प्रधान मंत्री मोदी पश्चिम की यात्रा क़े पहले पड़ाव पर पहुंच चुके हैं, प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी का अपनी 3 देशों की यात्रा में पहले जर्मनी पहुंचे है। जहाँ उनका बड़ी गर्व-जोशी से स्वागत हुआ इस दौरान उन्होंने जर्मनी में रह रहे भारतीय मूल के लोगों से भी मुलाकात की। साल 2022 में यें प्रधान मंत्री मोदी का पहला विदेश दौरा है, जिसमें वे सबसे पहले जर्मनी पहुंचे हैं। इसके बाद प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी डेनमार्क जाएंगे, फिर वहां से वें अपनी फ्रांस यात्रा के लिए रवाना होंगे। इन 3 देशों की यात्रा में वें कुल 65 घंटों में 25 बैठकों में शामिल होंगे, जबकि 8 बड़े नेताओं से उनकी मुलाकात भी होगी। प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी जर्मनी के चांसलर ओलाफ शोल्ज के न्योते पर बर्लिन पहुंचे हैं, जहाँ उनकी शोल्ज क़े साथ द्विपक्षीय वार्ता होगी। इसके अलावा प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी और जर्मन चांसलर ओलाफ शोल्ज छठे इंडियन जर्मनी इंटर-गवर्नमेंटल कंसल्टेशन की अध्यक्षता भी करेंगे। यहां प्रधान मंत्री का भारतीय समुदाय के लोगों को संबोधित करने का भी कार्यक्रम है।
PM की 2022 में पहली विदेश यात्रा दूसरे पड़ाव पर पहुंचेंगे डेनमार्क !
पश्चिम की यात्रा के अगले पड़ाव पर वें डेनमार्क पहुंचेंगे, जहां पर प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी की मुलाकात राजधानी कोपेनहेगन में डेनमार्क क़े प्रधान मंत्री मेटे फ्रेडरिकसन से होगी। इसी दौरान वें क्वीन माग्रेट से भी मुलाकात करेंगे, यहां पर प्रधान मंत्री मोदी दूसरे नॉर्डिक समिति में भी भाग लेंगे। इसी दौरान उनकी मुलाकात नार्वे के प्रधान मंत्री जोनास गहर स्टोर, आइसलैंड की प्रधान मंत्री कैटरीन जैकब्सडॉटिर, स्वीडन प्रधान मंत्री मैग्डेलेना एंडरसन क़े साथ-साथ फिनलैंड क़े प्रधान मंत्री सना मारिन से भी होंगी। प्रधान मंत्री डेनमार्क में भी भारतीय मूल के लोगों क़े एक कार्यक्रम में शिरकत करेंगे।
युद्ध-तनाव के बीच PM मोदी की यें यात्रा कितनी अहम ?
प्रधान मंत्री मोदी अपनी यात्रा के तीसरे पड़ाव पर फ्रांस पहुंचेंगे, फ्रांस में उनकी मुलाकात राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों से होगी। प्रधान मंत्री का फ्रांस दौरा इस लिहाज से भी महत्वपूर्ण माना जा रहा है क्योंकि भारत और फ्रांस क़े डिप्लोमेटिक संबंधों को इस वर्ष 75 साल पूरे हो जाएंगे। गौरतलब है कि प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी ने अपनी यूरोप यात्रा को लेकर कहा था, कि वें ऐसे वक्त पर ये यात्रा कर रहे हैं जब यें क्षेत्र कई तरह की चुनौतियों से गिरा हुआ है। अपनी इस यात्रा के उद्देश्यों को साझा करते हुए प्रधान मंत्री ने बताया था, कि वे अपनी यूरोपीय साझेदार देशों के साथ आपसी सहयोग की भावना को और मजबूत करना चाहते हैं। प्रधान मंत्री मोदी की यें यात्रा ऐसे समय पर हो रही है जब रूस और यूक्रेन के बीच भीषण संग्राम छिड़ा हुआ है और उस वजह से पश्चिम के देशों में भी कुछ हद तक तनाव महसूस किया जा रहा है। इस बीच भारतीय प्रधान मंत्री की यें यूरोप यात्रा पश्चिम के साथ संबंधों की मजबूती और आपसी सहयोग की भावना को बढ़ाने के लिहाज से बेहद महत्वपूर्ण मानी जा रही है।