भारत में विकसित कोरोना वैक्सीन से जुड़ी इस संकट के बीच में बड़ी खबर सामने आई है। भारत में विकसित COVAXIN खतरनाक म्युटेंट डेल्टा प्लस वेरिएंट से लड़ने में काफी हद तक असरदार साबित हुई। भारतीय चिकित्सा अनुसंधान परिषद यानी ICMR की स्टडी में यह बात सामने आई है कि कोवैक्सीन सिर्फ डेल्टा वेरिएंट पर ही नहीं बल्कि खतरनाक म्युटेटेड डेल्टा प्लस वेरिएंट पर भी असरदार है।
आपको बता दें कि यह देसी वैक्सीन जिसका नाम COVAXIN है उसको ICMR और भारत बायोटेक ने मिलकर बनाया है। डेल्टा वेरिएंट इस समय वायरस ऑफ कंसर्न की श्रेणी में रखा गया है। डेल्टा वेरिएंट सबसे पहले भारत में पाया गया था। डब्ल्यूएचओ कोरोना वायरस के आठ वेरिएंट को अलग-अलग समूह में रखा है। इन आठ में से चार वायरस इस समय इंट्रेस्ट है जबकि चार वायरस को वायरस ऑफ कंसर्न की श्रेणी में रखा गया है।
वायरस ऑफ़ कंसर्न श्रेणी क्या है?
डेल्टा वेरिएंट भी वायरस ऑफ कंसर्न की श्रेणी में है। आपको बता दें वायरस आफ कंसर्न श्रेणी का मतलब यह है कि यह वेरिएंट तेजी से फैल रहा है और यह चिंता का विषय भी है। अगर कोई वायरस का संक्रमण तेजी से फैलता है और वह चिंता का विषय बन जाता है तो उसको वायरस आफ कंसर्न की श्रेणी में डाल दिया जाता है। इस वायरस आफ कंसर्न की श्रेणी में अब तक 4 वायरस के म्यूटेशन को रखा गया है जिसमें अल्फा, बीटा, गामा और डेल्टा शामिल है।
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