भारत में केंद्र सरकार और राज्य सरकार शिक्षा व्यवस्थाओं को दुरुस्त करने के लिए कई सारे कदम उठा रहे हैं। लेकिन कोरोना काल के समय में छात्रों की पढ़ाई ऑनलाइन तरीके से कराई जा रही थी। लेकिन इस पर यूनेस्को की एक रिपोर्ट ने (UNESCO State Education Report 2021) भारत के स्कूलों की पोल को खोल दिया है।
UNESCO State Education Report 2021 के मुताबिक सिर्फ 19% स्कूलों में है बेहतर इंटरनेट सुविधा
यूनेस्को की एक रिपोर्ट (UNESCO State Education Report 2021) बताती है कि भारत में सिर्फ 19% स्कूल ऐसे हैं जिनके पास बेहतर इंटरनेट कनेक्टिविटी की सुविधा उपलब्ध है। ऐसे में सरकारों का हमेशा से यह कहना रहता है कि उन्होंने प्राथमिक और माध्यमिक विद्यालयों में छात्रों की बेहतर शिक्षा प्रदान करने के लिए सारी सुविधाएं मुहैया करा दी है जिनकी जरूरत छात्रों को थी। लेकिन सरकारों के इस दावे का पोल यूनेस्को की एक ताजा रिपोर्ट (UNESCO State Education Report 2021) ने पूरी तरह से खोल दिया है।
कोरोना के समय में शिक्षा को टेक्नोलॉजी से जोड़ने का हुआ था काम
जब से दुनिया में कोरोना आया तब से भारत समेत दुनिया के सभी देश लगभग शिक्षण व्यवस्थाओं को नई टेक्नोलॉजी के जरिए जोड़ना शुरु कर दिया। कक्षाओं को ऑनलाइन तरीके से संचालित कराए जाने लगी। ऐसे में बच्चों की पढ़ाई के लिए कंप्यूटर से जुड़े उपकरणों का महत्वपूर्ण योगदान रहा।
क्या बताती है UNESCO State Education Report 2021 ?
यूनेस्को की स्टेट एजुकेशन रिपोर्ट 2021 (UNESCO State Education Report 2021) में भारत में कुल कंप्यूटिंग उपकरणों की उपलब्धता केवल 22% ही पाई गई है। अगर शहरी और ग्रामीण इलाके के बीच में आंकड़ों की तुलना करें तो यह आंकड़े 43 और 18% है। वहीं UNESCO State Education Report 2021 ने बताया की भारत में 19% स्कूल ऐसे हैं जहां इंटरनेट की सुविधा मौजूद है।
ग्रामीण और शहरी इलाकों में क्या है आकड़े का अंतर?
UNESCO State Education Report 2021 के मुताबिक ग्रामीण इलाकों में मौजूद स्कूलों में सिर्फ 18% ऐसे हैं जिनके पास इंटरनेट कनेक्टिविटी की सुविधा है जबकि शहरी इलाके में यह आकड़ा 43% है। भारत सरकार और राज्य सरकार इस बात का दावा कर रही थी छात्रों को बेहतर शिक्षा उपलब्ध कराने के लिए सभी आवश्यक चीजों को मुहैया करा दिया गया है तो क्या सिर्फ हवा हवाई दावे हैं?
शिक्षको की संख्या में हुई है बढ़ोत्तरी- UNESCO State Education Report 2021
यूनिफाइड डिस्टिक इनफॉरमेशन सिस्टम फॉर एजुकेशन के मुताबिक 2018-19 में भारत में 1600000 स्कूलों में करीब 94 लाख शिक्षक कार्यरत थे। जबकि इन शिक्षकों का आंकड़ा 2019-20 में बढ़कर 97 लाख हो गया था। ये जरूर दिखाते हैं की स्कूलों में छात्र शिक्षक अनुपात में काफी हद तक सुधार हुआ। लेकिन 2013-14 में देश भर में 8900000 शिक्षक थे वह संख्या 94 लाख तक पहुंच गया था।
ज्यादातर 1 शिक्षकों के भरोसे है कई लाख छात्रों का जीवन -UNESCO State Education Report 2021
यूनिफाइड डिस्टिक इनफॉरमेशन सिस्टम फॉर एजुकेशन यह भी बताया कि निजी स्कूलों में छात्रों के अनुपात में शिक्षकों की मांग 10% तो सरकारी स्कूलों में 6% तक की कमी पाई गई। देश में वही कुल 110971 की स्कूलों में जहां केवल एक ही शिक्षक के सहारे बच्चों के भविष्य को तराशने का काम किया जा रहा है।
कुल शिक्षकों में से आधी सिर्फ महिलाओं की है संख्या
देशभर में स्कूलों में कार्यरत 9400000 शिक्षकों में से आधी आबादी महिलाओं की शामिल है। आसान शब्दों में कहें तो भारत में स्कूली शिक्षा की पूरी कमान ज्यादातर महिलाओं के हाथों में है। इन आंकड़ों में बदलाव राज्यों के हिसाब से अलग-अलग हो सकते हैं। जैसे केंद्र शासित प्रदेशों की बात करें तो शिक्षकों की संख्या में महिला शिक्षकों की संख्या 70% से अधिक पाई गई जबकि चंडीगढ़ में 82 दिल्ली में 74, चुरू में 78% महिला शिक्षकों की संख्या में पाई गई है।
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