देश में लंबे समय से बेरोजगारी की समस्या वो मुद्दा है, जिसने युवाओं के माथे पर बल डाल रखा है। तो उधर इस मुद्दे पर मौके-मौके से विरोधी दल की सरकार कों आड़े हाथ लेते रहे है। तेजी से बढ़ती जनसंख्या में नौकरियों की भरमार की जरूरत है लेकिन अफसोस जितने हाथ है उतने काम नहीं है। यें हम नहीं कह रहे बल्कि यें खुलासा हुआ है CMIE यानी सेंटर फॉर मॉनिटरिंग इंडियन इकॉनमी की एक रिपोर्ट से इस की ओर से जारी किए गए आंकड़ों से पता चला है कि अप्रैल का महीना खत्म होते-होते महंगाई दर बढ़कर 7.83 फीसदी तक हो गई है। यें वो दर है जिसमे मार्च से अप्रैल के बीच उछाल दर्ज किया गया है, मार्च के महीने में बेरोजगारी की दर 7.60 फीसदी थी यानी इसी 1 महीने के भीतर उसमें 0.23 फीसदी की बढ़ोतरी हों गई है। आपको ये जानकर हैरत होगी कि बेरोजगारी की सबसे ज्यादा थपेड़े युवा उत्तरी राज्य हरियाणा में झेल रहे हैं, इस बीजेपी शासित राज्य के जो आंकड़े सामने आए वो बताते हैं कि देश के इस छोटे से राज्य में बेरोजगारी की दर 34.5 फ़ीसदी है। यानी यहां पर काम-काज कर सकने लायक आबादी में से एक चौथाई से भी ज्यादा लोग बेरोजगारी की मार झेल रहे हैं।
CMIE की रिपोर्ट बेरोजगारी में BJP शासित कौन सा राज्य अव्वल ?
वही बात अगर पड़ोसी राज्य राजस्थान की करें तों हालांकि बेरोजगारी क़े मामले में इस कांग्रेस शासित राज्य क़े हाल भी बेहाल है लेकिन हरियाणा की तुलना में यहां पर हालात कुछ बेहतर है। राजस्थान में बेरोजगारी की दर 28.8 फीसदी है, वही बिहार में 21.1 फ़ीसदी लोग बेरोजगार है। जबकि जम्मू-कश्मीर में बेरोजगारी का आंकड़ा 15.6 है, इस संबंध में एक बड़ा बयान CMIE क़े प्रबंध निर्देशक महेश व्यास की ओर से सामने आया है। उन्होंने इस बीच एक छोटी सी राहत वाली बात यें कही है कि अप्रैल के महीने में श्रमबल की भागीदारी और रोजगार की दर में भी कुछ बढ़त दर्ज की गई है उन्होंने इसे अच्छा संकेत माना है। इससे जुड़ा एक अहम आंकड़ा साझा करते हुए उन्होंने बताया कि अप्रैल के महीने में रोजगार की दर 36.46 फीसदी से बढ़कर 37.05 फीसदी तक पहुंच गई है। रोजगार की दर में आया यें उछाल कुछ राहत भरा तो जरूर है लेकिन बेरोजगारी की बढ़ती दर ने चिंता बढ़ा रखी है ऐसे में ख़ास तौर से बेरोजगारी में अव्वल हरियाणा राज्य कों इस बारे में कुछ गंभीरता से विचार करने की जरूरत है।