उत्तर प्रदेश क़े सियासी गलियारों से एक बड़ी खबर आई है, खबर ऐसी है जो समाजवादी पार्टी को बेचैन कर सकती है। उसे हक्का-बक्का कर सकती है, और उसके इलेक्शन मिशन 2024 की हवा निकाल सकती हैं। ये वो खबर है जो जाहिर कर रही हैं, कि उत्तर प्रदेश में समाजवादी पार्टी के लिए परेशानियां बढ़ सकती हैं। यें वो खबर है, जो समाजवादी पार्टी के समीकरणों को पूरी तरह से फेल साबित कर सकती हैं। समीकरण भी ऐसे वैसे नहीं बल्कि वो समीकरण जो उत्तर प्रदेश में समाजवादी पार्टी की राजनीति का मूल आधार रहा है।बताया जा रहा है, कि समाजवादी पार्टी के खेमे में बिखराव और टूट-फूट के आसार और बढ़ गए हैं। अब तक समाजवादी पार्टी के खेमे से अखिलेश यादव के छोटे भाई की पत्नी अर्पणा यादव भाजपाई हो चुकी है, चाचा शिवपाल अपना गठबंधन तोड़ने के कगार पर ही खड़े हैं। समाजवादी पार्टी के दूसरे सहयोगी दलों को लेकर भी कहा जा रहा है, कि वो असंतुष्ट चल रहे हैं। और अपने लिए कोई बेहतर विकल्प की तलाश में है।
सपा से एक बड़ा मुस्लिम चेहरा हो सकता है जुदा?
विषय सूची
इस बीच एक और ऐसी खबर जो जोड़ पकड़ती दिख रही है। और समाजवादी पार्टी सुप्रीमो अखिलेश यादव की चिंता बढ़ा सकती है, बताया जा रहा है कि इन सब के बाद रामपुर से आने वाला पार्टी का एक प्रबल मुस्लिम चेहरा आजम खान भी पार्टी से भीतर ही भीतर खफा चल रहे हैं। उनकी इस कथित नाराजगी के पीछे कारण भी वाजिब है, चर्चा है कि जब आजम खान लगातार कुछ महीनों के लिए सलाखों में रहे थे। उस वक्त समाजवादी पार्टी सुप्रीमो अखिलेश यादव समेत कई आला चेहरों ने उनकी सुध लेने की जहमत नहीं उठाई हालांकि वो एक बार उनसे मिलने सीतापुर जेल जयपुर गए थे, लेकिन आजम खान के करीबियों का कहना है कि उन्हें जेल से छुड़ाने के लिए कोई विशेष प्रयास नहीं किए गए। आजम खान को लेकर यह भी चर्चा कि चुनाव के बाद वह आस लगाए बैठे थे, कि सदन में नेता प्रतिपक्ष बनाया जाएगा लेकिन वह भी नहीं हुआ। ऐसे में बताया जा रहा है कि आजम खान पार्टी से नाराज हो गए हैं, अब इस तरह की चर्चाओं में वाकई दम है। तो यें बात समाजवादी पार्टी के लिए बड़ा झटका साबित हो सकती है, क्योंकि आजम खान सपा में वो चेहरा उत्तर प्रदेश में सपा के लिए मुस्लिम वोट बैंक को बैलेंस करते आए है।
सपा के मुस्लिम नेता आजम खान दे सकते हैं पार्टी से इस्तीफा…?
सपा क़े M-Y फार्मूले में आजम खान ही वो शख्स थे, M फैक्टर यानी मुस्लिम फैक्टर मेंटेन रखते थे लेकिन आजम खान के कथित तौर से नाराज होने की सिर्फ यही वजह नहीं है, इसके अलावा पिछले दिनों एक खबर खूब चर्चाओं में रही थी। जब आशु मलिक अखिलेश यादव के साथ मुलायम सिंह यादव का आशीर्वाद लेने पहुंचे थे, आशु मलिक पार्टी का वह मुस्लिम चेहरा है जो सहारनपुर से जीते हैं। आशु मलिक और आजम खान दोनों ही पार्टी के मुस्लिम चेहरे है, और दोनों के बीच छत्तीस का आंकड़ा बताया जाता है। आशु मलिक कभी शिवपाल यादव के बेहद करीबी हुआ करते थे, लेकिन अब वह अखिलेश यादव के मोस्ट फेवरेट बताए जा रहे हैं। सियासी गलियारों में चर्चा है, कि अखिलेश यादव के साथ आशु मलिक की बढ़ती नजदीकियों ने उन्हें खफा कर दिया है। इसका सीधा सा मतलब यह हुआ कि कभी शिवपाल यादव के करीबी रहे आशु मलिक शिवपाल के निशाने पर तो है, तो वही आजम खान की नजरें भी उन्हें लेकर तिरछी बनी हुई है। उत्तर प्रदेश में कुछ-कुछ खबरें ऐसी भी कि कहीं इस कॉमन एंगल के कारण शिवपाल और आजम ने हाथ मिला लिया तो समाजवादी पार्टी बड़ा झटका लग जाएगा।
शिवपाल यादव और आजम खान एक दूसरे से मिला सकते हैं हाथ …?
समाजवादी पार्टी को हाल ही में हुए विधानसभा चुनाव में तगड़ा झटका लग चुका है। ऐसे में जब वह खुद को संभालने की कोशिश कर रही है, और बची खुची उर्जा को समेट 2024 के चुनाव की तैयारियों में जुटना चाह रही हैं। ऐसे में पार्टी में होने वाला संभावित बिखराव उसे गंभीर संकट में डाल सकता है, हालांकि ये तमाम बातें कयास और होती दिख रही संभावनाओं के दायरे तक ही सीमित है, लेकिन यें वो एक्टर्स जिन पर सपा सुप्रीमो को अभी से सावधान हो जाना चाहिए।