The Kashmir Files सिनेमा घरों में 11 मार्च 2022 को रिलीज़ हुई थी। जब से यह फिल्म रिलीज़ हुई है तब से पूरे देश में इस फिल्म की चर्चा हो रही है। यहां तक की प्रधानमंत्री ने भी इस फिल्म को सिनेमा घरों में देखने की अपील की है। कश्मीरी पंडितों पर हुए ज़ुल्म और उनके पलायन पर बनी The Kashmir Files ने एक खास वर्ग के दिलों में अपनी जगह बना ली है।
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The Kashmir Files मूवी के डायरेक्टर को मिली Y कैटेगरी सुरक्षा
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इंटेलिजेंस ब्यूरो के थ्रेट परसेप्शन रिपोर्ट के आधार पर गृह मंत्रालय ने ‘द कश्मीर फाइल्स’ (The Kashmir Files) के डायरेक्टर विवेक अग्निहोत्री को Y कैटेगरी की सुरक्षा दी है। इसका मतलब हुआ कि अब विवेक पूरे देश में कहीं भी जाएंगे तो उनके साथ CRPF के जवान हर वक्त मौजूद रहेंगे।
इस फिल्म पर कई लोगों के बयान सामने आ रहे हैं। कुछ लोगों का कहना है कि यह फिल्म कश्मीरी पंडितों के दर्द को बखूबी बयां करती है। तो कुछ लोग इस फिल्म को प्रोपोगेंडा मान रहे हैं।
आइए देखते हैं इस फिल्म पर आए लोगों के कुछ बयान
The Kashmir Files के विवादों के बीच 15 मार्च 2022 मंगलवार को प्रधानमंत्री मोदी ने भाजपा संसदीय दल की बैठक में एक बड़ा बयान दिया। मोदी ने कहा, “सत्य को दबाने का प्रयास किया गया।” मोदी ने इस फिल्म की तारीफ करते हुए कहा कि ऐसी फिल्में कई बार बनाई जानी चाहिए। फिल्म में वह सच दिखाया गया है जिसे कई सालों तक दबाया गया।
उमर अब्दुल्ला ने कहा फिल्म सच्चाई से दूर
The Kashmir Files को उमर अब्दुल्ला ने सच्चाई से काफी दूर बताया है। अब्दुल्ला का कहना है कि अगर यह फिल्म एक डॉक्यूमेंट्री भी होती हम समझ सकते थे। लेकिन मेकर्स ने खुद कहा है कि ये फिल्म सत्य घटनाओं पर आधारित है। लेकिन सच्चाई तो यह है कि इस फिल्म में कई तथ्य गलत दिखाए गए हैं। सबसे बड़ा झूठ तो यह है कि फिल्म में दिखाया गया कि उस समय नेशनल कांग्रेस की सरकार थी। लेकिन सच तो यह है कि तब घाटी में राज्यपाल का शासन था। वहीं केंद्र में भी तब वी.पी. सिंह की सरकार थी और उसको बीजेपी का समर्थन था।
Many false things have been shown in 'The Kashmir Files' movie. During that time Farooq Abdullah was not J&K's CM but Governor rule was there. VP Singh's govt was there in the country which was backed by BJP: Former Jammu and Kashmir CM Omar Abdullah pic.twitter.com/DN0dMQz5L2
— ANI (@ANI) March 18, 2022
अमित मालवीय ने दिया अब्दुल्ला के बयान पर जवाब
अमित मालवीय ने कई ट्वीट कर अब्दुल्ला की बात को नकार दिया है कि फिल्म में सब कुछ गलत दिखाया गया है। अमित ने ट्वीट में लिखा, “इंदिरा गांधी ने जगमोहन को 1984 में जम्मू-कश्मीर का राज्यपाल नियुक्त किया था। वहीं 1989 में अपना इस्तीफा देने से पहले जगमोहन ने राजीव गांधी को चेतावनी दी थी कि घाटी में इस्लामिक बादल छा रहे थे। इसके बाद राजीव गांधी ने जगमोहन को लोकसभा का टिकट दिया था, लेकिन उन्होंने वो लेने से मना कर दिया।”
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आगे अमित ने लिखा, “जब 18जनवरी,1990 को फारूख अब्दुल्ला ने इस्तीफा दिया था, तब 22जनवरी को जगमोहन फिर घाटी आए थे। लेकिन तब तक घाटी पर जिहादियों का पूरा कब्ज़ा था। मस्जिदों से घोषणा हो रही थी कि कश्मीरी पंडित या तो धर्म परिवर्तन कर लें, या छोड़ दें या मर जाए। लेकिन तब कायरों कि तरह फारूख ने हिंदुओं को धोखा दे दिया था।
Indira Gandhi appointed Jagmohan as Governor of J&K in 1984 and before resigning in Jul 1989, he had warned Rajiv Gandhi about the dark Islamist clouds threatening the valley. Thereafter Rajiv offered him ticket to contest LS, which he declined.
He was reappointed on 20Jan1990…
— Amit Malviya (@amitmalviya) March 18, 2022
स्वामी प्रसाद मौर्य ने कहा अधूरी फिल्म
The Kashmir Files पर सियासी घमासान चालू है इसी बीच समाजवादी पार्टी के नेता स्वामी प्रसाद मौर्य ने कहा, “यह एक अधूरी फिल्म है।” उन्होंने कहा कि इसमें कश्मीरी पंडितों का ही उत्पीड़न दिखाया गया है, पाक अधिकृत कश्मीर में मुसलमानों और पंडितों पर हुए अत्याचारों को नहीं दिखाया गया है।”
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The Kashmir Files पूरी तरह सियासी बयानों से घिरी हुई है और यह मुद्दा गरमाता ही जा रहा है। लेकिन फिल्म का बॉक्स ऑफिस कलेक्शन तो यही बयां कर रहा है कि दर्शकों को यह फिल्म बहुत पसंद आ रही है।
लेखक – कशिश श्रीवास्तव