देश के नए महामहिम राष्ट्रपति के तौर पर द्रोपदी मुर्मू जल्द ही शपथ लेंगे उन्हें इस चुनाव में जबरदस्त समर्थन हासिल हुआ है। ना सिर्फ एनडीए घटक दलों ने बल्कि विपक्षी खेमे से भी उनके पक्ष में खूब वोट पड़े। इस बीच समाजवादी पार्टी नेता शिवपाल यादव ने एक बड़ा दावा कर दिया उनका कहना है इस चुनाव में न सिर्फ उन्होंने बल्कि उनके कहने पर सपा के विधायकों ने भी यशवंत सिन्हा को छोड़ एनडीए की ओर से राष्ट्रपति उम्मीदवार द्रोपदी मुर्मू के पक्ष में जमकर क्रॉस वोटिंग की लेकिन इस बीच यह सवाल भी खूब गूंज रहे हैं कि आखिर शिवपाल यादव ने ऐसा किया क्यों आखिर ऐसी क्या मजबूरी थी कि उन्होंने पार्टी लाइन कें विरुद्ध जाने को मजबूर होना पड़ा। और तो और सवाल यह भी उठे कि अगर उनकी खुद की इच्छा क्रॉस वोटिंग करने की थी उन्होंने इसके लिए सपा के बाकी विधायकों को भी क्रॉस वोटिंग करने को क्यों कहा? ऐसे तमाम सवाल हैं जो शिवपाल यादव की इस सनसनीखेज दावे के बाद सियासी गलियारों में गूंज उठे हैं।
सपा विधायकों ने भी की क्रॉस वोटिंग
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अगर हम यह कहे कि उन्होंने पार्टी लाइन से अलग जाने का फैसला अपने बड़े भाई मुलायम सिंह यादव के प्यार और सम्मान में किया तो आप क्या कहेंगे? चौंकिए मत यह एक ऐसी सच्चाई है जिसे जानेंगे तो आप भी चौंक जाएंगे। नए राष्ट्रपति चुनाव के नतीजे घोषित हो चुके हैं एनडीए की ओर से उम्मीदवार रही द्रोपति मुर्मू जल्द ही पद और गोपनीयता की शपथ भी लेने जा रही हैं। लेकिन इस बीच राष्ट्रपति चुनाव में हुई क्रॉस वोटिंग का मुद्दा लगातार तेजी पकड़ता ही जा रहा है चुनाव से पहले तो विपक्षी एकता के गुब्बारे में जो हवा भरी जा रही थी चुनाव के दौरान उसकी हवा निकलती दिखाई दी। अलग-अलग विपक्षी दलों के कई जनप्रतिनिधियों के पसंद यशवंत सिन्हा नहीं बल्कि द्रौपदी मुर्मू रही।
शिवपाल यादव ने किस के स्नेह और सम्मान में यशवंत सिन्हा को नहीं दिया वोट ?
इस बीच समाजवादी पार्टी के नेता शिवपाल यादव ने भी चुनाव के बाद एक लंबा पॉज लेकर एक गरमा गरम दावा कर दिया है दावा भी ऐसा जिस पर उत्तर प्रदेश के सियासी गलियारों में चर्चाएं तेज हो गई है। शिवपाल यादव ने दावा किया है कि राष्ट्रपति चुनाव से पहले उनके कहने पर समाजवादी पार्टी के विधायकों की द्रोपदी मुर्मू के पक्ष में वोट किया था। उत्तर प्रदेश में अखिलेश यादव ने घोषणा की थी क्योंकि पार्टी विपक्ष के उम्मीदवार एसएन सिन्हा कें पक्ष में मतदान करेगी लेकिन उनकी इस कॉल को खुद उन्हीं के चाचा शिवपाल यादव नें ना सिर्फ पलीता लगाया बल्कि अब वे यह दावे भी कर रहे हैं कि उनकी चिट्ठी की वजह से ही सपा की दूसरी विधायकों ने भी राष्ट्रपति चुनाव में क्रॉस वोटिंग की थी। लेकिन इस बीच यह सवाल भी खूब गूंजा कि आखिर शिवपाल यादव ने ऐसा किया क्यों? आखिर ऐसी क्या मजबूरी थी जो उन्हें पार्टी लाइन के विरुद्ध जाने को मजबूर होना पड़ा और तो और सवाल ये भी उठे कि अगर उनकी खुद की इच्छा क्रॉस वोटिंग करने की थी तो फिर इसके लिए उन्होंने सपा के बाकी विधायकों को भी क्रॉस वोटिंग करने को क्यों कहा ऐसे तमाम सवाल हैं जो शिवपाल यादव के इस सनसनीखेज दावे के बाद सियासी गलियारे में गूंज उठे है।
राष्ट्रपति चुनाव में सपा के विधायकों ने किसके प्रभाव में आकर की क्रॉस वोटिंग?
इसके पीछे के कारणों को जब टटोलने की कोशिश की गई तब जो facts निकल कर सामने आए वह अपने आप में बड़े चौंकाने वाले थे। आपको यह जानकर ताज्जुब होगा कि शिवपाल यादव ने अपने बड़े भाई मुलायम सिंह यादव के प्यार में ना सिर्फ खुद क्रॉस वोटिंग की बल्कि सपा कें दूसरे विधायकों को भी क्रॉस वोटिंग करने की अपील की थी। चलिए अब आपको बताते हैं कि यह पूरा माजरा आखिर है क्या? इसे समझने के लिए आपको कुछ एक दशक पीछे जाना होगा यह वो वक्त था जब विपक्ष की ओर से राष्ट्रपति पद के उम्मीदवार रहे यशवंत सिन्हा बीजेपी के वरिष्ठ नेताओं में गिने जाते थे उस समय उन्होंने मुलायम सिंह यादव के बारे में कुछ ऐसा कह दिया था जिससे मुलायम सिंह यादव के छोटे भाई शिवपाल सिंह यादव के दिल को दुखा दिया था। दरअसल उस दौरान यशवंत सिन्हा ने अपने एक बयान में मुलायम सिंह यादव को ISI का एजेंट कह दिया था उनकी इस बात से शिवपाल यादव बौखला उठे थे यशवंत सिन्हा के खिलाफ शिवपाल में वो नाराजगी अब तक बनी हुई थी।
राष्ट्रपति चुनाव में चाचा शिवपाल ने नहीं मानी भतीजे अखिलेश की बात
चुनाव से पहले शिवपाल यादव नें एक चिट्ठी सार्वजनिक कर यह सवाल उठा दिया था कि उन्हें मुलायम सिंह यादव के बेटे होते हुए भी अखिलेश यादव आखिर यशवंत सिन्हा को समर्थन क्यों दे रहे हैं। हालांकि शिवपाल यादव के उचित ठीक है बावजूद अखिलेश यादव अपने रुख पर कायम दिखाई दिए थे लेकिन अब जबकि राष्ट्रपति चुनाव के नतीजे घोषित हो चुके हैं जिसमें यह भी जाहिर हुआ विपक्षी खेमे से एनडीए उम्मीदवार रही द्रौपदी मुर्मू के पक्ष में खुलकर वोटिंग हुई। तो अब शिवपाल यादव ने भी दावा ठोक दिया है कि इस चुनाव में क्रॉस वोटिंग करने वालों में सपा के विधायक भी थे जिन पर उनकी इस चिट्ठी का असर हुआ था।