उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में 10 मई तक धारा 144 लागू कर दी गई है, प्रशासन यें कदम रमजान, ईद, अंबेडकर जयंती, गुड फ्राइडे और संडे समेत अन्य त्योहारों को देखते हुए यें कदम उठाया है। इसके अलावा विधान सभा के आस-पास ट्रैक्टर-ट्रॉली घोड़ा गाड़ी और जलन सील पदार्थ ले जाने पर भी पूर्ण रूप से प्रतिबंध लगा दिया गया है। यही नहीं 10 मई तक विधान सभा के आस-पास धरना प्रदर्शन पर भी बैन रहेगा, इस दौरान उत्तर प्रदेश विधान सभा के साथ सरकारी दफ्तरों के 1 किलो मीटर के दायरे में ड्रोन से शूटिंग पर भी पाबंदी रहेगी। यें पाबंदी या 9 अप्रैल से लागू हो गई है, संयुक्त पुलिस आयुक्त पीयूष मौर्या ने कहा की कोविड महामारी के मद्देनजर जारी केंद्र सरकार की गाइडलाइंस कार्यक्रम, त्योहार, पर्व और तमाम प्रवेश परीक्षाओं क़े आयोजन के चलते विशेष सतर्कता बरतनी जरूरी है। तमाम पार्टी कार्यकर्ताओं, भारतीय किसान संगठनों और प्रदर्शनकारियों के धरना प्रदर्शन से शांति व्यवस्था भंग हो सकती है, इस लिए धारा 144 लागू की गई है।
लखनऊ में 10 मई तक क्यों लगी धारा 144?
प्रशासन ने बिना इजाजत जुलूस निकालने पर भी रोक लगा दिए है, जबकि रात 10:00 बजे से सुबह 6:00 बजे तक लाउडस्पीकर के इस्तेमाल पर भी रोक है। हालांकि धार्मिक सार्वजनिक स्थल रोशनी नियमों के मुताबिक लाउडस्पीकर के इस्तेमाल की इजाजत कायम रहेगी, वही संयुक्त पुलिस आयुक्त पीयूष मौर्य ने कहा अगर राजधानी में बिना मार्क्स के कोई नजर आता है, तो उससे जुर्माना वसूला जाएगा। वही आपको बता दें इस आदेश में सरकारी दफ्तरों और विधान सभा भवन के ऊपर 1 किलो मीटर की एरिया में ड्रोन कैमरे से शूटिंग करने पर पूरी तरह से रोक है। दूसरी जगहों पर भी पुलिस कमिश्नर और ज्वाइन कमिश्नर की इजाजत के बिना किसी भी तरा की शूटिंग और फोटोग्राफ भी नहीं लीं जाएगी, आदेश में साफ कहा गया है कि लखनऊ में रेस्टोरेंट, सिनेमा हॉल, स्विमिंग पूल और पाक पूरी क्षमता के साथ खुले रहेंगे। हालांकि इस दौरान कोविड टेस्ट होना जरूरी है, इसके अलावा धार्मिक स्थलों और धार्मिक कार्यक्रमों में कोविड-19 गाइडलाइंस के साथ मार्क्स पहनना जरूरी है। इसके अलावा कोई भी बिना अनुमति के 5 या इससे ज्यादा व्यक्ति का किसी प्रकार का कोई जुलूस नहीं निकाला जा सकता है, जबकि सार्वजनिक स्थानों पर भी 5-6 से ज्यादा व्यक्तियों का समूह बनाने पर भी रोक है।