ओमीक्रॉन का डर जो है. वो पूरी दुनिया में तेजी सें फैल रहा है। करण साफ है. ओमीक्रोम क़े मामले भी पूरी दुनिया में तेजी सें फैल रहे है. भारत में भी ये मामले काफ़ी तेजी सें फैल रहे है। अब लोगों क़े मन में जो डर है. जो संका है वो यही है. कि भारत में तीसरी लहर कब आयेगी। और आयेगी तों कितनी खतरनाक होंगी। इसका जबाब अलग अलग तरीको सें आ रहा है, अब जो जवाब आया है. अंग्रेजी अखबार टाइम्स ऑफ इंडिया में छपी एक रिपोर्ट के अनुसार आया है, उसमें ऑफिशल सोर्सेस से जो खबर आई है। उसमें साफ तौर पर लिखा गया है. कि जनवरी -फरवरी में ये जो लहर है. वो तेज हों सकती है. यानी तीसरी लहर ओमीक्रोम की वजह सें जनवरी -फरवरी में आ सकती है। ऑफिशल सोर्सेस से जो खबर दीं गई है. उसमें साफ तौर पर बताया गया है. डेल्टा क़े मुकाबले ओमीक्रोम ज्यादा खतर है. इस लिए जनवरी -फरवरी में जो बात हों रही है. वह सही साबित हों सकती है। यानी कि ओमीक्रोम की वजह सें तीसरी लहर जनवरी -फरवरी में आ सकती है।
मणीद्र अग्रवाल ओमिक्रोन कों लेकर बड़ा दावा?
इसके पहले IIT कानपुर क़े जो प्रोफेसर है. मणीद्र अग्रवाल अपने अनुसार बताया था, दिसम्बर क़े लास्ट महीने सें जनवरी शुरूवात सें ये तीसरी लहर शुरू हों सकती है। और जनवरी लास्ट सें फरवरी क़े पहले सप्ताह ये अपने तेजी पर हों सकती है। मणिद्र अग्रवाल यह बात इसलिए जरूरी हो जाती है क्योंकि उन्होंने जो पहली लहर और दूसरी लहर को लेकर जो जानकारी दी थी बिल्कुल सही साबित हुई थी, दरअसल मणीद्र अग्रवाल की बात में वजन इस लिए भी ज्यादा होता है, क्योंकि वो एक मैथमेटिक्स मॉडल गणित के सूत्रों के अनुसार से फॉर्मूला निकलते हैं, और उसके अनुसार जानकारी देते है। अब जो दूसरे सोर्सेस से खबर आई है, उसमें भी साफ तौर पर ही बताया जा रहा है. की जनवरी -फरवरी वह महीने हो सकते हैं. जिस में देश में तीसरी लहर ओमीक्रोम की वजह सें आ सकती है। इसके साथ -साथ अगर हम ओमीक्रोम की बात करे तो देश में इसकी मामले तेजी से बढ़ रहे हैं।
भारत में कुल किनते ओमिक्रोन क़े केस?
भारत में अब तक 61 ओमीक्रोम क़े मामले रिपोर्ट किए जा चुके है. जिसमें सबसे ज्यादा महाराष्ट्र से मामले हैं महाराष्ट्र में 28 मामले ओमीक्रोम क़े सामने आए हैं। राजस्थान से 17 दिल्ली से 6 गुजरात से 4 मामले अब तक रिपोर्ट हो चुकी है। देश में तीसरी लहर को लेकर जो आशंका जताई जा रही है, वह यही जताई है. जा रही है कि जनवरी फरवरी वो महीने हो सकती है, जब नंबर और केसेस तेजी से बढ़ सकते है। लेकिन इस इन्फेक्शन मे गंभीर परिणाम देखने को नहीं मिलेंगे हल्का होगा। लेकिन इसके दूसरी तरफ जा कर देखे तों ओमीक्रोम पर WHO नें साफ किया है. कि ऐसा बिल्कुल ना समझे की इसके संक्रमण कम होंगे यह पूरी तरीके से गंभीर परिणाम वाले हो सकते हैं। इसलिए सबसे पहले बात है. हमें खयाल रखने की जरूरत है. हम बात आती है. ओमीक्रोम सें आखिर कैसे बचा जाये तों पूरी दुनिया के जानकार और एक्सपर्ट का साफ तौर पर कहना है. कि वैक्सीनेशन ही एक अकेला रास्ता है. जिससे ओमीक्रोम कों हराया जा सकता है। या फिर कोरोंना क़े किसी भी वेरिएंट को रोका या थामा जा सकता है।