उत्तर प्रदेश में समाजवादी पार्टी जीत भले न पाई हों लेकिन 2017 के मुकाबले 2022 के विधान सभा चुनाव में उसने जिस तरह से कम-बैक किया था। उसने सदन में उसे सम्मानजनक स्थिति में ला दिया है, प्रदेश में उसके वोट प्रतिशत में अच्छा खासा इजाफा हुआ है। इसे लेकर समाजवादी पार्टी सुप्रीमो अखिलेश यादव के चाचा शिवपाल जो जसवंत नगर से जीत कर आए हैं वह भी इसे लेकर बेहद संजीदा नजर आ रही है। प्रगतिशील समाज पार्टी के अध्यक्ष शिवपाल यादव ने हार के मंथन की बात कही है, उनका कहना है कि उत्तर प्रदेश में सपा गठबंधन का अच्छा जनाधार और पक्ष में बने माहौल के बावजूद मिली हार की समीक्षा की जानी चाहिए हालांकि उन्होंने इस बात को भी स्वीकार किया कि कहीं ना कहीं कमियां जरूर रह गई है। इसी वजह से पार्टी को जीत नहीं मिल सकी उन्होंने कहा इसे लेकर चिंतन करना होगा। जो पार्टी के भविष्य के लिए जरूरी है। अपने एक बयान में शिवपाल यादव ने दावा किया कि माहौल अखिलेश यादव के नेतृत्व में जो गठबंधन बना था, उसी का था लेकिन कहीं ना कहीं कमियां रही है। जिसकी वजह से जीत हासिल नहीं कर पाये।
हार के बाद अखिलेश के चाचा शिवपाल का बड़ा बयान?
वही जब से उपाधि यादव से पूछा गया कि क्या पार्टी को अति आत्मविश्वास हो गया था, या गलतियां ज्यादा हो गई थी। तो उन्होंने इस बात को स्वीकार किया की चुनावी अभियान में कुछ खामियां भी थी, और कार्यकर्ता भी अति आत्मविश्वास से भरे थे। जो चालाकियाँ भाजपा कर रही थी, उसका सपा गठबंधन मुकाबला नहीं कर सका उन्होंने यह माना कि संगठन के प्रशिक्षण में भी कहीं ना कहीं कमियां जरूर रही हैं। प्रगतिशील समाज पार्टी के अध्यक्ष शिवपाल यादव ने परिवारवाद को लेकर लगाए जा रहे आरोपों पर कहा कि कहीं ना कहीं जो बीजेपी के चालाकियां थी, उसमें सपा गठबंधन को नहीं पड़ना चाहिए था। उन्होंने कहा कि आगे के रास्ते खुले हैं, अब बतौर विपक्ष बारी जनता की आवाज बुलंद करने की है।