कहा कि मैं अखिलेश यादव से धैर्य रखने के लिए कहूंगा। उन्होंने कहा कि ईवीएम मशीन में क्या है? यह सच 10 मार्च को पता चल जाएगा जब वोटों की गिनती होगी।