मरता क्या न करता वही हालत अब देश में बने हुए है। हर कोई अपने आप को कोरोना से बचने के लिए हर तरह के नुकशे आजमा रहा है। मगर आज हम देश में चल रहे प्लाज्मा थेरेपी के बारे में बात करेंगे जो पिछले साल ही कोरोना मरीजों पर इस्तेमाल किया जा रहा था लेकिन अब इसके इस्तेमाल पर रोक लगा दी गयी है। आइये जानते है क्या कारण है जिसके वजह से इसके इस्तेमाल पर रोक लगाने का फैसला लिया गया है ?
केंद्र सरकार ने सोमवार को बड़ा फैसला लेते हुए कोरोना संक्रमण मरीजों के उपचार के लिए प्लाज्मा थेरेपी को क्लीनिकल मैनेजमेंट के दिशा निर्देशों से हटाने का फैसला लिया है। सूत्रों ने बताया की प्लाज्मा थेरेपी को इस लिए हटा दिया गया है क्योकि अध्ययन करने के बाद पता चला है की यह अब कारगर नहीं है और अध्ययन में ये पाया गया है की इसके फायदे अब नहीं हो रहे है लेकिन इसका नुकसान क्या होगा इसका कोई रिपोर्ट अभी तक नहीं है।
ICMR के एक अधिकारी ने बताया की इसके लिए एक टास्क फाॅर्स ने कोरोना मरीजों के लिए उपचार सम्बन्धी नैदानिक परामर्श में संसोधन करते हुए अब पलस्मा थेरेपी को हटाने का फैसला लिया है। कुछ डॉक्टरो और वैज्ञानिक ने बताया की उन्होंने प्रधान वैज्ञानिक सलाहकार के विजय राघवन को देश में कोरोना मरीजों के ऊपर प्लाज्मा थेरेपी के उपयोग को तर्कहीन और गैर – वैज्ञानिक बताया था।
भारत और दूसरे देश जैसे अमेरिका , अर्जेंटीना सबको मिलकर एक एनालिसिस किया गया जिसमे में करीब 11 ,000 मरीजों पर ट्रायल हुए है और इसमें प्लाज्मा थेरेपी को कारगर नहीं पाया गया है । लेकिन थेरेपी को लेकर क्या नुकसान होंगे उसके बारे अभी तक कोई जानकारी नहीं है।ICMR ने पिछले हफ्ते बैठक की जिसमे सभी सदस्यों ने प्लाज्मा थेरेपी को क्लीनिकल मैनजमेंट दिशा – निर्देश से हटाने पर सहमत हुए थे जिसके बाद सरकार ने इसको हटाने का फैसला किया है।