2 साल से ज्यादा समय से दुनिया कोरोनावायरस के संक्रमण से पूछ रही है अभी से पूरी दुनिया उभरी भी नहीं है कि एक नया वायरस मंकीपॉक्स दुनिया भर में चिंता का विषय बनता जा रहा है भारत समेत अब तक 75 देशों में वायरस की पुष्टि हो चुकी है। तों वही राजधानी दिल्ली में मंकीपॉक्स का एक और मरीज मिला है 35 साल का यह शख्स नाइजीरिया का है लेकिन फिलहाल दिल्ली में रहता है। खास बात तो यह है कि उसने हाल ही में कोई विदेश यात्रा भी नहीं की। दिल्ली में मंकीपॉक्स वायरस का यह दूसरा मामला है आपको बता दें कि देश में मंकीपॉक्स के अब तक 6 मामले सामने आए हैं। जिनमें से चार मामले केरल में मिले हैं, इनमें से एक शख्स की मौत मंकीपॉक्स से हुई है।
दिल्ली में मंडरा रहा Monkeypox का खतरा
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मंकीपॉक्स की वजह से भारत में पहली मौत की पुष्टि भी हो गई है केरल में जिस 22 साल के शख्स की मौत हुई है उसको लेकर पुष्टि हो गई है। कि उसने मंकीपॉक्स वायरस की वजह से जान गवाई हैं यह शख्स यूएई से लौटा था। शख्स की जान मंकीपॉक्स वायरस की वजह से गई है यानी उसका पता लगाने के लिए सैंपल NIB पुणे भेजे गए थे जिसके नतीजे पॉजिटिव आए हैं। इसके साथ ही में दिल्ली में भी मंकीपॉक्स से संक्रमित मरीज का LNJP अस्पताल में इलाज चल रहा है हालांकि डॉक्टर्स की मानें तो मरीज की हालत में सुधार हो रहा है। इसके अलावा मंकीपॉक्स वायरस अब राजस्थान में भी दस्तक देता दिख रहा है यह मंकीपॉक्स के दो संदिग्ध मरीज सामने आए हैं इसमें पहला मरीज अजमेर और दूसरा मरीज भरतपुर का है दोनों को जयपुर स्थित राजस्थान यूनिवर्सिटी ऑफ हेल्थ साइंस लाया गया है। फिलहाल मरीजों को आइसोलेशन में रखा गया उनके सैंपल को आगे जांच के लिए पुणे भेजा गया है जिसकी रिपोर्ट पॉजिटिव आई थी।
दुनिया भर में 20 हजार से ज्यादा मंकीपॉक्स के मरीज
मंकीपॉक्स को लेकर बढ़ती चिंता की वजह से केंद्र सरकार भी एक्शन में है केंद्र ने टास्क फोर्स भी बना दी है। मंकीपॉक्स के अब तक दुनिया भर में 20 हजार से ज्यादा मामले सामने आ चुके है जिसकी वजह से अफ्रीकी देशों मे 75 लोगों की मौत मंकीपॉक्स की वजह से हो चुकी है।
ऐसे में मंकीपॉक्स क्या है और यह कितना खतरनाक है ?
मंकीपॉक्स एक रियर जूनोटिक बीमारी है जो मंकीपॉक्स वायरस के संक्रमण से होती है यह पॉक्सी बी रेटे परिवार से संबंध रखती है। इसमें चेचक की बीमारी पैदा करने वाले वायरस भी होते हैं वायरस का एक परिवार होता है जिसमें अलग-अलग वायरस और उसके स्ट्रेन होते हैं। जैसे कोरोनावायरस का एक परिवार होता है इसमें कोरोना के अलग-अलग वायरस यानी स्ट्रेन, अल्फा, बीटा, गामा, डेल्टा और ओमिक्रॉन थे। मंकीपॉक्स वायरस से संक्रमित इंसान में ब फीवर, गले में खराश, सांस में दिक्कत होती है, इसके अलावा चिकन पॉक्स की तरह शरीर में रेसस और दाने बन जाते हैं। जो पूरे शरीर पर दिखने लगते हैं दाने का आकार बड़ा होता है। इसका इनक्यूबेशन पीरियड 5 से 21 दिन का है यह अपने आप ठीक हो जाता है।