देश में कोरोना क़े 1 लाख 79 हजार सें ज्यादा केसेज रिकॉर्ड किए गए और मरने वालों का अकड़ा 146 रहा। ओमिक्रॉन केसेज भी 4 हजार क़े आंकड़े कों पार कर चुके है। देश में कोरोंना क़े मामलें लगातार तेजी सें बढ़ रहे है जानकारों का कहना कि यह ही कोरोना की लहर है और यही वजह है देश भर क़े अलग-अलग राज्यों में पाबंदी लगना शुरू हो चुका है। डेल्टा वेंरिएट नें दूसरी लहर में खूब तबाही मचाई तीसरी लहर का कारण ओमिक्रॉन है। तों वही कोरोना क़े तीसरे वेंरिएटं की ख़बर आ रही है साइप्रस में शोधकर्ताओं नें एक नए वेरिएंट का पता लगाया है। जों ओमिक्रॉन और डेल्टा का मिला झूला रूप है इसलिए वैज्ञानिकों ने इसे डेल्टाक्रॉन नाम दिया है। लेकिन कोरोना का यह नया वेंरिएट कितना खतरनाक हो सकता है? चलये जानने की कोशिश करते हैं इस रिपोर्ट में। दरअसल साइप्रस की यूनिवर्सिटी में बायो टेक्नोलॉजी और मल्योकिलर बायोलॉजी क़े प्रोफेसर क़े हवाले से रिपोर्ट में यह कहा गया कि साइप्रस में डेल्टाक्रॉन क़े फ़िलहाल 25 मामले दर्ज किए गए है। शोधकर्ताओं की टीम के मुताबिक ज्यादातर लोग डेल्टा और ओमिक्रॉन दोनों से संक्रमित पाए गए उनमे डेल्टाक्रॉन पाया गया।

क्या है कोरोना का नया वेरिएट डेल्टाक्रॉन? पूरी सच्चाई!
जेरूसलम पोस्ट नें अपनी एक रिपोर्ट में साइप्रस मेल का हवाला देते हुए बताया कि डेल्टाक्रॉन का जेनेटिक ब्रैकग्राउंट डेल्टा वेरिएट जैसा ही है। लेकिन इसमें कोरोना क़े नए वेरिएट ओमिक्रॉन क़े भी कुछ म्यूटेशन पाए गए डेल्टा वेरिएट क़े कारण पिछले साल दुनिया के सैकड़ों लोगों ने अपनी जान गवा दी थी। ऐसे में एक ऐसा वेरिएंट का पता चलना जो ओमिक्रॉन और डेल्टा का मिला झूला रूप है वह लोगों क़े बीच में डर कों और बढ़ा रहा है। हालांकि अभी यह साफ नहीं है कि डेल्टाक्रॉन ओमिक्रॉन सें ज्यादा खतरनाक है या नहीं? इससे पहले एक रिपोर्ट में कहा गया था कि नए वेरिएंट के लक्षण भी वही है जों डेल्टा और ओमिक्रॉन देखें गए है। हालांकि यह भी धयान दिया जाना चाहिए कि फ़िलहाल इस तरह क़े वेरिएट कों WHO यानी कि विश्व स्वास्थ्य संगठन भी किसी दूसरे अंतरराष्ट्रीय निकाई ने फिलहाल अधिकारी स्वीकृति नहीं दी है। कुछ विशेषज्ञ तो इस वेरिएंट को सिर्फ लैब में हुई चूक मान रही है हालांकि कोरोना के ओमिक्रॉन वेरिएंट पर विश्व स्वास्थ्य संगठन क़े प्रमुख की चेतावनी सच साबित होती दिखाई दे रही है। पूरे विश्व भर के 46 देशों में इस वक्त कोरोना की सुनामी आ गई है रिकॉर्ड केसेस दर्ज किए ज चुका है।

ब्रिटिश अखबार द डेली टेलीग्राफ क़े आंकड़े?
हालत यह है जिन देशों में बड़े पैमाने पर लोगों को वैक्सीन लग चुकी है वहां भी अस्पताल मरीजों से खचाखच भरे हुए नजर आ रहे हैं। ऐसे में संकेत मिल रहे हैं कि भारत और अमेरिका में अस्पतालों के ICU पूरी तरह से भर सकते है, जिससे मरीजों कों काफ़ी दिक्क़तो का सामना करना पड़ सकता है। ब्रिटिश अखबार द डेली टेलीग्राफ क़े आकड़ो पर आधारित रिपोर्ट के मुताबिक ओमिक्रॉन की वजह सें उन लोगों को कम गंभीर बीमारियों का सामना करना पड़ रहा है जिनकी इम्यूनिटी मजबूत है। लेकिन वह लोग जो पहले से ही दूसरी बीमारियों से जूझ रहे हैं उनके लिए ओमिक्रॉन जानलेवा साबित हो सकता है। हालांकि संक्रमण के बहुत ज्यादा मामले होने की वजह से दुनिया का स्वास्थ्य सिस्टम पूरी तरह से तबाह होने के कगार पर आ गया है। रिपोर्ट में वैश्विक डेटा के आधार पर कहा गया है कि दुनिया क़े 191 देशों में सें 46 देशों में दस लाख लोगों में नए कोरोना वायरस संक्रमण के मामलो की संख्या अपने सबसे ऊंचे स्तर पर पहुंच चुकी है। इसलिए चाहे ओमिक्रॉन वेरिएंट हो डेल्टा वेरिएंट हो या फिर डेल्टाक्रॉन वेरिएंट हो इन तमाम वेरिएंट से आप कैसे सुरक्षित रह सकते है।