महगाई की मार की मार जनता पर चारों तरफ से बढ़ रही है, पेट्रोल-डीजल और रसोई गैस के दामों में इजाफा होने क़े बाद अब उत्तर प्रदेश के प्राइवेट स्कूलों में पढ़ने वाले बच्चों के अभिभावकों को झटका लगा है। दरअसल उत्तर प्रदेश सरकार ने प्राइवेट स्कूलों को फीस बढ़ाने की इजाजत दे दी है, लेकिन जो आदेश सरकार ने जारी किया है। उस आदेश में यें कहा गया है, कि सालाना फीस में 5 फ़ीसदी से ज़्यादा बढ़ोतरी ने की जाए। आप सभी को पता होगा कि इससे पहले कोरोना वायरस के चलते फीस बढ़ाने पर रोक लगा दी गई थी। मिली जानकारी के मुताबिक महामारी एक्ट खत्म होने की वजह से शिक्षा विभाग में फीस बढ़ाने पर लगी रोक हटाई है। राज्य सरकार की ओर से जारी किए गए पत्र में बताया गया है, कि कोविड-19 की वजह से बढ़ती समस्याओं और परेशानियों के कारण लॉकडाउन घोषित कर दिया गया था। जिसमें छात्र-छात्राओं के अभिभावकों को रोजगार में दिक्कत आने लगी थी, और स्कूलों में फीस जमा करने में दिक्कतें हो रही थी। जिसको देखते हुए पहली बार जनहित के लिए शिक्षित संस्थानों में फीस ना बढ़ाए जाने का निर्देश दिया गया था।
महंगाई की मार प्राइवेट स्कूलों की फीस भी बढ़ेगी?
हालांकि अब तो आप भी देख रहे होंगे, की कोरोना महामारी मामलों में कमी आ रही है। हालात सामान्य हो रहे हैं, हालात सामान्य होने के बाद आम लोगों की जिंदगी पहले की तरह पटरी पर लौट रही है। जिसको देखते हुए उत्तर प्रदेश के प्राइवेट स्कूलों को फीस में इजाफा करने की अनुमति दे दी गई है, हालांकि सरकार की ओर से जारी पत्र में कहा गया है, कि सालाना फीस में 5 फ़ीसदी से ज्यादा इजाफा न किया जाए। आप सभी को बता दें अगर किसी छात्र, अभिभावक, अध्यापक या एसोसिएशन स्कूल फीस के संबंध में संतुष्ट नहीं है तो वो अधिनियम 218 की धारा 8 के तहत जिला शुल्क नियामक समिति के सामने अपनी शिकायत दर्ज करा सकता है।