कौन है स्वामी प्रसाद मौर्य (Swami Prasad Maurya)? जिनके बीजेपी छोड़ने और सपा में शामिल होने से क्या सियासी असर पड़ेगा। तो चलिए आपको यह भी बताते हैं कि स्वामी प्रसाद मौर्य (Swami Prasad Maurya) का जन्म 2 जनवरी 1954 में प्रतापगढ़ जिले के चकवड गांव में हुआ था। और उनका बचपन भी गरीबी में गुजरा उन्होंने इलाहाबाद यूनिवर्सिटी से लॉ में ग्रेजुएशन और एम ए की डिग्री हासिल की है। 1980 में पहली बार राजनीति में आए केशव प्रसाद मौर्य के पास तीन दशकों से ज्यादा का राजनीति का अनुभव है। वह फिलहाल कुशीनगर की पडरौना से 5 बार विधायक रह चुके हैं स्वामी प्रसाद मौर्या पिछड़ा वर्ग के बड़े नेता माने जाते हैं। वह मौर्य समाज से आते हैं उत्तर प्रदेश में मौर्य जाति का 6 फ़ीसदी वोट है ऐसे में यूपी में स्वामी प्रसाद मौर्य (Swami Prasad Maurya) का मौर्य समाज का कद्दावर नेता माना जाता है। बसपा में रहते हुए उन्होंने मौर्य समाज के बीच अच्छी पैठ बनाई है जिसके चलते पश्चिमी यूपी से लेकर पूर्वांचल तक उनकी पकड़ मानी जाती है। तो देखना अब यह होगा स्वामी प्रसाद मौर्या का बीजेपी छोड़ सपा में शामिल होना क्या नया रंग लेकर आता है।
स्वामी प्रसाद मौर्य (Swami Prasad Maurya) नें छोड़ा बीजेपी का साथ?
स्वामी प्रसाद मौर्य (Swami Prasad Maurya) उत्तर प्रदेश सरकार के पूर्व मंत्री थे , और इन्होने अब भारतीय जनता पार्टी का साथ छोड़ दिया है, और इनके इन बयानों कों सुनकर शायद ही कोई सोचे कि यें कभी बीजेपी का साथ छोड़ेंगे। लेकिन उन्होंने अब कैबिनेट मंत्री पद से अब इस्तीफा देकर यूपी की अब राजनीति में हलचल बढ़ा दी है। इसके साथ ही स्वामी प्रसाद मौर्य (Swami Prasad Maurya) ने बीजेपी का साथ छोड़कर अखिलेश यादव की समाजवादी पार्टी से जुड़ चुके है जिसकी जानकारी समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यछ अखिलेश यादव ने ट्वीट कर के दी ।
सामाजिक न्याय और समता-समानता की लड़ाई लड़ने वाले लोकप्रिय नेता श्री स्वामी प्रसाद मौर्या जी एवं उनके साथ आने वाले अन्य सभी नेताओं, कार्यकर्ताओं और समर्थकों का सपा में ससम्मान हार्दिक स्वागत एवं अभिनंदन!
— Akhilesh Yadav (@yadavakhilesh) January 11, 2022
सामाजिक न्याय का इंक़लाब होगा ~ बाइस में बदलाव होगा#बाइसमेंबाइसिकल pic.twitter.com/BPvSK3GEDQ
आपको बता दें कि साल 2016 में ज़ब स्वामी प्रसाद मौर्य (Swami Prasad Maurya) ने बसपा छोड़ा तो मुलायम सिंह, शिवपाल यादव और आदम खान ने उन्हें सपा में आने का खुला न्यौता दिया था, हालांकि 2017 में स्वामी प्रसाद मौर्य (Swami Prasad Maurya) बीजेपी में शामिल हो गए। लेकिन अब वह कुछ सालों बाद वापस आखिरकार सपा में आधिकारिक तौर पर शामिल हो ही गए हैं। स्वामी प्रसाद मौर्य (Swami Prasad Maurya) के इस्तीफे में लिखी हुई बातों पर नजर डालें तो लगता है कि वह राज्य में बीजेपी सरकार के काम से खुश नहीं है।
साल 2016 में मायावती की बसपा पार्टी छोड़ने के बाद बीजेपी ज्वाइन कर यही स्वामी प्रसाद मौर्या बीजेपी का गुणगान करते नहीं थक रहे थे। यही नहीं स्वामी प्रसाद मौर्य (Swami Prasad Maurya) ने यह तक कहा था कि बीजेपी को चुन उन्होंने सही समय पर सही पार्टी का चयन किया है और इसके लिए उन्हें कोई शिकवा और शिकायत नहीं है। लेकिन खास बात यह है कि उनका बीजेपी से सिर्फ 5 साल में ही मोहभंग हो गया और उन्होंने सपा का साथ थाम लिया। आपको बतादें प्रतापगढ़ में जन्मे स्वामी प्रसाद मौर्य (Swami Prasad Maurya) कभी मायावती के सबसे खास लोगों में एक माने जाते थे। लेकिन जून 2016 में बसपा से इस्तीफा देने के बाद उन्होंने मायावती पर टिकट बेचने जैसे गंभीर आरोप तक लगा दिए। लेकिन खास बात यह है कि उनका बीजेपी से सिर्फ 5 साल में ही मोहभंग हो गया और उन्होंने नें इस बार सपा का दामन थाम लिया।
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