
उत्तर प्रदेश में शहर से लेकर रेलवे स्टेशन का नाम बदलने का काम जोरों पर है। मुगलसराय से लेकर इलाहाबाद रेलवे स्टेशन का नाम बदले जाने वाले इस लिस्ट में अब एक और नाम जोड़ लीजिए और वह है झांसी रेलवे स्टेशन दरअसल झांसी रेलवे स्टेशन नाम बदलने के रेलवे प्रपोजल को उत्तर प्रदेश सरकार ने मंजूरी दे दी है। अब आगे से झांसी रेलवे स्टेशन को वीरांगना लक्ष्मीबाई रेलवे स्टेशन के नाम से जाना जाएगा। केंद्रीय गृह मंत्रालय नाम बदलने की इस प्रोसेस को पहले ही एनओसी यानी नो ऑब्जेक्शन सर्टिफिकेट दे चुका है केंद्र सरकार की तरफ से मंजूरी मिलने के बाद उत्तर प्रदेश सरकार ने इसके लिए आदेश जारी कर दिया है। उत्तर प्रदेश के सीएम योगी आदित्य नाथ ने ट्वीट करते हुए भी इसकी जानकारी दी और लिखा :- उत्तर प्रदेश का ‘ झांसी रेलवे स्टेशन’ अब वीरांगना लक्ष्मीबाई रेलवे स्टेशन के नाम से जाना जाएगा। जहां उत्तर प्रदेश सरकार इसे बुंदेलखंड के नाम से आर्थिक लाभ से जोड़कर बता रही हैं लेकिन यहां टूरिस्ट की संभावनाएं बढ़ने की बात कह रही है। तो दूसरी तरफ इसे आने वाले विधानसभा चुनावों से पहले वोटों को साधने की राजनीति बताया जा रहा है। इसके साथ ही बीजेपी से राज्यसभा सांसद प्रभाष झा और दूसरे नेता बीते कुछ और तो सही नाम बदलने की मांग कर रहे थे।

योगी सरकार नें बदला एक और रेलवे स्टेशन का नाम?
अब इस पर रेलवे प्रशासन के साथ गृह मंत्रालय ने भी सहमति जताई तो उत्तर प्रदेश सरकार ने तुरंत मंजूरी दे दी। झांसी रेलवे स्टेशन का नाम बदलकर वीरांगना लक्ष्मीबाई रेलवे स्टेशन नाम करने पर सांसद अनुराग शर्मा ने कहा कि यह बुंदेलखंड के लोगों के लिए गर्व की बात है। उत्तर प्रदेश सरकार इससे पहले भी उत्तर प्रदेश के कई रेलवे स्टेशन का नाम बदल चुकी है। झांसी उत्तर प्रदेश का छठवां रेलवे स्टेशन है जिसका नाम बदला गया है। इससे पहले योगी सरकार मुगलसराय रेलवे स्टेशन को दीन दयाल उपाध्याय इलाहाबाद का प्रयागराज फैजाबाद को अयोध्या वाराणसी के मंडुआडीह रेलवे स्टेशन को बनारस नौगढ़ रेलवे स्टेशन का नाम बदलकर सिद्धार्थनगर कर चुकी है। अगर झांसी रेलवे स्टेशन के अब तक के इतिहास की बात करें तो 133 साल पुराने रेलवे स्टेशन को ग्रेट इंडियन पेनिनसुलर रेलवे ने स्थापित किया था। आज यहां से हर दिन 250 से ज्यादा ट्रेनें गुजरती है लेकिन अब अधिसूचना जारी होने के साथ ही रेलवे स्टेशन का कोड भी बदल दिया जाएगा। दरअसल रेलवे स्टेशन का नाम बदलने की प्रक्रिया में गृह मंत्रालय की बड़ी भूमिका होती है।

पहले राज्य सरकार रेलवे स्टेशन का नाम बदलने का रिक्वेस्ट केंद्र सरकार को भेजती हैं। इसके बाद केंद्र सरकार उस पर इंडियन रेलवे IB, यानी इंटेलिजेंस ब्यूरो पोस्टल डिपार्टमेंट यानी (Geological Survey of India) और एजेंसियों से NOC यानी कि नो ऑब्जेक्शन सर्टिफिकेट मांगता है। विभागों और एजेंसियों से NOC यानी कि नो ऑब्जेक्शन सर्टिफिकेट मिलने के बाद होम मिनिस्ट्री नाम बदलने को मंजूरी देता है।