Russia-Ukraine Dispute : काफी चीज़ों के बढ़ सकते हैं दाम।
Russia-Ukraine Dispute : कोरोना की वजह से पहले ही मंहगाई में तेज़ी आई है और व्यवसाय में भी खासा नुकसान देखने को मिला है और अब रूस–यूक्रेन विवाद के चलते आने वाले दिनों में महंगाई और बढ़ने के आसार नज़र आ रहे हैं। इस विवाद के कारण अंतरराष्ट्रीय बाजार में क्रूड ऑयल (कच्चा तेल) का दाम 95डॉलर प्रति बैरल के पार निकल चुका है। ऐसा करीब 8साल पहले देखने को मिला था। कच्चे तेल की कीमत बढ़ने से आने वाले दिनों में पेट्रोल-डीज़ल की कीमतें बढ़ना तय माना जा रहा है।
जानिए पूरी रिपोर्ट में क्या-क्या हो सकता है महंगा और आम आदमी की जेब पर इसका क्या असर होगा।
नैचुरल गैस हो सकती है महंगी।
Russia-Ukraine Dispute : रूस-यूक्रेन विवाद के कारण सबसे बड़ा खतरा नैचुरल गैस की सप्लाई चेन के नुकसान होने को लेकर है। विश्व की कुल नैचुरल गैस उत्पादन में 17% हिस्सा रूस का है, ऐसे में इस विवाद की वजह से नैचुरल गैस सप्लाई प्रभावित ही रही है। विश्व भर में इसका असर भी दिखने लगा है और गैस की कमी भी देखी जा रही है और आने वाले दिनों में LPG और CNG की कीमतों में प्रति किलो 10 से 15 रुपए तक की बढ़ोतरी हो सकती है। LPG महंगी होने से खाना पकाना महंगा हो सकता है और CNG महंगी होने से गाड़ी चलाना महंगा हो सकता हो जाएगा, और CNG से चलने वाली गाड़ियों का किराया भी बढ़ेगा।
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पेट्रोल-डीज़ल के दामों में आएगा उछाल।
Russia-Ukraine Dispute : 05 राज्यों के विधानसभा चुनावों के बाद आम आदमी को महंगाई का झटका लग सकता है। चुनाव के नतीजे 10मार्च को आने हैं। इसके बाद पेट्रोल-डीज़ल महंगे हो सकते हैं, क्योंकि कच्चे तेल के दाम पिछले 8साल तक के अपने उच्चतम स्तर पर हैं। एक्सपर्ट्स का अनुमान है कि, पेट्रोल-डीज़ल के दाम में 15 से 20 रुपए तक का उछाल देखने की मिल सकता है।
IIFL सिक्योरिटीज के वाइस प्रेसिडेंट अनुज गुप्ता का कहना है कि, आगे भी पेट्रोल-डीज़ल की कीमतों में उछाल जारी रहेगा और अंतरराष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल की कीमत 100 डॉलर प्रति बैरल तक जाने का अनुमान है। कच्चे तेल के इंटरनेशनल मार्केट में 1डॉलर प्रति बैरल महंगा होने पर पेट्रोल-डीज़ल की कीमत में प्रति लीटर 50-60 पैसे तक का इज़ाफा होता है।
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एल्यूमीनियम और तांबा भी हो सकता है महंगा।
Russia-Ukraine Dispute : विश्व के कुल एल्यूमीनियम उत्पादन में रूस का 6% हिस्सा है, और इस विवाद के चलते एल्यूमीनियम की सप्लाई चेन भी प्रभावित हो रही है। फरवरी में भी अब तक एल्यूमीनियम की कीमत 15% तक बढ़ चुकी है।
इसके अलावा विश्व में रूस का 3.5% हिस्सा तांबे के सप्लाई में भी है, और इस विवाद के कारण तांबा भी महंगा हो सकता है। दोनों ही धातुओं का इस्तेमाल ऑटो इंडस्ट्रीज और बर्तनों के अलावा और भी कई चीज़ों में होता है। इस की वजह से आने वाले दिनों में एल्यूमीनियम और तांबे से बनी वस्तुएं भी महंगी होने की पूरी संभावना है।
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सोना-चांदी भी हो सकता है महंगा।
Russia-Ukraine Dispute : रूस-यूक्रेन में तनाव के चलते सोने-चांदी की कीमतों में बहुत तेज़ी देखने को मिल रही है। सोना फिर से 51हज़ार रुपए प्रति 10ग्राम और चांदी 65हज़ार रूपए प्रति किलो के करीब पहुंच चुके हैं।
इंडियन बुलियन एंड ज्वैलर्स एसोसिएशन (IBJA) की वेबसाइट के अनुसार आज यानी बुधवार को सर्राफा बाजार में सोने का भाव 50,620 रुपए प्रति 10ग्राम पर है, और चांदी का भाव 63,000 रुपए प्रति किलोग्राम चल रहा है। एक्सपर्ट्स का कहना है कि, अभी सोने की कीमतों में तेज़ी की पूरी संभावना है, क्योंकि महंगाई कंट्रोल नहीं हो पा रही है। इंटरनेशनल मार्केट में अगले 3-4 महीने में सोना 2,000डॉलर के स्तर तक पहुंच सकता है। इससे भारत में सोना 52हज़ार रुपए के पार हो सकता है।
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लेखक : कशिश श्रीवास्तव