उत्तर प्रदेश में भगवा पताका लहरा कर भारतीय जनता पार्टी (BJP) भले ही जीत का जश्न मना रही हो लेकिन इस जीत में उसके दिल में वह धक-धक भी हैं, जिसे आप शायद सुनना पाए हों। दरअसल भारतीय जनता पार्टी (BJP) नें उत्तर प्रदेश के चुनावी अखाड़े में बेशक 255 सीटों का आंकड़ा झटक लिया हों और बेशक अपने सहयोगियों निषाद पार्टी और अपना दल के साथ जीत के तिहरे शतक वाले आंकड़े के करीब तक पहुंच गए हों लेकिन इस बीच एक ऐसा फैक्टर भी है, जिसने उसे सन्न कर दिया है। चलिए अभी सस्पेंस को खत्म कर देतें है, और आपको बताते हैं कि कैसे इस बार उत्तर प्रदेश के चुनावी अखाड़े में समाजवादी पार्टी (SP) ने कई सीटों पर बीजेपी पर तो कई सीटों पर बीजेपी ने सपा को बेहद कांटे की टक्कर दी है। चुनाव आयोग ने जो आंकड़े बताए हैं, उसके मुताबिक प्रदेश की 15 सीटें ऐसी रही जहां हार जीत का अंतर 1 हजार वोटों से भी कम करा। इसमें सबसे नजदीकी मुकाबला देखने को मिला धामपुर विधान सभा सीट पर जहां भाजपा उम्मीदवार अशोक राणा को जीत तो मिली लेकिन महज 203 वोटों के अंतर से वहीं चांदपुर विधान-सभा सीट पर जहां सपा के उम्मीदवार स्वामी ओमवेस बीजेपी के कमलेश सैनी से महज 234 वोटों के अंतर से ही जीत पाए।
यूपी जीती फिर क्यों सन्न रह गई बीजेपी आइए जानते हैं?
बिलासपुर सीट पर बीजेपी बलदेव ओखल सपा उम्मीदवार अमरजीत सिंह से महज 307 वोटों के अंतर से ही जीते। बड़ौत में भी बीजेपी की कृष्णपाल मलिक आरएलडी के उम्मीदवार जसवीर से महज 315 वोटों से आगे रहें, दिव्यापुर में सपा से प्रदीप यादव को बीजेपी उम्मीदवार लखन सिंह से महज 473 वोटों के अंतर से ही जीत मिली। कुर्सी में बीजेपी के सकेंद्र प्रताप सपा के उम्मीदवार राकेश वर्मा से सिर्फ 217 वोटों के अंतर से ही जीते मुरादाबाद नगर में बीजेपी के रितेश गुप्ता सपा के उम्मीदवार युसूफ अंसारी से 782 वोटों से ही आगे रहे। नागपुर में भी बीजेपी के मुकेश चौधरी सपा के उम्मीदवार धर्म सिंह से 315 वोटों से आगे रहे, नहतौर में बीजेपी के ओम प्रकाश सपा उम्मीदवार मुंशीराम से सिर्फ 258 वोटों के अंतर से जीत पायें। वही डुमरियागंज में सपा की सैयदा खातून भी बीजेपी उम्मीदवार राघवेंद्र प्रताप के मुकाबले 271 वोटों के अंतर से जीती। इसरौली से सपा की ही मोहम्मद ताहिर खान को अपनी बीजेपी प्रतिद्वंदी ओम प्रकाश पांडे से 269 वोटों के अंतर जीत मिली। जसराना से सपा के सचिन यादव भी जीते लेकिन बीजेपी मानवेंद्र प्रताप सिंह महज 836 वोटों के अंतर से कटरा में बीजेपी उम्मीदवार वीर विक्रम सिंह सपा की राजेश यादव से महज 357 वोटों के मार्जन से जीते।
2017 के मुकाबले डट कर लड़ी समाजवादी पार्टी!
शाहगंज में निषाद पार्टी के रमेश को जीत मिली लेकिन जीत का अंतर 719 वोटों का ही रहा, वही रामनगर में सपा की फरीद महफूज को बीजेपी उम्मीदवार शरद अवस्थी से सिर्फ 261 वोटों के अंतर से जीत मिली है। उत्तर प्रदेश में साल 2022 का मुकाबला बीजेपी ने फतेह बेशक कर लिया हो लेकिन प्रदेश की ऐसी अनेकों सिटी जहां दोनों पार्टियों के बीच हार जीत का आंकड़ा कहीं हजार वोटों से तो कहीं दो हजार वोटों से तो कही 5000 वोटों से भी कम का रहा।समाजवादी पार्टी प्रमुख अखिलेश यादव पहले ही अपने बयान में बड़े हुए वोट शेयर को लेकर खुशी जता चुके हैं। ऐसे में उन्हें बेशक हार झेलनी पड़ी हो लेकिन प्रदेश में बतौर विपक्षी उन्होंने की सियासी जमीन को 2017 के मुकाबले और मजबूत कर लिया है।