इस वक्त सोशल मिडिया पर एक वीडियो वायरल हों रहा है जिसमे चीनी सैनिको को गलवान घाटी में उनका झंडा फैराते हुए देखा जा सकता है। इसे लेकर दावा किया जा रहा है कि चीनी सैनिको नें एक बार फिर गलवान घाटी पर कब्जा कर लिया है। कहा जा रहा है डबल गेम खेलने के लिए क्या चीन नें नए साल के मौके पर पूर्व लद्दाख के डेम चोक इलाके में तोफा दिया था। ऐसा लग रहा था दोनों देशों के बीच रिश्ते सामान्य हो रहे है लेकिन कुछ ही घंटों के बाद चीन की असलियत सामने आ गई झंडा फहराने के बाद से ही चीन की सरकारी मीडिया समेत उसकी प्रोपेगेंडा मशीनरी ने इस वीडियो को सोशल मीडिया पर जोर शोर से शेयर करना शुरू कर दिया। क्या है पूरा मामला जानेंगे इस रिपोर्ट में चीन के मुद्दे को लेकर विपक्षी पार्टियों ने केंद्र और नरेंद्र मोदी की सरकार पर तीखा हमला करते हुए सवाल पूछा है कि गलवान घाटी पर पीएम मोदी चुप्पी कब तोड़ेंगे। कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने ट्वीट किया गलवान पर हमारा तिरंगा ही अच्छा लगता है, चीन को जवाब देना होगा मोदी जी चुप्पी तोड़ो।
अपनी घिनौनी हरकतों से बाज नहीं आ रहा चीन?
तो वही दूसरी तरफ चीन के सरकारी मीडिया ग्लोबल टाइम्स गलवान में चीनी सैनिकों द्वारा झंडा फहराने की तारीफ करते हुए लिखा :- गलवान घाटी में जहां दिखा था एक इंच भी जमीन कभी मत छोड़ो 1 जनवरी को PLA के जवानों ने चीनी जनता को संदेश दिया। इसी मामले से जुड़े वीडियो को ट्विटर पर शेयर चीन की सरकारी मीडिया से जुड़े शेन सिवेंई ने लिखा :- वर्ष 2022 के पहले दिन गलवान घाटी पर चीन का राष्ट्रीय ध्वज फहराया गया यह झंडा काफी खास है क्योंकि यही ध्वज कभी थियानमान चौक पर फहराया गया था। बता दे थियानमान चौक चीन में स्थित वही स्थान है जहां चीन नें कभी लोकतंत्र के समर्थक छात्रों पर गोलियों की बौछार कर दी थी। इस घटना में अनगिनत लोग मारे गए थे, इस मसले पर रिटायर्ड लेफ्टिनेंट कर्नल जनरल संजय कुलकर्णी नें क्या यह भी आपको बता तें है। चीन बात चीत तो कर रहा है लेकिन उस बात चीतसे कोइ मसला हल नहीं हों रहा है। धीरे-धीरे करके देखें तो चीन की जो गतिविधियां वह उकसाने वाली गतिविधियां है चाहे वह LAC के ऊपर हों उसके द्वारा इस तरीके से एलएसी के ऊपर चीन का जमावड़ा बढ़ता जा रहा है। आपको बता दें कि इस मामले को लेकर यह भी कहा जा रहा है।
क्या चीन में सच में गलवान घाटी में फहराया है तिरंगा?
जो चीन के सैनिकों ने यह झंडा फहराया वह अपनी ही सीमा में फहराया गया है। हालांकि इस बात की अभी तक पुष्टि नहीं हुई है और आपको यह भी बता दें कि साल 2020 में चीनी सैनिकों ने गलवान घाटी में भारतीय सैनिकों पर हमला कर दिया था। भारतीय सैनिकों की टोली गैरकानूनी कब्जे पर बात करने गई थी तभी चीनी सैनिकों ने भारतीय सैनिकों पर अचानक हमला कर दिया। भारत के सैनिक इस अचानक हुए हमले के लिए बिल्कुल तैयार नहीं थे इसके बावजूद भारतीय सैनिकों ने चीन के कई सैनिकों को ढेर कर दिया था। इस पूरे हमले में भारत के 15 सैनिक शहीद हुए थे हालांकि चीन अपने जवानों की मौत को महीनों तक नकारता रहा था। बता दे भारत के साथ चीन लगातार उकसाने वाली कार्रवाई कर रहा है हाल ही में चीन ने अरुणाचल प्रदेश के 15 स्थानों का नाम बदल दिया था। चीन की इस करतूत पर भारत ने दो शब्द कहा था अरुणाचल भारत का अभिन्न अंग है इससे पहले साल 2017 में अप्रैल में भी चीन ने ऐसी ही कोशिश की थी।