खबर है कश्मीर से जहां घाटी में कश्मीरी पंडितों की मांग को लेकर महीनों से उनका प्रदर्शन जारी है। लेकिन लगता है अभी तक इन पर सरकार की नजर नहीं पड़ी है तभी तो इनको प्रदर्शन करते हो 2 महीनों से ज्यादा हो गए हैं और यह कश्मीरी लोग ट्रांसफर की मांग को लेकर प्रदर्शन कर रहे हैं। घाटी के बाहर ट्रांसफर की मांग को लेकर कश्मीरी पंडित कर्मचारियों का प्रदर्शन अभी भी जारी है जाहिर है समुदाय से आने वाले राहुल भट्ट की 12 मई को जान ले ली गई थी। उसी के बाद से यह प्रदर्शन शुरू हुआ और आज इसे पूरे 70 दिन हो चुके हैं जहां कश्मीर में अलग-अलग जगहों पर प्रदर्शन हो रहे हैं। घाटी में राहुल भट्ट को कश्मीरी पंडितों के लिए विशेष रोजगार पैकेज के तहत क्लर्क की नौकरी मिली हुई थी और 12 मई के दिन बडगाम जिले के चंदूरा गांव में तहसील दफ्तर के अंदर घुसकर आतंकवादियों ने उसकी जान ले ली थी। उसके बाद से ही प्रधानमंत्री पैकेज के तहत रोजगार प्राप्त कश्मीरी पंडित अपने लिए इंसाफ की मांग कर रहे हैं।
70 दिन से जारी है कश्मीरी पंडितों का प्रदर्शन
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बता दें दक्षिण कश्मीर के अनंतनाग जिले के इलाके और अन्य स्थानों पर सड़क किनारे अपने परिवारों के साथ बैठे कर्मचारियों नें बताया की हाल ही में कश्मीरी पंडितों और अल्पसंख्यक समुदाय के अन्य लोगों की आतंकियों की ओर से लगातार निशाना बनाकर उनकी जान ली जा रही है। हमें चुन-चुन कर गोली मारी जा रही हैं इसलिए हम घाटी से बाहर भेजने की मांग कर रहे हैं। पर देखा जाए तो अभी तक इनके लिए कोई फैसला नहीं लिया गया प्रदर्शनकारियों ने जम्मू-कश्मीर प्रशासन और केंद्र सरकार से अपील की है उन्हें घाटी से बाहर भेजा जाए और जब तक सरकार इसके लिए कोई फैसला नहीं लेगी उनका प्रदर्शन निरंतर जारी रहेगा।
सरकार सें प्रदर्शनकारियों किया है मांग ?
प्रदर्शनकारियों का कहना है या तो हमारा ट्रांसफर कराया जाए यह जब तक घाटी से आतंकवाद का खात्मा नहीं हो जाता तब तक प्रशासन हमें यहां सांस लेने का समय दें। कश्मीरी पंडित कर्मचारियों ने कहा कि जब तक चुन-चुन कर उनकी जान लेना खत्म नहीं होगा तब तक हम अपने दफ्तरों पर नहीं जाएंगे प्रशासन को हमारी सुरक्षा के लिए जल्द ही कुछ करना चाहिए। तों वही कर्मचारियों ने उन्हें घाटी के अंदर ही जिला और तहसील मुख्यालयों में स्थानांतरित करने के सरकार के फैसले को खारिज कर दिया है और घाटी के बाहर स्थानांतरण की अपनी मांग पर अड़े होकर प्रदर्शन कर रहे हैं।
नेशनल कांफ्रेंस के नेता उमेश तलाशी ने सरकार पर साधा निशाना
तों वही इस पर नेशनल कांफ्रेंस के नेता उमेश तलाशी ने कहा है दुर्भाग्य से मौजूदा शासन में कश्मीरी पंडितों की हालत और बेकार हो गई है। कश्मीर घाटी में पंडित कर्मचारी परिवार आज अपने घरों पर नहीं बल्कि सड़कों पर हैं और यही रह रहे हैं। राज्यपाल मनोज सिन्हा से इस मामले पर जितना जल्दी हो सके इसका समाधान करने का आग्रह करेंगे।