उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव से पहले फिर से चाचा शिवपाल और अखिलेश यादव के बीच सब कुछ ठीक नहीं चल रहा है। इटावा में अपने कार्यक्रम के दौरान शिवपाल यादव का ये दर्द छलक पड़ा इस दौरान शिवपाल यादव ने कहा कि भतीजे अखिलेश यादव ने उन्हें केवल एक सीट तक सीमित कर दिया है। चाचा शिवपाल यादव ने जिस उम्मीद के साथ अखिलेश यादव को नेता माना था, अब लगता है वह धरा शाही होती दिख रही है। शिवपाल यादव के किसी चहेते को अखिलेश यादव नें अब तक टिकट नहीं दिया है,सूत्र बताते हैं कि पहले भारतीय जनता पार्टी के साथ शिवपाल यादव की 20 सीटों पर बात चल रही थी। भारतीय जनता पार्टी के साथ अंतिम दौर की बात चीत के बाद जिस दिन शिवपाल यादव को भारतीय जनता पार्टी में शामिल होना था उसके 2 दिन पहले ही अखिलेश यादव को यह जानकारी मिल गई थी। जिसके बाद वह लाव लश्कर के साथ चाचा शिवपाल यादव के घर पहुंच गए थे। इसके बाद दबाव में आकर चाचा शिवपाल यादव सपा में शामिल हो गए थे, लेकिन जब शिवपाल ने अखिलेश को अपना नेता मान लिया। तो अब शिवपाल यादव अपने आप को ठगा हुआ महसूस कर रहे हैं, क्योंकि उनकी पार्टी प्रगतिशील समाजवादी पार्टी को सिर्फ अखिलेश यादव ने एक सीट दी है।
चाचा भतीजे के बीच मनमुटाव की बात आई जनता के सामने?
आपको बता दें कि शिवपाल यादव अखिलेश यादव से मनमुटाव के बाद ही समाजवादी पार्टी से अलग हो गए थे लेकिन विधानसभा चुनाव 2022 से पहले दोनों में गठबंधन हुआ है। शिवपाल यादव का एक वीडियो सामने आया है, जोकि जसवंत नगर विधानसभा सीट के इलाके का बताया जा रहा है। इसमें शिवपाल यादव वोट मांगते हुए दर्द बयां कर रहे हैं, इटावा जिले की जसवंत नगर विधानसभा से शिवपाल यादव चुनाव लड़ रहे हैं। वे अपने समर्थकों के साथ वोट मांग रहे हैं, शिवपाल यादव ने वोट मांगने के दौरान स्थानीय लोगों से कहा है, कि हमने अपनी पार्टी का बलिदान किया है। गठबंधन से चुनाव लड़ रहे हैं, हमने फिर भी अखिलेश यादव को अपना नेता मान लिया है और अब कंपटीशन है कि कौन सबसे ज्यादा वोटों से जीतेगा। करहल में अखिलेश यादव जीत पाएंगे या फिर जसवंत नगर से हमारी प्रचंड जीत होती है। अब आप लोगों को देखना है और रिकॉर्ड मतों से जिताना है।