Union Budget 2022-23 : स्वास्थ्य बजट में 135 फ़ीसदी की बढ़ोतरी।

Union Budget 2022-23 

Union Budget 2022-23 : पिछले 2 साल में कोरोना के कारण पूरी दुनिया ही परेशान चल रही है। भारत की स्वास्थ्य अवस्था पर बहुत ज्यादा गहरा असर पड़ा है। इन्हीं बातों को ध्यान में रखते हुए बजट 2022 और 23 में हेल्थ सेक्टर के लिए बूस्टर डोज की उम्मीद की जा रही है। बजट में हेल्थ केयर सिस्टम को लेकर जिन दो बातों पर जोर दिया जा रहा है नेशनल डिजिटल हेल्थ इकोसिस्टम और नेशनल टेली मेंटल हेल्थ प्रोग्राम। स्वास्थ्य क्षेत्र में भारी बदलाव करने के लिए इसमें स्वास्थ्य बजट में 135 फ़ीसदी की बढ़ोतरी की गई है। यह पिछले साल 94000 करोड़ से बढ़कर 238000 करोड कर दिया गया है।

Union Budget 2022-23

किसान को अत्याधुनिक बनाने की पहल ।

Union Budget 2022-23 : इस साल 2022 और 23 के लिए किसानों को अत्याधुनिक खेती करने के लिए जोर दिया गया है। इसमें किसानों को ड्रोन तकनीक रसायन मुक्त प्राकृतिक खेती सार्वजनिक निजी भागीदारी को बढ़ावा दिया जाएगा। कृषि और कृषक कल्याण योजनाओं का कुल बजट इस बार 124 लाख करोड़ रुपए रखा गया है जो पिछले बजट से तकरीबन छह हजार करोड़ से ज्यादा है। आम किसानों की आय बढ़ाने के लिए और खेती की हालत सुधारने के लिए तकनीक और ऑर्गेनिक खेती को बढ़ावा देने पर जोर दिया गया है। हालांकि न्यूनतम समर्थन मूल्य एमएसपी पर खरीदारी का लक्ष्य पिछली बार के 285000 करोड़ से कम किया गया है। सरकारी फसल खरीद की यह रकम सीधे किसानों के खेत में भेजी जाएगी। किसानों को बेहतरीन तकनीक उपलब्ध कराने के साथ-साथ भूमि रिकॉर्ड के लिए डिजिटलीकरण और कीटनाशकों के छिड़काव के लिए ड्रोन तकनीक पर जोर देने के साथ ही कृषि स्टार्टअप और ग्रामीण के वित्त पोषण के लिए। नबार्ड के माध्यम से यह निवेश मॉडल के तहत जुटाई गई मिश्रित पूंजी के साथ एक फंड की सुविधा दी जाएगी। सरकार एग्रोटेक और स्टार्टअप को पीपीपी मॉडल पर योजना शुरू करेगी क्योंकि किसानों को डिजिटल और हाईटेक बनाना चाहती है । भूजल को बचाने के लिए और उसके स्तर को बढ़ाने के लिए सरकार मोटे अनाज उगाने के लिए प्रोत्साहित करेगी। इससे मिट्टी और मानव स्वास्थ्य दोनों ही बरकरार रहेगा। सरकार द्वारा अंतरराष्ट्रीय स्तर पर मोटे अनाज की घरेलू खपत को बढ़ाने के लिए उत्पादन और बिक्री में सहायता करेगी। इससे एक और फायदा होगा। मोटे अनाज कम पानी में पैदा हो जाता है। जहां पानी का संकट है। वहां इस चीज को बढ़ावा मिलेगा। भूजल का दोहन कम हो और कीटनाशकों का अंधाधुंध उपयोग पर भी रोक लगेगी।

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मत्स्य और पशु पालन में बजट की स्थिति बेहतर।

Union Budget 2022-23 : इस साल पशुपालन मत्स्य पालन और डेयरी मंत्रालय का बजट बढ़ाकर 2118 करोड़ कर दिया गया है जो पिछले साल केवल 1407 करोड रुपए ही था।

