उत्तर प्रदेश विधान सभा चुनाव 2022 में दागी उम्मीदवारों की दावेदारी छठे चरण में भी बरकरार है। सभी प्रमुख राजनैतिक दलों ने अपराधिक छवि के प्रत्याशियों को चुनावी मैदान में उतारा है, करोड़ पति प्रत्याशियों की भी कमी नहीं है छठे चरण में 57 विधान सभा क्षेत्रों में चुनाव लड़ रहे 27 प्रतिशत प्रत्याशियों ने अपने ऊपर अपराधिक मामले घोषित किए हैं। इस लिस्ट में सबसे आगे समाजवादी पार्टी है, और समाजवादी पार्टी के 40 प्रत्याशियों पर अपराधिक मामले दर्ज है, 23 प्रतिशत उम्मीदवार ऐसे भी जिनके विरुद्ध आईपीसी की गंभीर धाराओं के तहत मुकदमे दर्ज हैं। पांचवें चरण में भी 27 प्रतिशत दागी उम्मीदवार चुनावी मैदान में थे, ADR के विश्लेषण में यह तथ्य सामने आए हैं। इस चरण में 65 महिला उम्मीदवार भी मैदान में है, जो पांचवें चरण की तुलना में कम है। समाजवादी पार्टी के 48 उम्मीदवारों में से 29 पर गंभीर आरोप के अपराधी है।
छठे चरण में दागी उम्मीदवारों की लिस्ट में बीजेपी दूसरे नंबर पर है?
भारतीय जनता पार्टी के 52 में से 20 और कांग्रेस के 56 में से 20 पर गंभीर अपराधों के मुकदमे चल रहे हैं। बहुजन समाज पार्टी बीएसपी के 57 में से 18 और आम आदमी पार्टी के 51 में से 5 उम्मीदवार गंभीर अपराधों के आरोपी है। 8 उम्मीदवार महिलाओं के प्रति अपराधों के आरोपी है, इन 8 में से 2 पर तो रेप के आरोप लगे हैं। 8 प्रत्याशियों पर हत्या के मामले में मुकदमे चल रहे हैं, जबकि 23 पर जानलेवा हमला करने यानी कि आईपीसी की दफा 307 के तहत हत्या का प्रयास करने कभी इल्जाम है। Association for democratic reforms और यूपी इलेक्शन वॉच के साझा अध्ययन में सभी उम्मीदवारों के नामांकन के पर्चे के साथ दिए गए हलफनामे की जांच पड़ताल की गई उसे पता चला कि समाजवादी पार्टी के 48 में से 40 यानी 23 फीसदी उम्मीदवारों पर अपराधिक मामले दर्ज हैं। दूसरे नंबर पर 23 आरोपी उम्मीदवारों के साथ भारतीय जनता पार्टी है, कांग्रेस और बीएसपी के 22-22 उम्मीदवार अपराधिक मुकदमे चल रहे हैं, वही आम आदमी पार्टी के 51 उम्मीदवारों में से 7 उम्मीदवार अपराधी हैं।