
इन दिनों दुनिया भर में ओमिक्रॉन की दहशत देखने को मिल रही है। धीरे धीरे कोरोंना का नया वेरिएंट ओमिक्रॉन कई देशों में फैल गया है। ओमिक्रॉन के तेजी से बढ़ते मामलो के बीच (WHO) यानी की विश्व स्वास्थ्य संगठन के प्रमुख डॉ. टेड्रस अधनोम नें एक बड़ा और राहत भरा बयान दिया है। कोरोंना वायरस को लेकर उन्होंने नें क्या क्या कहा हम आपको इस रिपोर्ट में बतानें वाले है। (WHO) यानी की विश्व स्वास्थ्य संगठन के प्रमुख डॉ. टेड्रस अधनोम नें कहा है 2022 कोरोंना महामारी का आख़री साल हों सकता है। लेकिन इसके लिए विकसित देशों को अपनी वैक्सीन दूसरे देशों के साथ साझा करने होंगे। उन्होंने कहा कोरोना वायरस अपने तीसरे साल में प्रवेश कर चुका है (WHO) यानी की विश्व स्वास्थ्य संगठन के निर्देशक को पूरा यकीन है कि साल 2022 में कोरोंना महामारी का अंत हों जायेगा। लेकिन संकीर्ण राष्ट्रवाद और वैक्सीन के जमा खोर इसमें बाधा बन सकते है। (WHO) यानी की विश्व स्वास्थ्य संगठन के प्रमुख डॉ. टेड्रस अधनोम नें कहा कि वैक्सीन कि असमानता ने ओमिक्रॉन जैसे वेरिएंट के पनपने के लिए आदर्श हालात पैदा किये वैक्सीन कि आसमानता जितनी ज्यादा रहती है वायरस के विकसित होने का जोखिम भी उतना ज्यादा होता है।

कोरोंना को लेकर WHO के प्रमुख टेड्रस अधनोम का बड़ा बयान…?
हम इसका अंदाजा भी नहीं लगा सकते आंकड़ों को देखें तो वैक्सीनेशन में दुनिया में कई हिस्से पिछड़ रहे हैं। बुरुडी, डेमोक्रेटिक रिपब्लिक ऑफ़ कॉर्न गो, चाड और हैटी जैसे देशों में पूरी तरह से वैक्सीनेट लोगों की आबादी एक फीसदी से भी कम है जबकि high-income वाले देशों में यह आंकड़ा 70 फ़ीसदी से ज्यादा होने का अनुमान है। (WHO) यानी की विश्व स्वास्थ्य संगठन के प्रमुख डॉ. टेड्रस अधनोम नें आगे कहा कि इस आ समानता से निपटने के बाद ही हम एक सामान्य जीवन में वापस लौटने की कल्पना कर सकते हैं। अगर हम आ आसमान को खत्म करते है तो कोरोंना हमामारी का अंत हों जायेगा। ग्लोबल वैक्सीन फैसिलिटी को वैक्सीन WHO और हमारे सहयोगी दुनिया भर में उन लोगों के लिए वैक्सीन टेस्ट और इलाज को सुलभ बनाने का काम कर रहे है जिसकी उन्हें जरुरत है। उन्होंने नें कहा कि वैक्सिंन के दम पर अब तक लाखों जाने बचाई गई है चिकित्सकों के पास अब कोविड-19 से बचाओ और इलाज के लिए नई दवाएं और मेडिकल डोज भी उपलब्ध है। ताजा आंकड़े बताते हैं कि अस्पतालों में दाखिल कोविड-19 के 80 फ़ीसदी सबसे ज्यादा मामले वह हैं जिन्हें बूस्टर डोज नहीं दिया गया।

नया डेटा बताना है बूस्टर डोज से ओमिक्रॉन में हॉस्पिट लाइजेशन का जोखिम 28 फ़ीसदी तक कम हों सकता है। भले ही (WHO) यानी की विश्व स्वास्थ्य संगठन नें कोरोंना से मुक्ति मिलनें की बात कही है लेकिन फिलहाल इसका खतरा अभी कम नहीं हुआ है। (WHO) नें इसके खत्म होने के पीछे जो कंडीशन रखी है वह स्थिति आने में अभी वक्त लग सकता है। क्योंकि वैक्सीन बनाने वाले देश पहले खुद अपने देश के लिए सोच रहे हैं उसके बाद वह बड़े देशों को बेच रहे हैं। छोटे और गरीब देशों में वैक्सीन को लेकर किल्लत बनी हुई है ऐसे में कोरोना वायरस का अंत इसी साल हो जाएगा यह कहना जल्द बाजी हो सकती है।