उत्तर प्रदेश की बांदा जेल में बंद माफिया विधायक मुख्तार अंसारी को बड़ी राहत मिली है मऊ कोर्ट नें बुधवार को गैंगस्टर एक्ट के केस में मुख्तार अंसारी को जमानत पर रिहा करने का आदेश दिया है। एक लाख मुचलके पर तत्काल रिहाई के आदेश दिए गए हैं, रिहाई का आदेशबांदा जेल के अधीक्षक के पास भेजा जाएगा। हालांकि दूसरे मुकदमे भी लंबित थे, इसी लिए मुख्तार अंसारी को अभी जेल में ही रहना होगा। मुख्तार अंसारी के जेल से निकलने की खबरों का मऊ पुलिस नें खंडन किया है, कहा जा रहा है कि मुख्तार अंसारी के खिलाफ अभी भी 15 मामले दर्ज है। लिहाजा उनका जेल से बाहर आना संभव नहीं दिख रहा है, आपको बताने सातवें चरण में मऊ जिले में चुनाव होना है। और उनकी जगह इस बार उनके बेटे मऊ सदर से चुनावी ताल ठोक रहे हैं। बता दें कि मुख्तार अंसारी को साल 2010 में मऊ के दक्षिण टोला थाने में दर्ज केस में एमपी एमएलए कोर्ट नें 1 लाख रूपये के मुचलके पर जमानत दी है।
माफिया मुख्तार अंसारी को बड़ी राहत?
न्याय धीश दिनेश चौरसिया नें यह आदेश जारी किया है क्योंकि गैंगस्टर एक्ट में अधिकतम सजा 10 साल की होती है। और मुख्तार अंसारी इस मुकदमे के दर्ज होने के बाद से लगातार जेल में है, मुख्तार अंसारी पर मऊ के दक्षिण टोला थाने में दवा और सरकारी गनर की हत्या का मामला दर्ज हुआ था। इसी मामले में कोर्ट ने मुख्तार अंसारी को जमानत दी है मुख्तार अंसारी के वकील के मुताबिक कोर्ट ने कहा कि गैंगस्टर एक्ट में मात्र 10 साल की सजा होती है। और मुख्तार अंसारी 10 साल से ज्यादा समय से जेल में बंद है। ऐसे में मुख्तार अंसारी को 1 लाख रूपये मुचलके पर बांदा जेल से सरकार रिहा करें इसी को लेकर गैंगस्टर एक्ट केस में मुख्तार अंसारी को रिहा करने का यह आदेश मऊ एमपी एमएलए कोर्ट ने दिया है, लेकिन मुख्तार अंसारी पर अभी भी दो गैंगस्टर एक्ट के मुकदमे अजय राय पर जानलेवा हमला और मुन्ना सिंह हत्या कांड के गवाह की हत्या समेत तमाम मुकदमे दर्ज हैं। जिस पर फैसला आना अभी बाकी है इस लिए मुख्तार अंसारी को अभी जेल में ही रहना होगा