Rajasthan: Alwar में 70-75 की Age में बने Parents तो झूम उठे खुशी से|

70-75 साल ये उम्र होती है जिसमें लोग अपनी जिंदगी के आखिरी पड़ाव में होते हैं। इस उम्र में लोग दादा-दादी बंद कर अपने पोते पोतियो की शादी के सपने देखते हैं लेकिन जरा सोचिए कि अगर इस उम्र तक कोई बुजुर्ग दंपति बे-औलाद हो तो उस पर क्या गुजरेगी। अब जरा सोचिए कि इस उम्र में अगर कोई माता-पिता बनता है तो उनकी जिंदगी में कितनी बड़ी खुशी है ऐसी खुशी आती है तो वह दंपति जरूर सोचेगा कि अब उनकी उम्र और लंबी हो जाए। दरअसल यह मामला है राजस्थान का जहां एक बुजुर्ग दंपति की शादी को पूरे 54 साल बाद संतान की प्राप्ति हुई है यानी उनके घर किलकारियां गूंजी है उनके घर एक नन्हा चिराग आया है।

अलवर में महिला 70 की उम्र में मां बनी, पति 75 की उम्र में बने पिता

बता दें महिला 70 साल की उम्र में मां बनी है तो पति 75 साल की उम्र में पिता बनें है यह बुजुर्ग दंपति आईबीएस प्रक्रिया से माता-पिता बने हैं। राजस्थान के अलवर का यह मामला है जहां अलवर जिले में एक दंपति ने बेटे को जन्म दिया है यह मामला पूरे प्रदेश में चर्चा का विषय बना हुआ है। क्योंकि दोनों पति-पत्नी की उम्र 70 साल से ज्यादा है जिसे सुनकर हर कोई चौक रहा है बच्चे को जन्म देने वाली महिला 70 साल की है तो बच्चे के पिता 75 साल के हैं। शादी के 54 साल बाद पहली संतान मिली है एक बार वह पूरी तरह से ना उम्मीद हो चुके थे अचानक अब उनकी जिंदगी में एक चमत्कार सा हो गया इतने लंबे वक्त के बाद चंद्रावती ने एक बेटे को जन्म दिया है। जानकारी के मुताबिक बच्चे के पिता गोपीचंद पूर्व सैनिक है गोपीचंद का कहना है कि अब बेटा होने के बाद उनकी खुशी का कोई ठिकाना नहीं है पत्नी चंद्रावती भी इस उम्र में मां बनने के बाद खुद को बेहद ही खुश नसीब महसूस कर रही हैं।

1968 में गोपीचंद और चंद्रावती की हुई थी शादी माता-पिता बनने की छोड़ दी थी उम्मीद

डॉक्टरों का कहना है कि इस उमर में बच्चा पैदा होना शायद यह पहला केस है। गोपीचंद भी अपने पिता के इकलौते बेटे थे शादी 1968 में चंद्रावती से हुई लेकिन काफी कोशिशों के बाद भी वह माता-पिता नहीं बन पाए पत्नी का भी जगह-जगह इलाज कराया लेकिन हर जगह निराशा हाथ लगी। अब अलवर में एक IBF सेंटर में अपनी पत्नी का उन्होंने ट्रीटमेंट कराया बच्चे का वजन 3 किलो के करीब है और बिल्कुल स्वस्थ हालत में है तो वहीं इस मामले में डॉक्टरों ने बताया कि रिश्तेदारों की सलाह पर यह कपल फिर अलवर आए और करीब 2 साल पहले अपना इलाज शुरू करवाया IBF तकनीक के तीसरे प्रयास में महिला ने बच्चे को जन्म दिया। इतनी अधिक उम्र में प्रेगनेंसी को पूरे 9 महीने तक कैरी करना और फिर उसके बाद एक सफल डिलीवरी होना अपने आप में ही किसी चमत्कार से कम नहीं है।

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