यूक्रेन की सेना रूसी सेना को हरा देगी : Jens Stoltenberg
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रूस और यूक्रेन के बीच जंग का आज 81 वा दिन है दोनों देशों के सेना एक दूसरे को ज्यादा नुकसान पहुंचाने का दावा कर रही है। लेकिन इस बीच उत्तरी अटलांटिक संधि संगठन(NATO : North Atlantic Treaty Organization) के चीफ जेन्स स्टालिन टेनवर्ग (Jens Stoltenberg) नें यह कहकर सबको चौंका दिया है कि यूक्रेन की सेना रूसी सेना को पराजित कर देगी।
NATO को अपना समर्थन देना जारी रखना चाहिए ।
दरअसल आपको बता दें कि उत्तरी अटलांटिक संधि संगठन(NATO : North Atlantic Treaty Organization) के चीफ जेन्स स्टालिन टेनवर्ग (Jens Stoltenberg) ने दावा किया है कि रूस से यूक्रेन जंग जीत सकता है । जेन्स स्टालिन टेनवर्ग (Jens Stoltenberg) ने बर्लिन में एक बैठक के दौरान नाटो देशों से यूक्रेन को सैन्य सहायता भेजने का आग्रह किया। उन्होंने कहा कि यूक्रेन इस युद्ध को जीत सकता है ,यूक्रेनियन बहादुरी से अपने देश की रक्षा कर रहे हैं । उन्होंने कहा कि हमें यूक्रेन को अपना समर्थन देना जारी रखना चाहिए।स्टालिन टेनवर्ग ने बर्लिन में नाटो (NATO) देशों के विदेश मंत्रियों की एक बैठक में यह बड़ी बात कही।
उन्होंने कहा कि इस योजना के मुताबिक रूस ने यूक्रेन पर हमला किया था । उस तरह से युद्ध जारी नहीं है , स्टोलेन टेनवर्ग ने कहा कि रूस यूक्रेन की राजधानी कीव पर कब्जा करने में सफल नहीं हो सका। रूसी सैनिक हार की वजह से पीछे हट रहे हैं और सोन वासा में उनका आक्रमण रुक गया है।बैठक में जर्मनी के विदेश मंत्री एनालिना बियरबोक नाटो देश यूक्रेन कों सहायता प्रदान करने के लिए तैयार है ताकि रुसी सैनिको को पीछे हटने मे यूक्रेन को मदद मिल सके। एनालिना बियरबोक ने कहा की हम सहमत है की जब तक यूक्रेन को आत्मरक्षा के लिए जब तक हमारे समर्थन की आवश्यकता है। तब तक हमें अपने प्रयासों मे विशेष रूप से सैन्य समर्थन के मामलो मे ना तो झुकना चाहिए और ना है छोड़ना चाहिए।
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फिनलैंड और स्वीडन भी NATO में शामिल होना चाहता है ।
स्टोलेन टेनवर्ग नें कहा की फिनलैंड की ओर से पूछताछ की गई है की वह नाटो (NATO) मे शामिल होने के लिए तैयार है।उन्होंने कहा की फिनलैंड की सदस्यता हमारी साझा सुरक्षा कों बढ़ाएगी साथ ही इससे यह मैसेज जाएगा की किसी के लिए भी नाटो (NATO) का दरवाजा खुला है। बता दे की जब रुसी राष्ट्रपति वलादिमीर पुतिन नें 24 फरवरी को यूक्रेन के खिलाफ विशेष सैन्य अभियान की घोषणा की थी तभी से फिनलैंड और स्वीडन नाटो (NATO) मे शामिल होने की रूचि दिखा रहे है ।
इस बीच अमेरिकी विदेश मंत्री एँथनी वलिंकिन नें कहा की राष्ट्रपति जो वॉइडेन की सरकार फिनलैंड और स्वीडन की नाटो (NATO) सदस्यता का समर्थन करेगी।वही पुतिन नें 14 मई कों फिनलैंड के राष्ट्रपति सॉली नितिस्तो को फोन कर कहा की फिनलैंड की सुरक्षा को कोई खतरा नहीं है और नाटो मे शामिल होना एक गलती होगी और इसका रूस फिनलैंड संबंधो पर नकारात्मक असर पड़ेगा। फिनलैंड के प्रधानमंत्री संना मरीन नें कहा की नाटो मे शामिल होने से फिनलैंड के लिए शांति और सुरक्षा की गारंटी मे मदद मिलेगी।उन्होंने कहा की हमने रूस के साथ युद्ध किये है और हम अपने लिए यह अपने बच्चों के लिए ऐसा भविष्य नहीं चाहते हैं। इस खबर में फ़िलहाल इतना ही।
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