कोरोनावायरस की केसेस लगातार बढ़ते जा रहे है बीते 24 घंटों में 33 हजार से ज्यादा कोरोंना केस सामने आए है। ओमिक्रॉन के केस अब तक देश में 1,700 से ज्यादा है ओमिक्रॉन केसेज जितनी तेजी से बढ़ रहे है उतनी ही तेजी से कोरोंना केसेज बढ़ रहे है। और अब सबसे के मन में सवाल यही कि कोरोंना वायरस की तीसरी लहर कब आएगी तो इस सवाल के कई सारे जबाब मिल चुके है कि कोरोना की तीसरी लहर करीब जो है जनवरी लास्ट या फरवरी शुरुवात में आ सकती है। इसको सही तरह से वैज्ञानिकों को और एक्सपर्ट में बताया है लेकिन जो सबसे ज्यादा सटीक बात मानी जाती है सबसे ज्यादा सटीक भविष्यवाणी सटीक संकलन माना जाता है वह है IIT कानपुर के प्रोफ़ेसर मणींद्र अग्रवाल का माना जाता है क्योंकि उन्होंने पहली लहर और दूसरी लहर को लेकर जो आकलन किए थे वह एक दम सही साबित हुए थे। आईआईटी प्रोफेसर अग्रवाल का अपने स्टडी के मुताबिक साफ तौर पर कहना है चुनावी रैली सुपर स्प्रेडर इवेंट साबित होंगी। कोरोंना की तीसरी लहर तो आएगी चाहे चुनावी रैलियां हो या ना हो लेकिन तीसरी लहर का आना पक्का है। लेकिन यह लहर और तेज होंगी और ज्यादा कोरोंना केसेज आयेगे।
प्रोसेसर मणींद्र अग्रवाल का कोरोंना को लेकर बड़ा दावा?
कोरोंना मरीजों की संख्या बढ़ जाएगी और ज्यादा दिक्कत सामने आएगी उसका कारण चुनावी रैलियां होंगी। पहले तो यह समझा जाए आखिर IIT प्रोफेसर मणींद्र अग्रवाल की बात में दम क्यू है तो दम इसलिए है क्योंकि पहली बात तो यह IIT कानपुर प्रोफ़ेसर मणींद्र अग्रवाल जो स्टडी होती है वह एक गणितीय सूत्र मेडिकल मॉडल मैं आए हुए फार्मूले के आधार से होती है। इसके साथ साथ वह कई देशों की वेब्स का आकलन करते हैं खास तौर पर उन्होंने दक्षिण अफ्रीका में आई वेब का आकलन किया उसके बाद पूरे देश में दुनिया में फैली यह वेंब के हिसाब से उन्होंने अपनी स्टडी में बताया है कि क्या क्या कब कब हो सकता है। दूसरी बात यह कि वह देखते हैं कि वैक्सीनेशन की रफ्तार क्या भारत में वैक्सीनेशन कितनी तेजी से चल रहा है और कितने की आवश्यकता है। IIT कानपुर के प्रोफेसर मणींद्र अग्रवाल नें अपनी स्टडी में साफ तौर पर पाया कि कोरोंना का यह वेरिएंट यानी ओमिक्रॉन जो है वह ज्यादा संक्रामक है लेकिन खतरनाक नहीं है। डेल्टा के मुकाबले कम खतरनाक है लेकिन यह बात साफ है कि जो पीक आएगा उसमें दो लाख केसेज हर रोज हो सकते है।
कोरोंना संक्रमण में असर डाल सकती हैं चुनावी रैलियां?
80 हजार से ज्यादा मरीजों को हर रोज अस्पताल में एडमिट करना पड़ सकता है लेकिन हैं घबराने की जरूरत इसलिए नहीं है क्योंकि यह कोरोंना का नया वेरिएंट उतना खतरनाक नहीं है जितना डेल्टा वेरिएंट वह वेरिएंट रहा जिसकी वजह से देश में दूसरी लहर आई थी। इस वक्त जो कोरोंना का नया वेरिएंट जो सबसे ज्यादा फैल रहा है वह ओमिक्रॉन की वजह से कोरोना संक्रमण में नंबर्स बढ़ेंगे लेकिन खतरा उतना ज्यादा नहीं है जितना डेल्टा वायरस में था। उसकी दो बड़ी वजह यह है कि नेचुरल यूनिमिटी तैयार हो रही है दूसरा यह कि वैक्सीनेशन हुआ है। और यह जो पीक है उसको कम किया जा सकता है थामा जा सकता है लेकिन अगर चुनावी रैलियां हुई तो उसकी वजह से पीक जल्दी आ सकता है और देश की स्थिति खराब हो सकती है। इसको साफ तौर पर आईआईटी कानपुर के प्रोफ़ेसर मणींद्र अग्रवाल नें अपनी स्टडी में कहा है। प्रोफेसर मणींद्र अग्रवाल नें जो बात कही है उसमे जो इंपॉर्टेंट बात पूरी दुनिया के साइंटिस्ट प्रोफेसर और एक्सपर्ट कह रहे है वैक्सीनेशन वह अकेला हथियार जिसकी वजह से किसी भी वेरिएंट को कम किया जा सकता है थामा जा सकता है रोका जा सकता है।