दुनिया भर में फैल रहे मंकीपॉक्स वायरस नें लोगों की चिंता बढ़ा दी है। वही इसको लेकर आए दिन नई रिपोर्ट्स भी सामने आ रही है हालिया रिपोर्ट में दावा किया गया है कि इस वायरस की चपेट में महिलाओं की तुलना में पुरुष सबसे अधिक आ रहें है। कुछ तों इसे महामारी का टैग देने से साफ इंकार कर रहे हैं क्योंकि यह समलैंगिक लोगों में अधिक फैल रहा है। न्यू इंग्लैंड जर्नल ऑफ मेडिसिन की एक रिपोर्ट में सामने आया है कि मंकीपॉक्स संक्रमण वाले करीब 98 फीसद मरीज समलैंगिक पुरुष भाय सेक्सुअल पुरुष है। इन सबके बीच लोगों के मन में एक सवाल उठ रहा है कि क्या मंकीपॉक्स समलैंगिक लोगों में ही फैल रहा है? इस दावे को लेकर सोशल मीडिया पर कई खबरें वायरल हो रही है। इन खबरों में दावा किया जा रहा है कि मंकीपॉक्स समलैंगिक लोगों में ही फैलता है क्या सही में ऐसा हो रहा है और इस बात में कितनी सच्चाई है आपको बताते है।
मंकीपॉक्स वायरस पर क्या है एक्सपर्ट्स की राय
इसके लिए हमें दैनिक भास्कर की एक रिपोर्ट पर गौर करना होगा जहां दो एक्सपर्ट्स के साथ हुई बातचीत को कोट किया गया। पहली एक्सपर्ट डब्ल्यूएचओ में साउथ ईस्ट एशिया की रीजनल डायरेक्टर पूनम खेत्रपाल सिंह है। उनका कहना है कि मंकीपॉक्स के मामले उन पुरुषों में ज्यादा मिले हैं जो पुरुषों के साथ यौन संबंध बनाते हैं। हालांकि इस बीमारी के खिलाफ लड़ाई में हम लोगों को संवेदनशील और भेदभाव से मुक्त रहना चाहिए। वहीं दूसरे एक्सपर्ट संक्रामक रोग विशेषज्ञ डॉ चंद्रकांत लहरिया का कहना है कि मंकीपॉक्स के ज्यादातर मामले पुरुषों में मिले हैं लेकिन अभी हम इसे सेक्सुअली ट्रांसमिटेड डिजीज नहीं कह सकते है। इस बात पर रिसर्च चल रही है कि क्या ये एक यौन रोग है। यौन संबंध बनाते समय दो लोग करीब आते है ऐसे नहीं कांटेक्ट डिजीज होने की वजह से भी यह बीमारी फैल सकती है।
सेक्स से फैला रहा है मंकीपॉक्स ?
वहीं WHO की तरफ से 25 मई 2022 को जारी की गई एक रिपोर्ट के मुताबिक कई ऐसे देशों में मंकीपॉक्स के मामले सामने आए हैं जहां इसका वायरस नहीं मिलता है। रिपोर्ट में बताया गया है इसमें कुछ मंकीपॉक्स के मामले होमोसेक्सुअल और बाय सेक्सुअल पुरुषों में देखे गए हैं। वहीं कुछ मामले ट्रांसजेंडर कमेटी के लोगों में भी देखने को मिले हैं हालांकि यह बात से यह साफ नहीं होता है कि मंकीपॉक्स सिर्फ होमोसेक्सुअल और बाय सेक्सुअल लोगों को होता है। यह बीमारी हर उस इंसान को हो सकती हैं जो किसी संक्रमित व्यक्ति के संपर्क में आया हों। ऐसे में एक्सपर्ट एतिहात बरतने की सलाह देती डब्ल्यूएचओ ने इस बीमारी को लेकर गाइडलाइंस भी जारी कर रखी है। जिसके मुताबिक संक्रमित व्यक्ति को खुद को आइसोलेट कर लेना चाहिए और लगातार एक्सपर्ट्स की राय लेना बेहद आवश्यक है। आपको बताते चलें कई यूरोपियन देशों के अलावा ऑस्ट्रेलिया, कनाडा, नाइजीरिया, अमेरिका और भारत के साथ-साथ कई देशों में यह बीमारी अपने पैर पसार चुकी है। आपको बता दें इसके साथ इस बीमारी में इंसान के पूरे शरीर पर पानी वाले दाने होने लगते है इस दौरान तेज बुखार भी रहता है। जिन लोगों को मंकीपॉक्स होता है उन्हें सर दर्द, शरीर में थकान और मांसपेशियों का दर्द बना रहता है।