खाद्य तेल के लिए लक्ष्य ।

Union Budget 2022-23 : भारत खाद्य तेल के लिए हमेशा से ही दूसरे देशों पर ही आश्रित रहा है और बहुत ज्यादा आयात करता है। इसी कमी को पूरा करने के लिए खेती को बढ़ावा देने के लिए नया मिशन राष्ट्रीय खाद्य तेल मिशन(एन एम ई – ओ ए एस) को शुरू किया गया है। इसके जरिए वर्ष 2025 तक पैदावार 1676 किलोग्राम हेक्टेयर से बढ़ाकर कुल उत्पादन 54.10 मिलियन टन करने का लक्ष्य है। भारत हमेशा से ही खाद्य तेल की जरूरत को पूरा करने के लिए आयात पर निर्भर रहता है। अंतरराष्ट्रीय तेल की कीमतें घरेलू कीमतों को प्रभावित करते हैं। किसानों में भरोसा पैदा किया जाएगा नई योजना के तहत की पाम आयल की खेती करी जाए।

Union Budget 2022-23 : तिलहनी फसलों के लिए उत्पादन बढ़ावा देने के लिए 600 करोड रुपए का प्रावधान किया गया है। इसमें इस बात पर जोर दिया गया है कि धान उत्पादन के कारण पड़ी बंजर भूमि। अंतर फसलें और गैर पारंपरिक राज्यों में सरसों और सोयाबीन और फसल विविधीकरण के जरिए बढ़ावा दिया जाएगा।

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फसल अवशेष प्रबंधन प्रदूषण कम होगा आए बनाने में मिलेगी मदद।

Union Budget 2022-23 : भारत में हमेशा से ही फसल अवशेष को जलाने वाले प्रदूषण का मुद्दा बड़ी समस्या है। इससे छुटकारा पाने के लिए किसानों की फसल अवशेषों से बायोमास इंधन बनाने के लिए उत्साहित किया जाएगा। इसका फायदा यह होगा कि बिजली बनाने के लिए उपयोग होने वाले कोयले में 7 से 5 फ़ीसदी बायोमास इंधन मिलाया जाएगा। इससे कई सकारात्मक फायदे होंगे जैसे किसानों की आमदनी बढ़ेगी। साथ ही ग्रामीणों को रोजगार मिलेगा। इससे 38 मिलियन टन कार्बन डाइऑक्साइड का उत्सर्जन होगा। सरकार कार्बन उत्सर्जन में कटौती करने और आयात निर्भरता घटाने के लिए एथेनॉल को गन्ने से बनाया जाएगा। फमेटेशन और डिस्टलेशन की प्रक्रिया के बाद एथेनाल मिलता है। इससे किसानों का भी फायदा है क्योंकि एथेनॉल को गन्ने से बनाया जाता है ऐसे में ब्लेडिंग की जरूरत होती है। बजट में भी घोषणा का उद्देश्य कच्चे तेल के आयात में कमी करना है। तमाम मौकों पर सरकार भी बिल्डिंग पर जोर दे चुकी है 20% एथेनॉल सम्मिश्रण के साथ लक्ष्य की प्राप्ति के लिए इसका समय 5 साल कम कर दिया गया है 2025 रखा गया है इसमें खास प्रक्रिया के तहत गन्ने और गेहूं व टूटे चावल जैसे खराब हो चुके खाद्यान्न तथा कृषि अवशेषों से एथेनॉल निकाला जाता है। इसमें प्रदूषण भी कम होता है और किसान को अलग से आमदनी कमाने का मौका भी मिलता है।

Union Budget 2022-23 : भारत दुनिया का तीसरा सबसे बड़ा तेल आयातक देश है। भारत 85% मांग को पूरा करने के लिए विदेशों से आयात पर निर्भर है।वर्तमान एथेनॉल अपूर्ति वर्ष सितंबर अक्टूबर मैं भारत की योजना गैसोलीन के साथ 10% एथेनॉल मिश्रण करने की है। किसके लिए 4 अरब लीटर एथेनॉल की जरूरत होगी वर्ष 2023 तक 20% सम्मिश्रण स्तर हासिल करने के लिए। 10 अरब लीटर एथेनॉल की जरूरत होगी।

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लेखक : आदर्श

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